Friday, May 3, 2024

देश-समाज

बाल ठाकरे स्मारक निर्माण के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने किए ₹100 करोड़ मंजूर

शिवसेना प्रमुख रहे स्वर्गीय बाल ठाकरे के स्मारक के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने ₹100 करोड़ की मंजूरी दे दी है। इसकी माँग लम्बे समय से उठ रही थी।

यायावरों को पंख देकर वरदान साबित हुई है UDAN योजना

UDAN योजना के कारण पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, जो केंद्र सरकार का घूमने के शौकीनों के लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा माना जा सकता है।

98 ईसाई आदिवासियों ने पुनः अपनाया हिंदू धर्म, 9 साल पहले प्रलोभन से कराया गया था धर्मान्तरण

इससे पहले क्रिसमस के मौक़े पर मैनपुरी में बजरंग दल ने 20 ईसाईयों की हिन्दू धर्म में वापसी कराई थी।

मैं तो बस एक झूठ लेकर चला था, ‘वायर’ जुड़ते गए, और ‘कारवाँ’ बनता गया…

कारवाँ एक ऐसा मैगजीन है जिसके बारे में आप तभी सुनते हैं जब रवीश कुमार फ़ेसबुक पर लेख लिखकर जताते हैं कि उस शाम के प्राइम टाइम में क्या कवर किया जाएगा।

1 फरवरी से सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण, जानिए किन्हें मिलेगा लाभ

सामान्य वर्ग के ग़रीबों को १ फरवरी से आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा। यहाँ जानिए किन-किन लोगों को मिलेगा लाभ और इसके लिए क्या मानक तय किए गए हैं।

ISIS के 47 आतंकी पकड़कर लाए गए भारत

ISIS के इन 47 समर्थकों में से अधिकतर भारत से बाहर रहकर भारतीय युवाओं के भर्ती एजेंट के रूप में काम करते थे।

‘नए भारत के निर्माण में भारतीय प्रवासियों की भूमिका’ है 15वें ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ के केंद्र में

सम्‍मेलन के दौरान भारत और विदेश दोनों में विभिन्‍न क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण योगदान देने वाले चुने गये भारतीय प्रवासियों को प्रवासी भारतीय सम्‍मान प्रदान किए जाते हैं।

नागरिकता बिल: क़रीब 31,000 अप्रवासियों को मिलेगा दीर्घकालिक वीज़ा

पहले यह माना जा रहा था कि यह बिल केवल असम में रहने वाले बांग्लादेशी अप्रवासियों को ही नागरिकता प्रदान करेगा, जबकि ऐसा नहीं है।

विदेश में रहकर चुकाया देश का कर्ज़, अब घर बैठे कर सकेंगे श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन

वर्चुअल स्पेस द्वारा मिलने वाले इस मंदिर के दर्शन को योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी भारतीय दिवस के दिन सोमवार (21 जनवरी, 2019) को लॉन्च किया है।

’50 लाख बच्चों’ के पिता ‘वृक्ष मानव’ का 96 की उम्र में निधन

भाई और पत्नी के निधन के बाद विश्‍वेश्‍वर के लिए उनका दुख भूल पाना मुश्किल था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वो मौत का दुख सहने के लिए पौधे लगाने लगे। अंतिम सांस लेने तक उन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित करना अपना ज़िम्मा समझा

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