एक तरफ भाई राहुल गाँधी झूठ का कटोरा लिए राफ़ेल-राफ़ेल करते देश में घूम रहे हैं और अब प्रियंका का यह सड़क वाला झूठ… लगता है झूठ-झूठ खेलना कॉन्ग्रेस की आखिरी रणनीति का हिस्सा है - झूठ बोलो, जनता को मूर्ख बनाओ, कुर्सी पाओ!
वह दूसरे मज़हबों ही नहीं, उदारवादी मुसलामानों और सूफ़ियों को भी अपशब्द कहता था - उसके लिए सूफ़ी नशेड़ी थे। इस्लामिक पढ़ाई में उसकी रुचि इतनी ज्यादा थी कि उसने केवल कुरान रटने के लिए अरबी का कोर्स किया और 2006 में एक इस्लामिक अध्ययन केंद्र खोल डाला था।
"मैं जेल में हूँ। वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहता हूँ। इसके लिए मैंने नामांकन फॉर्म भी खरीद लिया है। मगर जेल में रहकर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता। इसलिए चुनाव प्रचार करने के लिए मुझे तीन सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा किया जाए।"
कन्हैया कुमार के LPG सिलेंडर दिखाकर मीडिया गिरोह की TRP में भी उछाल आने के कारण कामरेड की गरीबी पर निष्पक्ष पत्रकारों को खूब चरमसुख मिलता नजर आ रहा है। लेकिन अचानक ‘वन फाइन डे’ इस LPG सिलेंडर न जुटा पाने वाले कामरेड की तस्वीरों से बेगूसराय के लगभग हर हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्र के पहले पन्ने भर गए।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने प्रज्ञा ठाकुर के घर पहुँचकर उन्हें भगवा शॉल भेंट करके उनका सम्मान भी किया। कुछ भी हो, प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव ना लड़ने के ऐलान के बाद अब बीजेपी और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने राहत की साँस ली है।
फॉर्म पर कॉन्ग्रेस के चुनाव चिन्ह के साथ-साथ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की भी फोटो छपी थी। जब ग्रामीण-जन स्थानीय सरकारी कार्यालय में अपने फॉर्म जमा करने के लिए पहुँचे, तो उन्हें पता चला कि उन्हें जो फॉर्म वितरित किए गए वो नकली थे और इनका वितरण केवल उन्हें धोखा देने के लिए किया गया था।
कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले की पुष्टि की और साथ ही ये भी बताया कि एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल की सीमा के आस-पास के सभी क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी शुरू कर दी है।
स्वामी सुंदर नामक व्यक्ति ने खुद को लॉरी ड्राइवर बताते हुए बेंगलुरु पुलिस को कॉल किया और दावा कि कर्नाटक समेत 8 राज्यों में आतंकी ट्रेनों में हमला कर सकते हैं। साथ ही यह भी बताया कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम में 19 आतंकी मौजूद हैं।
एयर इंडिया फ्लाइट्स का सर्वर सुबह 3:30 से डाउन था। सर्वर डाउन होने की वजह से एयर इंडिया की सभी भारतीय उड़ानों में देरी के चलते हजारों यात्री इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फँसे हुए थे।
ऐसे मामलों में न केवल आरोपी की प्रतिष्ठा और गरिमा को बहाल करना मुश्किल हो जाता है बल्कि अपमान, दुख, संकट और आर्थिक नुकसान की भरपाई करना भी काफी मुश्किल हो सकता है, लेकिन बरी किए जाने से उसे कुछ सांत्वना मिल सकती है और वह नुकसान के लिए मामला दर्ज करा सकता है।