दोनों देशों ने आपात बैठक बुलाई है। एक तरफ जहाँ पीएम मोदी खुद इमर्जेंसी बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान में यह बैठक विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में किया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना ने 1000 किलोग्राम वजन वाले बम गिरा कर पाकिस्तानी ज़मीन पर स्थित कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। आज सुबह साढ़े 3 बजे भारतीय वायुसेना के मिराज लड़ाकू विमानों के एक ग्रुप ने सीमापार में जैश के कैम्पों पर बम बरसाए।
पहला स्कूल बनाने के लिए अहमद अली ने अपनी ही पुस्तैनी जमीन का एक टुकड़ा बेच दिया था और दूसरा हिस्सा स्कूल के लिए दान कर दिया था। स्कूल चलाने के लिए कुछ धन अहमद अली ने अपनी मेहनत, बचत और कुछ चंदे के रूप में जुटाया।
कॉन्ग्रेस भले ही जवानों की इस माँग को पूरा करने में विफल रही हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग में यह चीज तब से थी, जब वो पीएम नहीं बने थे। इस मंच से उन्होंने किया था कि सत्ता में आते ही देश के सैनिकों की याद में युद्ध स्मारक का निर्माण कराया जाएगा।
मोदी के ऐसे प्रतीकात्मक कार्य आपको नौटंकी ही लगेंगे क्योंकि आप न तो लोयथम रिचर्ड को जानते हैं, न ही नाइदो तनियम को। आप उन हजारों उत्तर-पूर्व के लोगों को नहीं समझ पाते, और उनकी वेशभूषा पर टिप्पणियाँ करते हुए, उसके बालों के कारण उसकी जान ले लेते हैं।
16 अभ्यर्थियों में अव्वल आईं गौरी माहादिक अब 49 हफ़्ते की ट्रेनिंग के लिए अप्रैल में चेन्नई रवाना होंगी। क़रीब एक वर्ष के कड़े प्रशिक्षण के बाद उन्हें मार्च 2020 में भारतीय सेना में नॉन-टेक्निकल श्रेणी के तहत लेफ्टिनेंट का पद दिया जाएगा।
मंच पर केजरीवाल, भगवंत मान, हरमोहन और शत्रुघ्न सिन्हा की मौजूदगी के बावजूद लोगों का रैली में न आना चर्चा का विषय है। खाली कुर्सियाँ देख बौखलाए केजरीवाल ने 7-8 मिनटों में ही अपना भाषण समाप्त कर दिया।
इतने लोग सुबह-सुबह किसी खेत में जाते होंगे, और वहाँ खाद बनाते होंगे, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।किसानों की बात करने वाले मोदी जी का यही है असली चेहरा। खेतों से लोगों को वापस लौटा कर नीम कोटेड यूरिया बेच रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया को पता है कि पेशाब में यूरिया होता है।
वाड्रा ख़ुद ऐसा काम कर रहे हैं जिससे वो एक दयावान के रूप में ख़ुद को सामने रख सकें और इसके लिए वो नेत्रहीन और ग़रीब लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल करके जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं।