आर्थिक भगोड़ा एवं शराब कारोबारी विजय माल्या को उस वक़्त लोगों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने उसके ख़िलाफ़ ‘चोर है, चोर है’ के जमकर नारे लगाए। दरअसल, विजय माल्या इंग्लैंड के ओवल क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया का मैच देखने पहुँचा था। इसी दौरान वहाँ मौजूद लोगों ने उसे देखकर ‘विजय माल्या चोर है’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
ख़बर के अनुसार, रविवार (9 जून) की रात को जब माल्या अपनी गर्लफ्रेंड (किंगफिशर की पूर्व एयर होस्टेस) पिंकी लालवानी और माँ ललिता के साथ स्टेडियम से बाहर निकला, तो क़रीब 100 भारतीय क्रिकेट प्रेमियों ने उन्हें घेरते हुए ‘चोर है, चोर है’ का जमकर नारा लगाया। मौक़े पर मौजूद कुछ लोगों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड भी किया। जैसे ही भीड़ थोड़ी कम हुई, तो माल्या ने एक रिपोर्टर से कहा, “मुझे यक़ीन है कि मेरी माँ को चोट नहीं आई है।”
इस भीड़ में एक आदमी ने चिल्लाते हुए कहा, “लोग उससे प्यार करते हैं!”, एक ने कहा, “मर्द बनो! देश से माफी माँगो”, इस पर माल्या ने जवाब दिया, “धन्यवाद, ऑल द बेस्ट।” भीड़ में एक अन्य शख़्स, जिसकी मदद के लिए माल्या ने अपने हाथ आगे बढ़ाए उसने कहा कि कोई चोर उसे छू नहीं सकता, वहीं एक दूसरे शख़्स ने चिल्लाते हुए कहा, “तुम चोर हो।”
यह पूछे जाने पर कि उसकी अदालती सुनवाई की तैयारी कैसे चल रही है, माल्या ने कहा, “तैयारी चल रही होगी, लेकिन आज मैं मैच देखने और भारतीय क्रिकेट टीम का समर्थन करने आया हूँ। बाद में मिलते हैं।” इसके बाद बिना किसी सवाल का जवाब दिए उसने क्रिकेट स्टेडियम गेट में प्रवेश कर लिया और कहा, “मैं यहाँ खेल देखने के लिए हूँ।”
भगोड़े व्यवसायी माल्या की हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। दरअसल, 10 दिसंबर 2018 को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था, जिसके बाद माल्या ने वहाँ की हाईकोर्ट में अपील कर दी थी। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की चीफ़ मजिस्ट्रेट जस्टिस एम्मा अर्बुथनोट ने उस वक़्त माल्या के मामले को गृह सचिव साजिद जावेद के पास भेज दिया था, उन्होंने भी फरवरी में प्रत्यर्पण की मंज़ूरी दी थी।
शराब कारोबारी विजय माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया था। माल्या को कड़ा झटका देते हुए मुंबई की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा ‘आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था। ब्रिटेन के गृहमंत्री साजिद जावीद ने चार फ़रवरी 2019 को माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। माल्या को वहाँ की हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया था।