इन दिनों भारत-पाकिस्तान के बीच का रिश्ता चर्चा का गंभीर विषय बना हुआ है। आमतौर पर होता यह है कि जब किसी विषय पर चर्चा होती है तो उसके दो पहलू भी होते हैं, एक होता पक्ष और दूसरा विपक्ष। पक्ष और विपक्ष की इसी बहस में हालात कभी-कभी इतने बिगड़ जाते हैं कि स्थिति पर क़ाबू पाना काफ़ी मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक मामला मिर्ज़ापुर का है जहाँ हथियाबांध गाँव में गुरुवार (मार्च 1, 2019) को सुबह चाय की दुकान पर एक युवक ने पाकिस्तान की तारीफ़ कर दी।
बता दें कि तारीफ़ करने वाला ये शख़्स अपने ससुराल में ही रहता है। भारत-पाकिस्तान की बहस पर पहले तो ससुसरालियों ने उसको भारत के पक्ष में काफ़ी समझाने-बुझाने की कोशिश की। लेकिन वो शख़्स किसी भी तरह कुछ मानने को तैयार ही नहीं था, बस पाक सेना की तारीफ़ों के पुल बाँधता रहा। इस पर खीझे ससुराल वालों ने अपने ही दामाद को न सिर्फ़ जमकर पीटा बल्कि उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया।
मामला जब पुलिस तक पहुँचा तो दामाद ने अपने किए की माफ़ी माँगी जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया। जानकारी के अनुसार, युवक ने पाक सेना की तारीफ़ करते हुए कहा था कि पाकिस्तानी फ़ौज ने भारत की सीमा में दिन-दहाड़े घुस गई। पाक सेना की तारीफ़ करने का मक़सद यह हो सकता है कि शायद वो युवक यह कहना चाह रहा हो कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर जो एयरस्ट्राइक की गई थी वो रात के अँधियारे में की जबकि पाक सेना ने भारत की सीमा में दिन के समय हमला किया। इसी आपसी विवाद ने गंभीर रूप ले लिया जिसके बाद मामला पुलिस की चौखट तक पहुँच गया।
हमारे देश की सीमा के भीतर ऐसे असामाजिक तत्वों का अस्तित्व होना देश के लिए हितकारी तो हो ही नही सकता बल्कि इनके निपटारे के लिए सरकार द्वारा इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर इन्हें सही दिशा दिखाना बेहद ज़रूरी है अन्यथा ये देश की विकास यात्रा में बाधा उत्पन्न करेंगे जो हमारे देश के लिए किसी भी तरह से सही नहीं होगा।
असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने गुरुवार (मार्च 2,2019) को अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। यह रिपोर्ट 2004 से 2017 तक यूपी में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाकर तैयार की गई है।
इस रिपोर्ट के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि 2004 से अब तक 235 सांसदों की औसत संपत्ति ₹6.08 करोड़ थी। जबकि पिछले तीन चुनावों में लगातार जीतने वाले 5 सांसदों की संपत्ति में बड़े स्तर पर इजाफा हुआ है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति 2004 में ₹55.38 लाख थी जो 2014 में 16 गुना से अधिक बढ़कर ₹9.40 करोड़ से भी अधिक हो गई। मुलायम सिंह यादव की संपत्ति में भी 13 गुना की बढ़त पाई गई। वहीं यूपीए संयोजक सोनिया गांधी की संपत्ति में 10 गुना का इजाफा हुआ। जबकि बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संपत्ति में 5 गुना बढ़ौतरी हुई।
निश्चित अवधि में यूपी से संसद और विधानसभा तक पहुँचने वाले 38% राजनेताओं की पृष्ठभूमि आपराधिक है। इतना ही नहीं 23% महानुभाव तो हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा, रेप जैसे गंभीर अपराधों में आरोपित हैं। इसके अलावा यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले 3 बार से लगातार चुने जाने वाले सांसदों-विधायकों की संपत्ति में 13 साल के भीतर 10 गुना इज़ाफा हुआ है।
एडीआर के फाउंडर मेंबर प्रोफेसर त्रिलोचन शास्त्री और यूपी इलेक्शन वॉच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए यह बताया कि रिपोर्ट में 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 19,971 प्रत्याशियों और 1,443 सांसदों और विधायकों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण है।
इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले 13 सालों में विधानसभा-लोकसभा चुनाव में 59 फीसदी करोड़पतियों को टिकट मिला। इनमें एसपी के 55 फीसदी, कॉन्ग्रेस के 42 फीसदी और बीजेपी में 52 फीसदी करोड़पतियों को तरजीह दी गई। जब जीतने वालों के आंकड़ों पर गौर किया गया तो मालूम पड़ा कि भाजपा के 73% सांसद/विधायक करोड़पति रहे हैं जबकि एसपी में यह दर 58%, बीएसपी में 42% और कांग्रेस में 52% रही हैं।
बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार एसपी के 42 फीसदी, बीएसपी के 34 फीसदी, कॉन्ग्रेस के 35 फीसदी, भाजपा 37 फीसदी और आरएलडी से चुनकर आए 21 फीसदी प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमों को घोषित किया है। विधानसभा पर गौर करें तो 2012 में 45% के साथ सर्वाधिक दागी चुने गए थे।
इसके अलावा साल 2016 में एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कॉन्ग्रेस की आय 2010-11 से 2013-14 के बीच में ₹1,687.12 करोड़ आंकी गई थी, जो कि अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे अधिक थी।
भारत ने जिस तरह एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों को ध्वस्त किया, उसके बाद ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान हमेशा के लिए ना सही, मगर कुछ समय के लिए तो आतंकियों की तरफदारी करना और सुरक्षा देना करना बंद कर देगा। लेकिन पिछले दिनों रेडियो पाकिस्तान ने जिस प्रकार आतंकियों को शहीद बताया, उससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान न तो सुधरने वाला है और न ही आतंकवादियों को लेकर अपनी नीतियों में कोई बदलाव लाने वाला है।
बता दें कि रेडियो पाकिस्तान में प्रसारित किए गए बुलेटिन में कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों को शहीद बताया गया। इतना ही नहीं, जब कुपवाड़ा में भारतीय सेना द्वारा दो आतंकियों को मारा गया तो पाकिस्तान ने उसे भी शहीद करार दिया। कुपवाड़ा में हुए मुठभेड़ के बाद पाकिस्तान की तरफ से जिसे शहीद बताया जा रहा है वह असल में आतंकी थे।
पाकिस्तान को लेकर ऐसा माना जाता है कि वहां की फ़ौज जो कहती है, सरकार वही करती है। पुलवामा हमले के बाद भी जब इमरान खान का बयान सामने आया था तो इस तरह की बातें सामने आ रही थीं कि इमरान खान वही बोल रहे हैं, जो कि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें लिखकर दिया है।
पाकिस्तान में चलने वाले ज्यादातर ट्रेनिंग कैंप सेना और आईएसआई के नियंत्रण में है, इसलिए सरकार के पास कुछ करने की ज्यादा पावर नहीं है। सैन्य विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि पाकिस्तान जान बूझकर आतंकवादी गतिविधियों को बंद नहीं करता है।
