14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ दल पर आत्मघाती हमला किया गया था, जिसके बदले में सोमवार 25 फरवरी की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की सीमा में करीब 80 किलोमीटर अंदर घुसकर बालाकोट में जैश के ठिकाने को तबाह कर दिया। जिसमें 300-400 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर सामने आई हैं।
आतंकवादियों पर भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान इस समय बौखलाया हुआ है और वह सोशल मीडिया पर एक लड़ाई छेड़ चुका है। पाकिस्तान सोशल मीडिया पर दावे कर रहा है कि आज सुबह ही उसकी सेना ने भारतीय सेना के 2 विमान मार गिराए और 2 भारतीय सैनिकों को बंदी बना चुका है।
कुछ पाकिस्तानी ‘ऑनलाइन सिपाहियों’ ने ये झूठी तस्वीरें शेयर करते हुए यह भी लिखा है कि यह इंडिया के लिए पाकिस्तान की तरफ से सरप्राइज़ है साथ ही ‘खूंखार हैशटैग’ में लिखा है, “#PakistanStrikesBack #PakistanZindabad”
BREAKING: @ANI reports a Pak Air Force F-16 has been shot down.
हालाँकि, यह एकदम कोरी अफवाह है और मीडिया बिना जाँच-पड़ताल के ही इस अफवाह को सही मानकर सोशल मीडिया पर चलाने लगा। मीडिया जिन विमानों की तस्वीर इंटरनेट पर दिखा रहा है वो 2015 और 2018 में ओडिशा में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमानों की तस्वीरें हैं। कुछ तस्वीरें 2016 में दुर्घटनाग्रस्त MiG-27 की हैं, जिनकी पुष्टि कुछ ट्वविटर एकाउंट्स ने की।
Amazing. Official verified media peddling pictures of an IAF Hawk crash in Odisha from 2018. Morons. https://t.co/VspvYiyslz
पुलवामा हमले के बाद भारत की सरकार ने और सरकार के आदेश पर काम करने वाली हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुस कर बदला लिया। दुश्मन देश की सामरिक ‘शक्ति’ वाली गीदड़भभकी को भारतीय वायु सेना ने चकनाचूर कर दिया। इस ख़बर को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सभी मीडिया ने कवर किया। कुछ ने खुल कर, कुछ ने चोरी-चोरी, कुछ ने तो खैर अपना ‘चरित्र हनन’ ही करवा लिया।
खुद का चरित्र हनन!
हाँ। ऐसा होता है। कुछ अलग करने के चक्कर में, कुछ का या किसी का हित साधने के चक्कर में अक्सर ऐसा हो जाता है। BBC हिंदी ने यह काम बखूबी कर दिखाया। एकदम दिल खोलकर किया। जिन आतंकवादियों को हम दशकों से झेलते आए हैं, जिनके हाथ न जाने कितने मासूमों के खून से रंगे हैं उसके लिए ऐसी हमदर्दी! ऐसे शब्द! तौबा-तौबा!
BBC के ‘बहनोई’
इस आर्टिकल को लिखने वाले पत्रकार पाकिस्तान से मालूम पड़ते हैं। लेकिन BBC हिंदी का एडिटोरियल ऑफिस तो दिल्ली में ही है, ऐसा ‘गुप्त सूत्रों’ से पता चला है। पत्रकार रहीमुल्ला ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, यह कुछ हद तक समझा जा सकता है लेकिन आप दिल्ली में बैठ कर इसे काट-छांट सकते थे। लेकिन नहीं। ‘बहनोई’ की इज्जत में लिखे गए शब्दों पर संपादकीय कैंची कैसे?
स्टाइलशीट का गोरखधंधा
आम आदमी के लिए यह भारी-भरकम शब्द हो सकता है शायद। शायद इसलिए क्योंकि हम जैसे छोटे पत्रकार अपने पाठकों को 4G-5G और Jio के युग में मानसिक तौर पर समृद्ध मानते हैं। लेकिन BBC तो ठहरी बिगBC… वो शायद ऐसा न समझती हो। वरना ‘आतंकी बहनोई’ और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री के लिए दो अलग-अलग स्टाइलशीट वाला गोरखधंधा शायद नहीं अपनाती।
पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है। मीडिया हाउस ही सिर्फ पत्रकारिता करती है, कर सकती है, ऐसा कॉन्सेप्ट नहीं रहा अब। सोशल मीडिया पर भीड़ है, जो फेक को सच मान लेती है। लेकिन उसी सोशल मीडिया पर वैसे लोग भी हैं, जिनके पास बाँस है। मीडिया हाउसेज को इन्हीं बाँसों से डरना चाहिए। दोहरे मापदंड वालों पर इनकी नज़र रहती है। बचिए BBC हिंदी।
“ये क्या हुआ…? कैसे हुआ…? कब हुआ?” पाकिस्तान के मेजर जनरल आसिफ़ गफ़ूर जब सुबह नींद से जागे होंगे तो उन्हें राजेश खन्ना का यह गाना ज़रूर याद आया होगा। अरे, उनके घर में ‘अमर प्रेम’ की पाइरेटेड डीवीडी तो पड़ी ही होगी। आख़िर हो भी क्यों न, पाकिस्तान की पूरी की पूरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ही भारतीय फ़िल्मों की पाइरेटेड और हॉल डब्ड सीडीज की बिक्री से चलती है।
पाकिस्तानी मेजर जनरल के जवाब में उनके मातहत अधिकारियों ने भी ‘अमर प्रेम’ के इसी गाने के रूप में जवाब भी दिया होगा- “अब क्या सुनाएँ?” हो सकता है इसके बाद मेजर जनरल ने उनसे पूछा होगा- “अरे, तुमने भी अमर प्रेम देख रखी है?” अधिकारियों ने क्या जवाब दिया, इसका पता लगाने के लिए हमारे सूत्र हवाई रास्तों से इस्लामाबाद के लिए निकल गए हैं।
अब मुद्दे पर आते हैं और समझते हैं कि पाकिस्तान के ‘इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन’ के डायरेक्टर जनरल- मेजर जनरल आसिफ़ गफ़ूर ने ऐसा क्या किया और कहा जिस से पूरे पाकिस्तान की पोल खुलती नज़र आ रही है। इसके लिए पूरे घटनाक्रम को समझना पड़ेगा। सुबह-सुबह जब कौवों ने भी मल-मूत्र का सेवन नहीं किया था तभी गफ़ूर ने ट्विटर (जो कि पाकिस्तान में प्रतिबंधित नहीं है) खोला और धड़ाधड़ ट्वीट कर बताया कि कैसे भारतीय वायुसेना ने सीमा पार करने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तानी वायुसेना ने उनसे संघर्ष किया तो वह पेलोड जंगल में गिरा कर भाग निकले।
पाकिस्तान के 2 बयान – 1. भारत के लड़ाकू विमान हमारे इलाक़े में घुसे थे. हमने खदेड़ दिए. उन्होंने कोई नुक़सान नहीं किया. 2. हिंदुस्तान ने आज जो हरकत की है, उसका बदला पाकिस्तान जल्दी चुकाएगा. जब कुछ नुक़सान किया ही नहीं तो बदला किस बात का चुकाओगे भाई? ?
घबराहट में गफ़ूर को पता ही नहीं चला कि उन्होंने कब अपनी ट्वीट में बालाकोट का जिक्र कर दिया। इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया में चर्चाएँ तेज हो गई कि अगर भारतीय वायुसेना (IAF) बालाकोट तक घुस गई है तो उन्हें सीमा पर से कैसे भगा दिया गया? ऐसा इसीलिए, क्योंकि बालाकोट तो पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रान्त में है। उन्होंने अपनी ट्वीट्स में मुज़फ़्फ़राबाद और बालाकोट का जिक्र भी कर दिया और साथ ही यह भी कहा कि IAF लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) का उल्लंघन करने के बाद लौट गए। जब डैमेज कण्ट्रोल के रास्ते ही नहीं सूझे तो पाकिस्तान ने गुपचुप आतंकियों की लाशों को ठिकाने लगाने का कार्य शुरू कर दिया।
बौखलाए गफ़ूर को पता ही नहीं चला कि दिन कब बीत गया और शाम को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत को चेतावनी दी। तब तक यह साफ़ हो चुका था कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया है। पाकिस्तानी वायुसेना की भी पोल खुल चुकी थी क्योंकि लोगों को पता चल चुका था कि भारतीय मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के फॉर्मेशन को देख कर पाकिस्तानी एफ-16 भाग निकले थे। गफ़ूर ने भारत को धमकी देते हुए कहा:
