Thursday, November 28, 2024

हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष

…न भाला है, यह गेहुअन करइत काला है: लंबे-नुकीले ‘मैस्कुलिन पैट्रिआर्कि’ पर यूँ बिफरा लिबरल गिरोह विशेष

'भाला फेंक' में स्वर्ण पदक मिलने पर कुछ सेक्युलर ब्रिगेड के पत्रकारों की टिप्पणियाँ हमारे पास आ गई हैं, जिन्हें हम आपके साथ साझा करना चाहेंगे।

786 फीट तकिया फेंका, देश के लिए लाया पहला ओलंपिक गोल्ड: वो GK जिसे इतिहासकारों ने छिपाया

भारत गोल्ड जीत चुका था। बात प्रेस में दबाने के लिए चाहने वाली बिलायती महिला को सेट किया। चाहने वाली पावरफुल थी। उन्होंने प्रेस को सेट किया।

समर्थन ले लो… सस्ता, टिकाऊ समर्थन: हर व्यक्ति, संस्था, आंदोलन और गुट के लिए है राहुल गाँधी के पास झऊआ भर समर्थन!

औसत नेता समर्थन लेकर प्रधानमंत्री बनता है, बड़ा नेता बिना समर्थन के बनता है पर राहुल गाँधी समर्थन देकर बनना चाहते हैं।

ओलंपिक में मीराबाई चानू के सिल्वर मेडल जीतने पर एक दुःखी वामपंथी की व्यथा…

भारत की एक महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीता है। ये विज्ञान व लोकतंत्र के खिलाफ है।

बाढ़ का बुलेटिन पढ़ता हूँ… बिहार को डूबोने वाली नदियों को, पानी को हजार लानतें भेजता हूँ

आज बात बिहार की। वहाँ के बाढ़ की... लानतों की हकदार वे नदियाँ हैं जो उफनती हैं। वह पानी है जो खेत-खलिहान से लेकर घर-द्वार में घुसती है।

2BHK-फटी जेब में पेगासस है, हवस के कई ‘राज’ हैं… खाली हाथ अकेला मैग्सेसे कुमार है

पीछे स्क्रीन काली है। आगे मुनव्वर हैं। बकल टिकैत और आंदोलनजीवी यादव भी। सूत्रधार बने हैं, मैग्सेसे कुमार। सब के सब छलनी। जख्मों से नहीं। पेगासस (Pegasus) से।

‘वामपंथी लिबरल गिरोह में खुद को मोदी विरोधी साबित करने की होड़’: पेगासस लिस्ट में खंगाले जा रहे नाम

"बस एक बार किसी लिस्ट में नाम आ जाए तो लोग यह एक्सेप्ट कर लें कि मोदी सरकार हमसे भी डरने लगी है तो मैं भी उसके एवज में कुछ वसूल कर लूँगा।"

लिबरलों की नज़र में आज-कल, दिन भी अँधेरी रात है… क्योंकि मोदी ने छीने सामूहिक शर्मिंदगी के वे दिन

खुद शर्मिंदा होने के बहाने समाज को शर्मिंदा होने के लिए ललकारना। अपराध की बात करते हुए नक्सली को डिफेंड करोगे तो समाज तुम्हारे ऊपर चढ़ जाएगा और तुम्हें सच में शर्मिंदा करके छोड़ेगा।

पंजाब को दिल्ली बना दूँगा… वादा ही वादा, होर्डिंग ही होर्डिंग, चेहरा ही चेहरा

वे जहाँ जाते हैं, बिजली प्रधान भाषण देते हैं। उनकी बात सुनकर लगता है कि ये आदमी राजनेता है या बिजली मिस्त्री?

कहानी उस गोले की जहाँ है तुगलक प्रदेश, जहाँ के शहंशाह हैं सर जी!

मुस्कुराइए क्योंकि कहानी इस गोले की नहीं है। उस गोले की है जहाँ तुगलक प्रदेश है। जिस प्रदेश में खुशहाली का ओवरडोज है।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें