Friday, April 26, 2024

हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष

रावण के थे दो ‘वानर’- एक शुक, दूजा सारण: श्रीराम की सेना में घुस गए, कौन से राज़ पता लगाने थे?

AAP के मनीष सिसोदिया और संजय सिंह राम मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या गए। इस घटना का रामायण वाले 'शुक और सारण' से कोई लेनादेना नहीं है। या... है?

तालिबान की ‘मोस्ट वांटेड’ सरकार, भारत के बुद्धिजीवी देख रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस… उधर गिर गई बाइडन की रेटिंग

बड़ी विडंबना है कि सरकार चलेगी शरीयत के अनुसार लेकिन स्ट्रक्चर रहेगा डेमोक्रेटिक वैसे बाइडन की रेटिंग गिर गई। वैसे भी, देखा जाय तो गिरने के लिए यही एक अमेरिकी चीज बची थी।

तालिबान की सरकार में न भीम, न ब्राह्मण: बबुआ के साइकिल पर बैठ काबुल निकली बुआ, हाथ में त्रिशूल-साथ में रावण!

तालिबान ने आखिर साबित कर दिया है कि 56 इंच के सीने से कुछ नहीं होता, एके-56 हाथ में हो तो बहुत कुछ हो जाता है।

गोविंदा ने सिखाया अंडे का फंडा, इमरान खान बूझ गए मामूली नहीं ये फंडा; पर पाकिस्तानी नहीं पाड़ रहे अंडे पर अंडा

कुछ असाधारण प्रतिभा वाले होते हैं। जैसे इमरान खान। पाकिस्तान वाले। ऐसे लोगों का मानना रहा है कि पहले न तो अंडा आया और न ही मुर्गी, पहले मुर्गा आया।

हजरतबल में चिदंबरम के बेटे ने हरी टोपी में पढ़ी जुमे की नमाज, प्रोफेसर हकुद्दीन शेख कर रहे ‘लुंगी-खतना’ का इशारा

कार्ति चिदंबरम पहुँचते हैं हजरतबल। शुक्रवार के दिन नमाज पढ़ते हैं। हरी टोपी पहन कर। सोचा होगा मुसलमान मान लिए जाएँगे लेकिन ऐसे कैसे!

मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत गाँधी मूर्ति आवश्यक… ‘फाइल-फेंक’ विरोध देख स्वर्ग में होते होंगे इम्प्रेस!

गाँधी जी की और मूर्तियों की स्थापना हो ताकि शरद पवार, ममता बनर्जी और डेरेक ओ' ब्रायन जैसे लोकतंत्र के लिए चिंतित नेता उनके नीचे बैठ कर...

नीरज चोपड़ा से छिन जाएगा गोल्ड मेडल? गलत निशाने पर लगा था भाला, पावरफुल लोगों ने की शिकायत

खबर का शीर्षक - गलत निशाने के बाद भी नीरज चोपड़ा को क्यों मिला गोल्ड? खबर के भीतर - ओलंपिक वालों से कर दी गई है शिकायत।

…न भाला है, यह गेहुअन करइत काला है: लंबे-नुकीले ‘मैस्कुलिन पैट्रिआर्कि’ पर यूँ बिफरा लिबरल गिरोह विशेष

'भाला फेंक' में स्वर्ण पदक मिलने पर कुछ सेक्युलर ब्रिगेड के पत्रकारों की टिप्पणियाँ हमारे पास आ गई हैं, जिन्हें हम आपके साथ साझा करना चाहेंगे।

786 फीट तकिया फेंका, देश के लिए लाया पहला ओलंपिक गोल्ड: वो GK जिसे इतिहासकारों ने छिपाया

भारत गोल्ड जीत चुका था। बात प्रेस में दबाने के लिए चाहने वाली बिलायती महिला को सेट किया। चाहने वाली पावरफुल थी। उन्होंने प्रेस को सेट किया।

समर्थन ले लो… सस्ता, टिकाऊ समर्थन: हर व्यक्ति, संस्था, आंदोलन और गुट के लिए है राहुल गाँधी के पास झऊआ भर समर्थन!

औसत नेता समर्थन लेकर प्रधानमंत्री बनता है, बड़ा नेता बिना समर्थन के बनता है पर राहुल गाँधी समर्थन देकर बनना चाहते हैं।

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