“प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा आगाह किए जाने के बावजूद भारत ने जो आक्रामकता दिखाई, पाकिस्तान उसका चौंकाने वाला और अलग तरीके से जवाब देगा। गफूर ने कहा कि भारत का मकसद हमारे सैन्य मोर्चे पर हमला करने के बजाय रिहायशी इलाक़ों पर हमला करना था ताकि वह बता सके कि उसकी कार्रवाई दहशतगर्दों के खिलाफ थी।”
जब गफ़ूर से यह पूछा गया कि उनकी सेना ने भारतीय विमानों क्यों नहीं मार गिराया, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से कोई हमला नहीं हुआ। बकौल आसिफ़, हमला तब माना जाता जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया होता। क्या आसिफ़ ने यह बोल कर इस बात की तस्दीक़ कर दी कि भारत ने पाकिस्तानी सेना को नहीं बल्कि आतंकियों को निशाना बनाया। उन्होंने तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के आतंकियों के ख़िलाफ़ ‘Pre-emptive Strike’ वाली बात को और बल दे दिया। क्योंकि, भारत ने तो पहले ही कह दिया है कि उसका निशाना न नागरिक थे और न पाकिस्तानी सेना- यह कार्रवाई सिर्फ़ और सिर्फ़ आतंकियों के ख़िलाफ़ थी।
आसिफ़ ने भारत को चौंकाने की भी बात कही। अगर कुछ हुआ ही नहीं है, भारत ने कुछ किया ही नहीं है, तो पाकिस्तान किस कार्रवाई की जवाब देने की बात कर रहा है? अगर कुछ नहीं हुआ है तो बौखलाहट कैसी? अगर कुछ नहीं हुआ है तो पाकिस्तान में आपात बैठकों का सिलसिला कैसे चल निकला? अगर भारत ने कुछ किया ही नहीं तो फिर ज़ंग की धमकी क्यों? इन सबका अर्थ है कि कुछ ऐसा हुआ है, जिसके घाव काफ़ी गहरे हैं। कुछ ऐसा हुआ है, जो वह न बता सकते हैं और न छिपा सकते हैं।
किसी घर में अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसके इलाज के लिए उसे किसी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है या फिर किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह ली जाती है। लेकिन घर में कोई बीमार ही नहीं हो और घर का मुखिया उसे अस्पताल में दाख़िल कराने की बात करे तो क्या वह पागल नहीं कहलाएगा? तो यहाँ दो स्थितियाँ बनती हैं। या तो भारत ने गहरा वार किया है नहीं तो पाकिस्तान का मुखिया ही पागल है।
क्या पाकिस्तान अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने अपने आतंकियों की परेड करवाएगा ताकि वह भारत के दावों को नकार सके? क्या वह 350 आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के सामने ले जाकर चीख-चीख कर कहेगा- ‘भारत के दावों की पोल खुल गई। लो देखो, हमारे सारे आतंकी अभी भी ज़िंदा हैं।‘ पाकिस्तान का मुखिया पागल नहीं है। वो ऐसा कभी नहीं करेगा। इस से पहली बात की पुष्टि हो जाती है। भारत ने आतंकियों का ऐसा सफाया किया है कि उनके बात-विचार और रुख पल-पल बदल रहे हैं।
पाकिस्तान ने भारतीय फ़िल्मों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्ध लगा कर अपने सिनेमाघरों को वीरान छोड़ दिया है। क्यों? गफ़ूर की माने तो भारतीय विमान पाकिस्तान में रेकी करने गए थे और फिर वापस लौट आए। क्या पाकिस्तान से चार गुना बड़े क्षेत्रफल वाले भारत में एयरस्पेस की कमी हो गई है जो वे सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए पाकिस्तान जाएँगे? गफ़ूर के इस बयान के बाद टमाटर वाला पाकिस्तानी पत्रकार ज़रूर कह रहा होगा- “तौबा-तौबा ! कैसे अज़ीब शौक़ पाल रखे हैं इन भारतियों ने…एक तो मॉर्निंग वॉक के लिए भी विमान से निकलते हैं और ऊपर से टमाटर के बदले बम गिरा कर निकल जाते हैं।“
फिलहाल कन्फ्यूज्ड गफ़ूर जवाब का सवाल देने में व्यस्त हैं। वे अपनी डायरी पर लिख-लिख कर मिटा रहे हैं- “वो आए, बालाकोट में बम गिराया और सीमा से ही भाग गए…नहीं-नहीं, वो आए और घूम-फिर कर निकल लिए..ये अच्छा रहेगा- वो आए, हमने संघर्ष किया और वे भाग निकले…या फिर ये- वो आए, कुछ नहीं किया, जो किया उसका करारा जवाब दिया जाएगा। किया, नहीं किया, किया, नहीं किया, कुछ किया, ,जो भी किया उसका जवाब देंगे, किया .. क्या किया…हम करेंगे।” तब तक उनके घर में एक और पाइरेटेड सीडी बज उठी:
27 फ़रवरी की सुबह पाकिस्तान के विमानों ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने उनका F-16 लड़ाकू विमान मार गिराया। सीमा पर ऐसे हालात के बाद कश्मीर का पूरा एयर फील्ड सील कर दिया गया है।
Pakistan Air Force’s F-16 that violated Indian air space shot down in Indian retaliatory fire 3KM within Pakistan territory in Lam valley, Nowshera sector. pic.twitter.com/8emKMVpWKi
कल पाकिस्तान के बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स के हमले के बाद पाकिस्तानी फ़ौज बौखला गई है। आज पाकिस्तानी फ़ौज ने भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन कर राजौरी सेक्टर में बम गिराए। खबर है कि पुंछ और नौशेरा सेक्टर में भारतीय सीमा में पाकिस्तानी विमान घुसे और उन्होंने भागते समय हड़बड़ाहट में बम गिराए, जिसमें किसी भी भारतीय के हताहत होने की सूचना नहीं है।
सीमा पर हलचल के बीच बड़गाम में एक मिग विमान के क्रैश होने की भी सूचना है। हालाँकि पाकिस्तान ने दावा किया है कि यह विमान उसने मार गिराया है लेकिन यह दावा पूरी तरह खोखला प्रतीत होता है क्योंकि बड़गाम से राजौरी के बीच 200 किमी की दूरी है।
Pakistan fighter jets violated Indian airspace in Rajouri, Indian fighter jet crashed in Budgam.
Distance between these two places is around 200 kilometres. It is highly unlikely that Pakistan jets shot the Indian warplane. https://t.co/542RaHIt0q
बुधवार रात जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की ओर से जमकर गोलाबारी होती रही। भारत ने जवाबी फायरिंग में पाक की 5 चौकियां तबाह की हैं। इस बीच पंजाब से लगती पश्चिमी सीमा पर हलचल तेज है। सियालकोट में पाकिस्तान सेना के टैंकों के मूवमेंट की खबरें है।
जम्मू-कश्मीर सीमा पर तनाव अचानक बढ़ गया है। पाकिस्तान के 2 विमानों ने भारत के नौशेरा सेक्टर में घुसने की कोशिश की, जिसे भारत के मुस्तैद वायुसेना के विमानों ने पीछे धकेल दिया। इस बीच जम्मू कश्मीर, लेह, श्रीगर, पठानकोट एयरपोर्ट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सारी कमर्शल फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है।
भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकियों पर की गई एयर स्ट्राइक पूरी प्लानिंग और योजना बनाने के बाद की गई थी। यहाँ तक कि पाकिस्तान के रडार भी भारतीय एयरक्राफ्ट्स को नहीं पकड़ पाए। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया लेकिन पाकिस्तानी रडार भारतीय विमानों को भाँपने में नाकाम रहे। दरअसल, भारतीय ‘पैकेज’ में दो ऐसे जेट थे जो ‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW)’ से सुसज्जित थे। इन्होने पाकिस्तानी रडार सिस्टम को ठप्प (Jam) कर दिया।
सैन्य शब्दावली में ‘पैकेज’ विभिन्न कार्य करने वाले विभिन्न प्रकार के विमानों (Jets) के समूहीकरण को संदर्भित करता है। पैकेज के भीतर सामान्यतः इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर विमान और बॉम्बर्स के अलावा इनकी सुरक्षा के लिए प्रोटेक्टर जेट्स भी होते हैं। भारी पेलोड के कारण बॉम्बर्स इस स्थिति में नहीं होते हैं कि वे किसी हमले का प्रभावशाली जवाब दे सकें। इसीलिए, यह जिम्मेदारी प्रोटेक्टर जेट्स की होती है। भारतीय विमानों में लगे जैमर्स ने पाकिस्तानी रडारों को चकमा दे दिया।
