Wednesday, November 27, 2024

हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष

वैलेण्टाइन से पहले और बाद के नेता: ‘प्यार’ में खाया धोखा, गली-गली भटक रहा मतदाता

जिस प्रकार टेडी बियर, गुलाबों की चकाचौंध के पीछे प्रियतमा के द्वारा पकाया हुआ आलू का पराठा, और जानूँ के द्वारा कराया गया मुफ़्त फ़ोन रिचार्ज ही वो शक्ति है जो प्रेमसंबंधो में माधुर्य बनाए रखता है, बड़े-बड़े नारों के पीछे मुफ़्त संसाधनों का वचन और अपने वालों को जात-धर्म के झंडे के नीचे बाँधकर भीड़ जमा करने का माद्दा ही नेता और मतदाता के मध्य प्रेम को बनाए रखता है।

जीत की हार: बाबा भारती से सुल्तान की लगाम ले फिर भाग निकला डाकू खड्ग सिंह

70 में से 62 सीटें खाते में जाने का तो कम से कम यही संदेश है कि सुल्तान अपने अस्तबल में न होकर एक ऐसे आदमी के साथ चने खा रहा है, जिसने उसे वायदों के सिवाय और कुछ नहीं दिया।

इकोनॉमी में कॉन्ग्रेस का 6.30 लाख का योगदान, जमानत बचाने वाले 3 नेताओं को शो कॉज नोटिस!

गुप्त सूत्र बताते हैं कि दिल्ली चुनाव से पहले ही कॉन्ग्रेस आलाकमान ने उच्चस्तरीय बैठक में सभी उम्मीदवारों को जमानत जब्त करवाने के निर्देश दिए थे। नतीजों के बाद जो तीन उम्मीदवार ऐसा नहीं कर पाए हैं अब वे पार्टी भी अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं।

AAP की जीत के बाद भी तुम मुझे क्लीन चिट नहीं दे रहे, बंगाल हारने का डर है?: EVM का पत्र नेताओं को

संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, हर जगह बलि का बकरा मुझे ही बनाया जाता है। एक दिन पहले मुझे गालियाँ दी जाती हैं, अगले ही दिन मनपसंद परिणाम आते ही उन बातों को भुला दिया जाता है। इस बार मेरी लाज बच गई। चलिए, दिल्ली चुनाव को वणक्कम।

सत्ता के लिए कागज़ दिखाएँगे वरना ‘कागज बकरी खा गई, बकरी अब्बा खा गए’ चिल्लाएँगे

भला हो मोदी, LG, हाशमी दवाखाना और हर उस आदमी का जिन्होंने अरविन्द केजरीवाल को कभी कुछ करने ही नहीं दिया, वरना शाहीन बाग़ वालों को लंदन में बिरियानी के लिए लंगर लगाने और धरना प्रदर्शन करने की इजाजत ही कैसे मिल पाती, क्योंकि लंदन में तो हर काम के लिए कागज दिखाने पड़ते हैं और शाहीन बाग़ वालों के कागज़ तो कब की बकरी खा गई थी।

NDTV में आखिर क्यों हाशिए पर ढकेले गए रवीश कुमार

जिन NDTV के लिए पसीना बहा कर प्रोपेगेंडा फैलाते-फैलाते बाल सफ़ेद कर दिए, अब उसी NDTV ने रवीश के ब्लॉग को वेबसाइट पर एक कोने में छोटी सी जगह में ढकेल दिया है। क्या रवीश के शो की गिरती TRP के कारण उन्हें अपने ही संस्थान में किनारे किया जा रहा है? दुःखद। निंदनीय।

बजट 2020: रवीश कुमार का विश्लेषण, प्राइम टाइम से पहले लगा हमारे हाथ… हें हें हें

मैं इस बजट को सांप्रदायिक मानता हूँ। यकीन मानिए आज इस बजट के दौरान गाँधी जी होते तो इसे पास नहीं होने देते। बजट तो हर साल आता है, जाता है, लेकिन अल्पसंख्यक के मुद्दे पर सभी चुप्पी साध लेते हैं। अंत में सवाल यही कि क्या इस बजट के पैसे से गरीब का पेट भर जाता है?

जब आप बजट देख रहे थे, दुनिया कामोत्तेजना बढ़ाने के मारक उपाय ढूँढ रही थी

आम दुनिया से अलग एक मेन्टोस दुनिया भी है, जिसे कहते हैं दी लल्लनटॉप! यह दुनिया बजट के दौरान इस बात को लेकर परेशान थी कि आखिर प्रियंका चोपड़ा की ड्रेस खिसकती क्यों नहीं? वैसे, बजट-वजट बाद में देखा जाएगा, पहले NDTV चाहता है कि आप सपना चौधरी का डांस देखें।

कामरा शुरू करेगा निजी विमान सेवा अर्णब-Go, सस्ते चुटकुलों पर हँसने वालों के लिए टिकट मुफ्त

टिकट बुकिंग के दौरान उपभोक्ता को कुणाल कमरा के दो सस्ते एवं निहायत ही घटिया (मतलब कामरा का कोई भी) चुटकुले सुनाए जाएँगे, इसके बाद यदि उपभोक्ता टिकट खिड़की पर हँसते हुए पाया जाता है, तो उसके लिए कुणाल कमरा की इस विमान सेवा में 6 महीने की समयावधि के लिए मुफ्त सफर घोषित किया जाएगा।

चेहरे पर नकाब, होंठों पर आजादी के नारे, जॉइंट फूँककर हवा में उड़ता है अपना ‘काम’रेड KK

जब से क्रांति कुमार उर्फ़ केके दिल्ली के मशहूर 'विष-विद्यालय' से अपनी सदियों से चली आ रही पीएचडी पूरी कर गाँव लौटा था, तब से वो बुझा-बुझा सा रहने लगा था। गाँव में न गंगा ढाबा का सस्ता किन्तु लजीज खाना था, ना ही सस्ते हॉस्टल और ना ही ढपली बजाने के लिए किसी तरह की कोई सब्सिडी।

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