भारतीय वायु सेना ने अपने ट्विटर और फेसबुक पोस्टों के माध्यम से 27 फ़रवरी से लेकर आज तक के पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पूरा देश अभी विंग कमांडर अभिनंदन के 55 घंटों के अंदर पाकिस्तान द्वारा भारत को सौंपे जाने पर आह्लादित है। अपने पायलट को वापस पाकर एयरफ़ोर्स ने आधिकारिक रूप से ‘डायरी ऑफ़ इवेंट’ के नाम से ट्विटर और फेसबुक पर पूरी जानकारी साझा की।
पहले ट्वीट में एयरफ़ोर्स की तरफ से 27 फ़रवरी की घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा गया: 27 फ़रवरी 2019 को 10:00 बजे के क़रीब भारतीय वायु सेना के रडार पर पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों के भारत के झांगर इलाके की तरफ आने के सिग्नल मिले। उन्होंने भारतीय वायु क्षेत्र में राजौरी के पश्चिम में सुंदरबनी की तरफ से घुसपैठ की।
#DiaryofEvents: On 27 Feb 19 at around 1000 hrs IAF radars detected a large package of PAF aircraft heading towards the Indian territory towards general area Jhangar. They breached the Indian airspace west of Rajauri in Sunderbani Area. (1/5) Details on https://t.co/yUXMuzlovQ
आने वाले विमान अलग-अलग लेवल पर थे। इंडियन एयरफ़ोर्स से MiG-21 Bison, Su-30MKI, और Mirage-2000 को घुसपैठियों को इंटरसेप्ट करने का कार्य सौंपा गया। पाकिस्तानी एयरफ़ोर्स के विमान भारतीय मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारतीय वायु सेना के विमानों ने उन्हें इंटरसेप्ट किया और उनकी योजना पर पानी फेर दिया।
Ingressing aircraft were observed to be at various levels. IAF fighters including MiG-21Bison, Su-30MKI, Mirage-2000 were tasked to intercept the intruder. PAF aircraft attempting to target military installations, were intercepted by IAF fighters & thwarted their plans. (2/5) pic.twitter.com/J2E1G8ZGQ9
हालाँकि, पाकिस्तानी बम इंडियन आर्मी फॉर्मेशन कम्पाउंड में तो गिरे, लेकिन उनसे हमारे सैन्य ठिकानों को कोई क्षति नहीं पहुँची। इसके बाद हवाई लड़ाई में पाकिस्तान का एक F16 भारत के MiG-21 Bison द्वारा मार गिराया गया। F16 क्रैश करते हुए लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पार जा गिरा।
Although PAF bombs have fallen in Indian Army Formation compounds however they were unable to cause any damage to our Military Installations. In the aerial combat that ensued one F-16 of PAF was shot down by an IAF MiG-21 Bison. The F-16 crashed and fell across the LOC. (3/5) pic.twitter.com/bP2hXnIDd4
भारतीय वायु सेना ने अपने मिग को इस लड़ाई में खो दिया और हमारे पायलट सुरक्षित इजेक्ट हो गए। उनका पैराशूट हवा के कारण पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में जा गिरा जहाँ उन्हें पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया।
The IAF lost one MiG-21 in the aerial engagement & the Pilot ejected safely, his parachute drifted into POJ&K where he was taken into custody by Pakistan Army. (4/5)
अंतिम पोस्ट में एयरफ़ोर्स ने विंग कमांडर अभिनंनदन के स्वदेश लौटने की ख़बर साझा करते हुए लिखा: विंग कमांडर अभिनंनदन अब हमारे साथ हैं। भारतीय वायु सेना अपने एयर वॉरियर अभिनंदन पर गर्व करती है।
एक तरफ जहाँ देश आतंक, आतंकवादियों और उनके संरक्षणकर्ताओं के ख़िलाफ़ एकजुट है। वहीं एक बाद एक अपने घर में ही छुपे आस्तीन के साँप रह-रह कर विषवमन कर रहे हैं। किसी के प्रति नफ़रत, व्यक्तिगत कुंठा आपको कहाँ पहुँचा सकती है, इसके कई नमूने आजकल देखने-सुनने में आ रहे हैं। कुछ से आप परिचित होंगे, जो छूट गए उनसे परिचय कराता हूँ।
शायद आपकी उत्सुकता बढ़ रही होगी ऐसे महानुभाव से परिचित होने के लिए तो जनमानस में तरह-तरह के नामों से विख्यात, बच्चे की क़सम खा राजनीति में नए-नए ड्रामे रचने वाले, धरनाप्रसाद ने फिर एक नया कारनामा किया है।
शायद नाम आप समझ गए होंगे! हाल ही में एक वीडियो शेयर हुआ जहाँ अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विधान सभा में कुछ यूँ उद्गार व्यक्त किए, “मैं इनसे (नरेंद्र मोदी) पूछना चाहता हूँ कि लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतने के लिए क्या-क्या करोगे? सीमा पर कितने जवानों को शहीद करोगे? कितनी लाश और चाहिए तुम लोगों को? हमारे कितने जवानों के घर बर्बाद करोगे? कितने परिवार बर्बाद करोगे, कितनी माओं के बच्चे छीनोगे और कितनी औरतों को बेवा करोगे? लानत है ऐसी पार्टी के ऊपर, लानत है ऐसी सरकार पर।”
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) March 1, 2019
केजरीवाल के इस वीडियो को एक ट्वीटर यूज़र ने शेयर किया। फिर क्या था, पुलवामा आतंकी हमला से दुखी, सर्जिकल स्ट्राइक- 2 से राहत महसूस कर रही और अब जाँबाज पायलट के अभिनन्दन में खड़ी जनता का गुस्सा फूट पड़ा। सब ने जम कर केजरीवाल पर अपनी भड़ास निकाली।
सांसद परेश रावल भी खुद को रोक नहीं पाए और अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए बोल उठे, “ये बिलकुल जूते के लायक है पर अफ़सोस इस बात का है जूता भी इनको छूने के बाद इतना गंदा हो जाएगा कि दुबारा पहनने के लायक़ नहीं रहेगा।”
ये बिलकुल जूते के लायक़ है पर अफ़सोस इस बात का है जूता भी इनको छूने के बाद इतना गंदा हो जायेगा कि दुबारा पहनने के लायक़ नहीं रहेगा । https://t.co/QAJASPCxjt
फिर क्या था, लोगों ने अपना धैर्य खो दिया। सबने अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का आज ही उपयोग कर लिया। बीजेपी के तेजिंदर सिंह बग्गा ने कहा, “इमरान खान के हिन्दुतानी दलालों सम्भल जाओ नहीं तो जनता सड़क पर लेके पीटेगी।”
संबित पात्रा ने भी फटकार लगाई, “धिक्कार है! किस किस से लड़ें? पाकिस्तान से… घर में बैठे आस्तीन के साँपों से… किस किस से ??”
एक और ट्वीटर यूजर ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, “इस आदमी को गाली दो तो गाली बुरा मान जाती है पर इस पर कोई असर नहीं होता। निर्लज्ज, निकम्मा, नकारा, नामाकूल, नल्ला, नमकहराम।”
इस आदमी को गाली दो तो गाली बुरा मान जाती है पर इसपर कोई असर नहीं होता। निर्लज्ज, निकम्मा, नकारा, नामाकूल, नल्ला, नमकहराम।
आजकल राजनीतिक बयानबाज़ी का स्तर गिरता ही जा रहा है। इस तरह के शब्दों का प्रयोग, एक सम्मानित कलाकार और सांसद द्वारा पूरी तरह से गलत है। अरविन्द केजरीवाल निजी जीवन या पब्लिक लाइफ में जैसे भी हों, उनका मुख्यमंत्रीत्व जैसा भी रहा हो, उसकी आलोचना की जानी चाहिए। उस आलोचना की शब्दावली सभ्य होनी चाहिए न कि अभद्र, जैसा की परेश रावल ने किया है। केजरीवाल जी द्वारा इस्तेमाल किए हुए शब्द भी गलत हैं, और निंदनीय भी, जब उन्होंने मोदी को पुलवामा के बलिदानियों का हत्यारा बताने की कोशिश की।
दिनों-दिन नेताओं में एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए प्रयुक्त शब्दों का स्तर गिरता ही जा रहा है। भले ही अरविन्द केजरीवाल ने भी पहले आपत्तिजनक और भद्दे शब्दों का सहारा लिया हो, लेकिन इस तरह की बातों को बढ़ावा देना अनुचित है।
भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनन्दन भारत वापस पहुँचने वाले हैं। तमाम मीडिया में शोरगुल है। जो व्यक्ति जिस विषय से उत्साहित हो सकता है उस पर बयानबाज़ी और ट्वीट कर प्रशंसा बटोरने का काम कर रहा है।
पाकिस्तान ने एक कदम आगे बढ़कर आतंकवाद और जिहाद जैसी महामारियों पर चर्चा करने के बजाए Eco-टेररिज्म का सेफ़ ज़ोन पकड़ लिया है। पाकिस्तान का कहना है कि एयर स्ट्राइक में 300 जिहादियों के साथ ध्वस्त हुए पेड़ों पर भारत की शिकायत UN से करने जा रहा है।
भारतीय मीडिया गिरोह का वैचारिक आतंकवाद हम इन दिनों देख ही रहे हैं। मीडिया गिरोह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को शान्ति का मसीहा साबित करने में जुट गया है, वो भी सिर्फ इस वजह से कि कहीं विंग कमांडर अभिनन्दन की वतन-वापसी का श्रेय सरकार और भारतीय सेना को न देना पड़े।
मानवता, शान्ति वार्ता के प्रयास जैसे भारी-भरकम शब्दों चकल्लस के बीच एक ऐसा आदमी है जिसका नाम है विंग कमांडर शहज़ाद उद्दीन (Shahzad Ud Din of 19 Squadron (Sherdils) PAF), जिस पर कोई भी व्यक्ति बात नहीं करना चाह रहा है या शायद उसके पास इतना समय बच ही नहीं पा रहा है कि उस एक व्यक्ति पर ध्यान दिया जाए। दोनों देशों के क्यूट शांतिदूतों ने उस इंसान को भुला दिया है जिसकी मौत को स्वीकार करने में पाकिस्तान के गले-गले तक आ रखी है। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दबाव के कारण विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान वापस भेजने को तैयार हो गया, लेकिन वो अपने उस F-16 की जानकारी नहीं दे रहा है और न ही अपने पायलट शहज़ाज़ उद्दीन के बारे में बताने को तैयार है।
आजकल चल रहे तमाम हैशटैग ख़बरों के बीच अगर आपने ध्यान दिया होगा तो भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के घुसपैठी F-16 विमानों का पीछा करते हुए पाकिस्तान के 2 फाइटर प्लेन्स को मार गिराया था।
पाकिस्तानी स्थानीय नागरिकों द्वारा घेरे जाने से पहले विंग कमांडर अभिनन्दन अपने बूढ़े मिग विमान से अत्याधुनिक F-16 विमान को गिरा चुके थे। उत्साह में आदत से मजबूर पाकिस्तान की सेना ने मीडिया में घोषणा कर डाली कि हमने 2 भारतीय पायलट्स को पकड़ा है। लेकिन शाम होते ही पाकिस्तान ने एक ट्वीट कर के बताया कि उसके पास 2 नहीं बल्कि सिर्फ 1 भारतीय पायलट हैं।
दूसरे पायलट का किस्सा ये हुआ कि जिस F-16 विमान को अभिनन्दन ने तबाह किया उसमें बैठा पायलट यानी पाकिस्तानी वायसेना का विंग कमांडर शहज़ाद उद्दीन, पाकिस्तानी नागरिकों के हाथ लग गया। पब्लिक ने आव देखा न ताव और पाकिस्तानी सेना के वहाँ पहुँचने से पहले ही अपने ही पायलट को भारतीय पायलट समझकरखूब पीटा।
अब सोशल मीडिया पर शहज़ाद नामक इस पाकिस्तानी पायलट की जानकारी आने लगी है जो F-16 विमान उड़ा रहा था। इस पाकिस्तानी पायलट का दुर्भाग्य ये है कि उसकी शहादत को अब तक राज ही रखा जा रहा है और पाकिस्तान इस बात से पीछे हट चुका है।
कई वैरिफाइड सोशल मीडिया एकाउंट्स बता रहे हैं कि वो पाकिस्तानी पायलट थे शहज़ादुद्दीन (Shahzad-Ud-Din) जो पाकिस्तानी 19वीं स्क्वाड्रन के पायलट थे और F-16 प्लेन उड़ा रहे थे।
When will Pakistan reveal details of Wing Commander Shahzad-Ud-Din of No 19 Squadron (Sherdils), pilot of the F-16 that crashed?
पाकिस्तान का ये उग्र हिंसक स्वरुप और ‘भेड़ तंत्र’ भारत देश से घृणा में इतना भरा पड़ा था कि उन्होंने ये जान लेना नहीं समझजे कि जिस सैनिक की वो कुटाई कर रहे हैं वो उनका अपना ही सैनिक है।
भारत की गोदी मीडिया सुई से लेकर सब्बल तक को अभिनन्दन की घरवापसी का श्रेय दे रही है लेकिन भारतीय नीतिकारों, भारतीय सेना और अंतर्राष्ट्रीय दबाव (वही दबाव जो नरेंद्र मोदी ने अपने विदेशी संबंधों के माध्यम से इन 5 सालों में विकसित किए हैं) के महत्व को धन्यवाद देना स्वीकार नहीं कर रही है।
PAF yet to recognize Martyrdom of Wing Commander Shahzaz Ud Din who ejected himself from F-16 jet after his jet shot by R-73 Missile from Mig-21 and Braveheart #Abhinandan was flying that jet@ZaidZamanHamid chacha ask your Government to recognize and accept his Martyrdom pic.twitter.com/8JGnoaV3KE
दूसरे पायलट की चिंता के कारण मानवीय स्वभाव से हमने पाकिस्तानी मीडिया, सोशल मीडिया छान मारे, लेकिन किसी भी जगह उस सैनिक के बारे में बात नहीं हो रही है, मानो उसकी जानकारी देने से मना कर दिया गया हो।
लेकिन ऐसे लोग जो इंसानियत में विश्वास करते हैं, सीमा के उस पार भी यकीनन मौजूद हैं। पाकिस्तान के सोशल मीडिया एकाउंट्स 2 दिन से लगातार पाकिस्तान की सरकार से सवाल पूछ रहे हैं और शहज़ाद उद्दीन को न्याय दिलाने की बात कर रहे हैं लेकिन इमरान खान, बरखा दत्त और सागरिका घोष की पसंदीदा ट्वीट करने में ज्यादा मशगूल नज़र आ रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के बड़े न्यूज़ नेटवर्क्स के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर पाकिस्तान के लोग #JusticForF16Pilot के जरिए उस सैनिक के लिए न्याय माँग रहे हैं।
जिस पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को हमारे देश का मीडिया गिरोह शांति का नोबल पुरस्कार दिलाने चला है, उस प्रधानमंत्री ने एक पाने उस मारे गए सैनिक को स्वीकार करना तक जरुरी नहीं समझा है। जिसके पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जवाबी कार्रवाई है।
#Exclusive Now its time when pakistan should admit and share details of its Wing Commander Shahzad-Ud-Din of No 19 Squadron (Sherdils), pilot of the F-16 who was killed in @IAF_MCC action in Nowshera sector LoC#Surgical_Strike_2pic.twitter.com/FXMGyuBk5m
कल शाम ही भारतीय की तीनों सेना के प्रवक्ताओं ने प्रेस वार्ता में सबसे ज्यादा जोर पाकिस्तान के ध्वस्त किए गए F-16 विमान के सबूतों पर दिया है। जिसका एक ही कारण है और वो ये कि भारत उन सभी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को सन्देश देना चाह रहा है जो अभी सतर्कता से दोनों देशों पर नज़र जमाए बैठी हैं।
पाकिस्तान यदि स्वीकार करता है कि उसका सिपाही F-16 विमान चलाते हुए मारा गया तो उसे अमेरिका को जवाब देना होगा कि उसने भारत पर हमला करने के लिए F-16 विमान का प्रयोग क्यों किया। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से सबसे ज्यादा मजबूत भारत के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध हुए हैं, जिसका सबूत वर्तमान में घटित हो रही गतिविधियाँ हैं।
लेकिन देखना ये है कि आतंकवाद को आतंकवाद न मानने वाले, जिहाद को जिहाद न मानने वाले ‘ऑनलाइन मानवतावादी लोग’ आखिर उस क्रूरता से मारे गए सैनिक के सम्मान के लिए कितनी मोमबत्तियाँ खर्च करते हैं?
भारतीय पत्रकारों की आँख के तारे बन चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सैनिक की शहादत को कितना सम्मान देते हैं, यह देखना अभी बाकी है।
भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन को वाघा सीमा से भारत लाया गया। इस तरह से भारतीय जाँबाज़ की वतन वापसी हुई। सुबह भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनन्दन वर्तमान को भारतीय उच्चायुक्त को सौंप दिया गया था। उनकी वापसी पर पूरे देश में जश्न का माहौल है। उनकी वापसी की सूचना सुनते ही चेन्नई में लोगों ने पूजा-पाठ किया।
लगभग 9 बजे IAF विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान अटारी सीमा पर पहुँचे। उनके साथ लाहौर से वाघा-अटारी सीमा तक भारतीय उच्चायोग के अधिकारी भी थे। वह भारतीय सरज़मीं पर है और जल्द ही उन्हें अमृतसर ले जाया जाएगा।
लोग भारी संख्या में वाघा बॉर्डर पर अभिनंदन के स्वागत में ढोल-नगाड़े, पोस्टर और हार-फूल लेकर पहुँच रहे हैं। अभिनंदन के माता-पिता भी उन्हें लेने वाघा बॉर्डर जाएँगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान से उतरते वक्त लोगों ने उनका ताली बजाकर स्वागत किया। बता दें कि कल पाकिस्तानी संसद में इमरान ख़ान ने ऐलान किया था कि शुक्रवार (मार्च 1, 2019) को अभिनंदन को रिहा कर दिया जाएगा।
विंग कमांडर अभिनन्दन की रिहाई के बीच भारतीय सीमा को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहाँ पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सुरक्षाबलों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। विंग कमांडर की रिहाई के बाद भी सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था इसी तरह बनी रहेगी। तीनों सेनाओं के प्रमुख हालात लगातार नज़र बनाए हुए हैं। ज्ञात हो कि भारतीय विंग कमांडर को रिसीव करने के लिए वायु सेना की टीम दिन में ही बॉर्डर पर पहुंच गई थी।
लोग भरी संख्या में वाघा बॉर्डर पर अभिनंदन के स्वागत में ढोल-नगाड़े, पोस्टर और हार-फूल लेकर पहुँच रहे हैं। अभिनंदन के माता-पिता भी उन्हें लेने वाघा बॉर्डर जाएँगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान से उतरते वक्त लोगों ने उनका ताली बजाकर स्वागत किया। बता दें कि कल पाकिस्तानी संसद में इमरान ख़ान ने ऐलान किया था कि शुक्रवार (मार्च 1, 2019) को अभिनंदन को रिहा कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक सभा को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने देश के लिए बलिदान हुए वीर जवानों को नमन किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत इंडियन एयरफोर्स विंग कमांडर अभिनंदन की तारीफ से की। पीएम ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी तरफ से आतंकवाद के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई । मुंबई में 26/11 हमला हुआ था, जिसमें काफी लोगों की जानें गई थी, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार की तरफ से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।
There was a time when the news reports would read- Air Force wanted to do surgical strike after 26/11 but UPA blocked it.
Today, we are in an era where the news reads- Armed forces have full freedom to do what they want: PM
उन्होंने वीर जवानों को सलाम करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में उरी और पुलवामा हमला हुआ जिसका बदला लिया गया। सेना को आतंकवाद से लड़ने के लिए खुली छूट दी गई है।
अब इस तरह की बातें सामने आ रही है कि अगर समय रहते सेना को आतंकवाद का सामना करने के लिए खुली छूट दे दी गई होती तो शायद पठानकोट, उरी, पुलवामा सहित कई आतंकी घटनाएँ शायद टल सकती थी। इसके लिए दो चीजों की ज़रुरत होती है- सेना की तैयारी और राजनीतिक इच्छाशक्ति। भारतीय सेना हमेशा से आतंकियों व आतंक के पोषकों पर कार्रवाई करने के लिए तैयार रही है, लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि भारतीय शासकों की राजनीतिक इच्छाशक्ति ही इतनी कमज़ोर रही है कि एक शक्तिशाली और शौर्यवान सेना तक के हाथ बाँध कर रख दिए गए हैं।
26/11 happened, India expected action against terrorists but nothing happened.
Uri happened and you saw what our brave men did.
Pulwama happened and you saw what our brave men did.
I salute all those who are serving the nation. Their vigilance keeps our nation secure: PM
मुंबई हमले के बाद भी लोगों में उतना ही आक्रोश था, जितना कि पुलवामा हमले के बाद देखने को मिला। उस हमले के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई की माँग की गई थी, मगर उस समय के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने तत्कालीन वायु सेना प्रमुख की सलाह को नज़रअंदाज़ कर दिया था। ये बातें स्वयं पूर्व वायुसेना प्रमुख ने रेडिफ को दिए गए इंटरव्यू में बताया था।
यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है कि आख़िर क्या कारण थे कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने आतंकियों पर कार्रवाई करने की ज़रूरत नहीं समझी। क्या डॉक्टर मनमोहन सिंह को इस बात का डर था कि आतंकियों पर किए गए किसी भी प्रकार के हमले का पाकिस्तान कड़ा प्रत्युत्तर दे सकता है? जैसा कि पूर्व वायुसेना प्रमुख ने बताया कि उन्हें पूर्ण युद्ध का डर था।अब इससे तो यही बात निकलकर सामने आती है कि या तो डॉक्टर सिंह को सेना की तैयारी पर भरोसा नहीं था या फिर सेना के पास उचित संसाधन की कमी थी। दोनों ही स्थितियों में दोषी सरकार ही थी क्योंकि यह राजनेताओं का कार्य होता है कि सेना की भावनाओं को समझ कर उनकी ज़रूरतों के अनुरूप निर्णय लें।
India has been facing the menace of terrorism for years.
But, there is a big difference now- India will no longer be helpless in the wake of terror.
From 2004 to 2014 there were several terror attacks.
The nation expected perpetrators to be punished but nothing happened: PM
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में पूरा भरोसा दिखाते हुए उन्हें आतंकवादियों से लड़ने की खुली छूट दी और सेना ने भी अपने पराक्रम का पूर्ण परिचय दिया।
भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अभी तक की सूचना के अनुसार दो आतंकी मरे गए हैं। इस मुठभेड़ में 1 CRPF सुरक्षाकर्मी के बलिदान और तीन के घायल होने की सूचना है। यह मुठभेड़ कुपवाड़ा के लंगेट इलाके में हो रही है।
Kupwara (J&K) encounter: One CRPF personnel has lost his life and three CRPF personnel injured, firing continues pic.twitter.com/hEZvAA7iX8
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीआरपीएफ के एक जवान के बलिदान के अलावा एक जवान घायल भी हुए। साथ ही, जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो पुलिसकर्मी कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान के दौरान आतंकियों की ओर से की गई फायरिंग में घायल हैं। एक आतंकी जिसे मरा हुआ मान लिया गया था, उसने एक क्षतिग्रस्त मकान से निकलकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसकी वजह से सेना को नुकसान उठाना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कुपवाड़ा जिले के बाबागुंड इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था। तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
बता दें कि दिन में कई बार बीच-बीच में गोलीबारी बंद हुई लेकिन जैसे ही सुरक्षाकर्मी घर की ओर बढ़े, इसी घर में छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं।
ऐसे समय में जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनातनी का माहौल है और युद्ध के हालात बने हुए हैं, पाकिस्तान अपना अलग ‘कॉमेडी सर्कस’ चलाने से बाज नहीं आ रहा है।
मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की योजना बनाई है, मजे की बात यह है कि यह शिकायत भारतीय वायु सेना द्वारा उनके देवदार के पेड़ों को नुकसान पहुँचाने और पर्यावरण ख़राब करने के सम्बन्ध में होगी। पाकिस्तान ने इसे “Eco-टेररिज्म” कहा है।
आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह करते हुए भारतीय युद्धक विमानों ने मंगलवार (फरवरी 26, 2019) को कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में भारत की सीमा से लगभग 40 किमी (25 मील) की दूरी पर उत्तरी पाकिस्तानी शहर बालाकोट के पास एक पहाड़ी वन क्षेत्र में एयर स्ट्राइक की थी। इस एयर स्ट्राइक द्वारा पाकिस्तान के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को नष्ट कर दिया गया था और जैश-ए-मोहम्मद के 300 से ज्यादा आतंकवादियों को मार दिया था।
हालाँकि, हमेशा से आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान ने इस बात से इनकार किया कि इलाके में इस तरह के शिविर थे और स्थानीय लोगों ने कहा कि केवल एक बुजुर्ग ग्रामीण को चोट लगी थी।
पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने कहा कि भारतीय जेट विमानों ने ‘फॉरेस्ट रिजर्व’ पर बमबारी की और सरकार पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन कर रही है, जो संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर एक शिकायत होगी। पाकिस्तान का कहना है कि घटनास्थल पर पर जो हुआ वह पर्यावरणीय आतंकवाद है क्योंकि दर्जनों देवदार के पेड़ गिर गए और गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है।
No kidding. Pak strategic affairs expert from Pakistan just accused the Indian Air Force of violating the Paris Agreement on climate change because the airstrikes deep inside Pakistan led to some trees being knocked down. Happened for real. Delusion meets denial. Toxic cocktail.
पाकिस्तान सरकार के अधिकारी बम विस्फोट स्थल पर गए, जिसके बाद उन्होंने कहा कि धमाकों से 15 देवदार के पेड़ उखड़ गए और भारत सरकार के दावों को खारिज कर दिया कि सैकड़ों आतंकवादी मारे गए थे।
भारत और पाकिस्तान इस समय एक कूटनीतिक झगड़े में भी लगे हुए हैं, इसलिए तार्किक होने के स्थान पर इस प्रकार की हरकत की उम्मीद पाकिस्तान से की जा सकती है।