एक पैकेज के भीतर न्यूनतम 10-12 से लेकर अधिकतम 39-40 की सँख्या में विमान हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे किस प्रकार के ऑपरेशन को अंजाम देने जा रहे हैं। मंगलवार (फरवरी 26, 2019) को हुई एयर स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना (IAF) ने क़रीब 12 मिराज 2000 विनामों का इस्तेमाल किया। इनमें से 3 बॉम्बर्स थे। ये विमान ‘Multi Role’ वाले होते हैं। अर्थात यह, कि ये कई कार्यों को अंजाम देने की शक्ति रखते हैं।
वहीं दूसरी तरफ, भारतीय रडार सिस्टम काफ़ी मजबूत थे। एयर मार्शल दलजीत सिंह ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए दैनिक भास्कर से कहा:
“मिराज का रडार सिस्टम वर्तमान में सबसे बेहतर माना जाता है। इस समय पाकिस्तान के एयर सर्विलांस सिस्टम की अपेक्षा हमारे पास काफी एडवांस सिस्टम है। पाकिस्तान को बरसों से अमेरिका से बेहतरीन हथियार नहीं मिल सके हैं। उसके पास एयर सर्विलांस सिस्टम चीन और स्वीडन का है। भारत के पास इज़रायल और रूस से मिले अत्याधुनिक तकनीक के एयर सर्विलांस सिस्टम हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए हमारे विमानों की टोह लेना इतना आसान नहीं है, जितना भारत के लिए है।”
लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र हुड्डा ने सीएनएन को बताया कि इस प्रोफेशनल और सुनियोजित एयर स्ट्राइक के दौरान भारतीय विमान पाकिस्तान के रडार सिस्टम से बच निकलने में सफल रहे क्योंकि भारतीय वायुसेना ने इसके लिए चुनिंदा रूट्स का इस्तेमाल करने के साथ-साथ अत्याधुनिक जैमिंग तकनीक का प्रयोग किया था। बता दें कि 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व हुड्डा ने ही किया था। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी रूप से भारतीय वायुसेना पाकिस्तान से बहुत ज्यादा आगे है।
उधर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पाकिस्तानी रडार सिस्टम का जम कर म़ाक उड़ाया। लोगों ने कहा कि पाकिस्तान के पास चीन से इम्पोर्ट किए गए रडार थे, इसीलिए उन्होंने समय पर काम करना बंद कर दिया। एक यूजर ने लिखा कि जब भारतीय वायुसेना एयर स्ट्राइक करने के लिए पाकिस्तान में घुसी, तब पाकिस्तानी सेना अपने रडार का प्रयोग पबजी गेम खेलने में कर रही थी।
महाभारत के युद्ध के बाद की एक कहानी के मुताबिक कृष्ण घायल थे और उन्होंने अर्जुन को मिलने के लिए बुलाया। अर्जुन फ़ौरन चल पड़े, मगर रास्ते में उनकी भेंट नारद मुनि से हो गई। नारद मिले और कुछ चतुराई भरा न सिखाएँ, ऐसा कब होता है? चुनांचे उन्होंने अर्जुन को बताया कि श्री कृष्ण को छूते ही तुम्हारी शक्ति जाती रहेगी, अमानवीय योद्धा से साधारण धनुर्धर रह जाओगे, इसलिए वहाँ चाहे जो भी करना मगर श्री कृष्ण को छूना मत! अर्जुन ने उनकी सलाह मान ली और आगे रवाना हुए।
द्वारका पहुँचने पर उन्होंने देखा कि श्री कृष्ण के शरीर पर अनेक घाव हैं। वो बोले कि अर्जुन घावों के बीच मुझे खुजली हो रही है, तुम जरा सा खुजा दो। अर्जुन सलाह याद करके हिचके तो श्री कृष्ण ने कहा कि ठीक है तुम मुझे छूना नहीं चाहते तो कोई बात नहीं, अपनी धनुष के कमान से ही खुजा दो! अर्जुन ने ऐसा ही किया। अब श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि कुछ गोपियों को मथुरा-वृन्दावन की ओर जाना है लेकिन रास्ते में भीलों की लूट-पाट का डर है। तुम लौटोगे तो उन्हें साथ ही लेकर चले जाना।
अर्जुन जब गोपियों के साथ लौटने लगे तो मार्ग में सचमुच भीलों ने आक्रमण कर दिया। महाभारत युद्ध के अजेय अर्जुन, जिनके गांडीव की टंकार ही शत्रुओं को भयाक्रांत कर देती थी, उनकी एक न चली और उन्हें हराकर भीलों ने लूट-पाट की। इसके बारे में एक दोहा सा भी कई बार सुनाई देता है। कहते हैं –
“तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान। भीलां लूटी गोपियाँ, वही अर्जुन वही बाण॥”
भारतीय वायुसेना के लिए मिराज-2000 कोई नई चीज़ नहीं है। ये उनका दशकों पुराना विमान है, जिसे शुरुआती दौर में उड़ाने वाले कई योद्धा अब रिटायर भी हो चुके हैं। मुम्बई पर जब पाकिस्तानी कसाब और उसके साथ के जेहादियों ने हमला किया था तब एक बहुत कम गिनती के दर्शकों वाले मामूली से एंटरटेनमेंट चैनल ने बाकायदा लाल-नीला तीर लगा कर दिखाया था कि लोग कहाँ छुपे हो सकते हैं और सेना कहाँ से हमला कर सकती है। जब उस चैनल की थुक्का-फजीहत हो रही थी, उस समय भी भारतीय नागरिकों के मन में इतना ही क्रोध था।
भारतीय वायुसेना के पास उस समय भी मिराज-2000 था और अभी जैसे ही पायलट भी थे। क्या वजह रही होगी कि उस समय ऐसा कुछ नहीं हुआ? इसके पीछे मुझे अपने एक पुराने मित्र का प्रिय जुमला याद आ जाता है। वो कहा करता था कि बाकी मुल्कों के पास फौज़ होती है, पाकिस्तान एक ऐसी फौज़ है, जिसके पास मुल्क है! कहना न होगा कि मेरे मित्र किस समुदाय विशेष से आते हैं। यही सबसे बड़ा अंतर भी है। हमारे देश में किसी इस्लामिक रिपब्लिक की तरह सेना देश के चुने हुए प्रधानमंत्री को उठाकर फांसी पर नहीं टांग देती। यहाँ सेना सरकार नहीं चलाती बल्कि सरकार के आदेश से सेना चलती है।
हमारे देश के आम नागरिकों पर 2004 से 2014 के बीच कई बार हमले हुए मगर तब राजनैतिक इच्छाशक्ति ऐसी थी ही नहीं कि नागरिकों को बचाने का सशस्त्र बलों को कोई आदेश दिया जाता। अब हालात बदल गए हैं। अब जेहादी हमलावरों को मारने के लिए मासूम निहत्थे नागरिक नहीं मिलते। अब उनका सामना हथियारबंद जवानों से होता है। बाकी ऐसे हमलावरों के मरने की खबर जो इस ढंग से सुनाते हैं जैसे अपने बहनोई की मौत हुई हो, उन्हें भी समझना होगा। मानवाधिकार उनके होते हैं, जो मानवों की तरह बर्ताव करे, जो मासूमों का क़त्ल करने पर अमादा हो उससे आत्मरक्षा मेरा कानूनी अधिकार है। और ये अधिकार तो हम लेकर रहेंगे!
जहाँ चारों तरफ लोग भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर किए एयर स्ट्राइक की तारीफ़ कर रहे हैं, मार्क्सिस्ट कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने इसे लेकर घटिया राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू कर दिया है। CPM केरल के राज्य सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने कहा कि आगामी आम चुनाव की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए ‘एयर स्ट्राइक’ की गई। उन्होंने इसे भाजपा और संघ की चाल बताया। उन्होंने कहा कि ये दोनों मिलकर युद्ध भड़काने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं। उन्होंने मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुद्दे को सुलझाने की बजाय कश्मीरियों को दुश्मन बनाया जा रहा है।
बालाकृष्णन पार्टी द्वारा आयोजित ‘यात्रा’ के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा:
“इस समय मुस्लिम विरोधी भावना को बढ़ावा देकर एक सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की जा रही है। चुनाव में पराजय की आशंका से भाजपा लोगों के दिमाग में भय पैदा करने और युद्ध के हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है।”
बता दें कि मंगलवार (फरवरी 26, 2019) को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रान्त के बालाकोट सहित कई अन्य जगहों पर भीषण बमबारी कर कई आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करते हुए वायुसेना ने 1000 किलोग्राम से भी अधिक बम बरसाए। इसके बाद पाकिस्तान ने आपात बैठक बुलाई और भारत को इसके परिणाम भुगतने की गीदड़-भभकी दी।
We are concerned about the state of our people living on the Line Of Control and the border areas who would need to be moved to safer places, as there has already been heavy firing there. Adequate measures need to be taken on priority.
वहीं CPM के महासचिव सीताराम येचुरी ने भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि मंत्रियों व अधिकारियों ने विपक्षी नेताओं को इस एयर स्ट्राइक की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रभावशाली ऑपरेशन के लिए वायुसेना की प्रशंसा करते हैं। बाद में एक और ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि पार्टी ने सरकार से कहा है कि देश में अति-राष्ट्रवाद और कट्टरवाद को हवा देने के प्रयास नहीं होने चाहिए।
The government maintained it was just an “anti terror” strike and “non-military” in nature. We conveyed that there must be no attempt at fanning jingoism and whipping up tension in the country. https://t.co/sdAly0Caxn
वामपंथी पार्टी के विरोधाभाषी बयानों के कारण ताज़ा सर्जिकल स्ट्राइक-2 पर उनकी सोच अस्पष्ट दिख रही है। एक तरफ येचुरी इसकी प्रशंसा करने के बाद कट्टरवाद बढ़ने का डर जता रहे हैं तो दूसरी तरफ केरल में उनकी पार्टी के नेता इसे भाजपा और संघ की साज़िश बता रहे हैं।
आज तड़के सुबह भारत ने एक और सर्जिकल स्ट्राइक करके पुलवामा आतंकी हमले का बदला ले लिया। भारतीय वायु सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद द्वारा संचालित आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया। यह बताया गया था कि वायुसेना के जेट विमानों ने बालाकोट (पाकिस्तान), मुजफ्फराबाद (पीओके) और चाकोटी (पीओके) में आतंकी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। आज की सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का बेड़ा शामिल था।
जैसे-जैसे इस सर्जिकल स्ट्राइक के विवरण आने शुरू हुए, यह साफ होता गया कि भारत में बैठे कुछ आदत से लाचार माओवंशी पत्रकार गिरोह के लोगों को तरह-तरह की दिक्कतें होने लगी हैं।
तथाकथित पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने यह सवाल उठाया कि भारतीय वायु सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक में कितने आतंकी मरे? इस आँकड़े को जस्टिफाई करने के लिए सबूतों की कमी को दूर करने के लिए वो ट्विटर का सहारा ले रहे थे।
यह वही राजदीप सरदेसाई हैं जो 2001 की नृशंस संसद आतंकवादी हमले के दौरान बहुत ज़्यादा ख़ुशी महसूस कर रहे थे। राजदीप सरदेसाई ने कहा कि चैनल कह रहे थे कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हवाई हमलों में 300 आतंकवादी मारे गए हैं। जबकि पाकिस्तानी चैनल दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान में कोई हताहत नहीं हुआ है। यह भी कहा कि ये दोनों दावों के प्रमाण कहाँ हैं?
A death toll of 300 killed doing the rounds on our news channels with no attribution/evidence; Pakistani channels claim zero casualties again with no independent confirmation/evidence . War games being played on news channels, too serious a matter to be driven by TRPs.. crazy..
यह सही है कि हताहतों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की गई है, लेकिन विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर बहुत सारी जानकारी सार्वजनिक मंच पर जारी की गई है। इसके अलावा, जब राजदीप कहते हैं कि न तो दावों की पुष्टि की गई है और न ही सबूतों के सहारे बात रखी गई है, तो वे इस संभावना के लिए रास्ता बनाते हैं कि पाकिस्तानी दावा भी सच हो सकता है।
यह ठीक वैसा ही है जैसा 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हुआ था। कॉन्ग्रेस के कई राजनेताओं और उनके पालतू पत्रकारों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह जाहिर किया था। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक अलग जगह पर ले जाकर ये साबित करने की कोशिश की थी कि कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी।
तब भी, ये लिबरल पत्रकार और विपक्ष के नेताओं ने बड़ी चतुराई से कहा था कि वे भारतीय सेना पर व्यक्तिगत रूप से संदेह नहीं करते हैं, लेकिन यदि पाकिस्तान सबूत माँग रहा है, तो उसे प्रदान किया जाना चाहिए। आज एक बार फिर राजदीप उसी तरह के धूर्तता को बस दोहरा रहे हैं।
भारतीय वायु सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद द्वारा संचालित आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। यह बताया गया था कि वायुसेना के जेट विमानों ने बालाकोट (पाकिस्तान), मुजफ्फराबाद (पीओके) और चाकोटी (पीओके) में आतंकी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक से जब मीडिया ने सवाल किए तो उनका जवाब बहुत ही हास्यास्पद था, “ये जो अटैक हुआ है सुबह, ये तकरीबन 4-5 किलोमीटर अंदर आए और उन्होंने बम फेंक दिया। और हमारी एयर फ़ोर्स तैयार थी। चूँकि रात का वक़्त था तो पता नहीं चला कि कितना नुकसान हुआ है। इसलिए उन्होंने इंतज़ार किया और अब उन्हें सही निर्देश मिल चुके हैं।
This is the Defence minister of Naya Pakistan: “Our air force was ready but it was dark..” Guys, ghabrana nahi hai. #okbye pic.twitter.com/QqNYU7QoCI
सुबह से ही पाकिस्तान सरकार के मंत्री जवाबी कार्रवाई के दावे किये जा रहे थे। और पाकिस्तान सरकार के प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री से सवाल पूछ लिया, “बताइए हमारी एयर फोर्स ने कौन सी जवाबी कार्रवाई की है? यहाँ तक कि भारत के किसी भी जहाज को खरोंच तक नहीं आई? क्या यह मुमकिन नहीं था कि हम उन्हें मार के गिरा देते?”
इसके जवाब में कुरैशी ने कहा कि यह पाकिस्तानी एयरफोर्स की काबिलियत पर सवाल करने का वक्त नहीं है। उन्होंने कहा, “आप पाकिस्तानी हैं और मैं आपका सम्मान करता हूँ।” कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान सरकार भारत की कार्रवाई जवाब देने में सक्षम है और वो यह करके रहेंगे।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य पत्रकार ने कुरैशी से सवाल पूछा, “क्या पाकिस्तान सेना को जवाब देने में देरी हुई क्योंकि भारतीय जवान काफी अंदर घुस आए थे?”
इसके जवाब में कहा गया कि ‘पाकिस्तान की एयर फोर्स पूरी तरह तैयार थी, अगर ऐसा नहीं होता तो हम भारतीय विमानों को कैसे वापस भेज पाते।’
पाकिस्तान पत्रकार ने पूछा, “भारत ने क्या हमारे डिफेंस सिस्टम को जैम कर दिया था, इसलिए हमें इस कार्रवाई के बारे में नहीं पता चल सका?”
इसके जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा, “कार्रवाई के बारे में हमें पता चल गया था, लेकिन शुरुआत में नुकसान की बारे में खबर नहीं थी।”
पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डों पर भारतीय सेना के प्रचंड रूप यानी सर्जिकल स्ट्राइक से देशभर में उत्साह और जूनून देखने को मिल रहा है। लोग अपनी अभिव्यक्ति को अलग-अलग तरह से पेश भी कर रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के ऑटोड्राइवर मनोज का जश्न मनाने का अंदाज जरा हट के है।
दिल्ली के एक ऑटोड्राइवर मनोज, जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर इंडियन एयरफोर्स द्वारा किए गए स्ट्राइक की खुशी में लोगों को मुफ्त सवारी की पेशकश कर रहे हैं। उन्होंने कहना है, “मैं बहुत कुछ नहीं कर सकता, लेकिन मैं मुफ्त में सवारी की पेशकश कर रहा हूँ। मैं बहुत खुश हूँ इसलिए आज सवारियों से किराया नहीं ले रहा हूँ।”
Delhi: An auto driver Manoj offered free rides today in celebration of Indian strikes on JeM camp in Balakot. He says, ‘Can’t do much but I’m offering free rides. I’m happy, I’m not charging anything today.’ pic.twitter.com/Lcz718fk0I
मनोज ने अपने ऑटो के पीछे आज एक बड़ा पोस्टर लगाया है जिस पर लिखा है, “पुलवामा हमले का बदला लेने की ख़ुशी में आज इस ऑटो में फ्री सेवा, शहीदों को नमन, सेना को प्रणाम और मोदी जी को धन्यवाद।”