पीछे स्क्रीन काली है। आगे मुनव्वर हैं। बकल टिकैत और आंदोलनजीवी यादव भी। सूत्रधार बने हैं, मैग्सेसे कुमार। सब के सब छलनी। जख्मों से नहीं। पेगासस (Pegasus) से।
खुद शर्मिंदा होने के बहाने समाज को शर्मिंदा होने के लिए ललकारना। अपराध की बात करते हुए नक्सली को डिफेंड करोगे तो समाज तुम्हारे ऊपर चढ़ जाएगा और तुम्हें सच में शर्मिंदा करके छोड़ेगा।