Friday, March 29, 2024

विचार

बीफ को जब बताया जा रहा ‘संवैधानिक अधिकार’, तब हिंदू मंदिरों की जमीन की लड़ाई कब तक और कितनी महत्वपूर्ण?

मंदिर की भूमि मंदिर को वापस दिलाने के लिए कोर्ट का दरवाजा पीटा जा रहा है। वहीं बीफ पर कोई अपना संवैधानिक अधिकार जता रहा है!

शुक्र है PM मोदी हैं! पब्लिक की होगी फ्री वैक्सीनेशन, प्रोपेगेंडा के नए टीके की तलाश में विपक्ष

केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर जिस तरह से क्रेडिट लेने और देने की होड़ मची हुई है, वह दर्शाता है कि ऐसे निर्णयों को या ऐसी घोषणा का विपक्ष या मोदी विरोधियों के लिए क्या महत्व है।

आज मार रहे हो… कल जनता तुम्हें ‘मारेगी’ (चुनावी मैदान में): पश्चिम बंगाल पर हर चुप्पी का बदला इसी लोकतंत्र में

ऐसा क्यों है कि केरल या पश्चिम बंगाल में जब सरकार द्वारा सह दिए जाने वाली हिंसा की बात होती है तो लोकतंत्र के हिस्सेदारों को साँप सूँघ जाता है?

मैं चाहे जो लिखूँ-बोलूँ, मेरी मर्जी: बालसुलभ तर्कों से लैस इतिहास्य-कार, आरफा खानुम महज झाँकी है

औरंगज़ेब ने भले दर्जनों मंदिर तुड़वाए, लेकिन इतिहासकार चाहे तो अपने इतिहास की कार चढ़ा उसे कुचल दे और साबित कर दे कि वह तो बड़ा शालीन शासक था।

2500 ‘हिंदू’ गाँवों का नाम बदल इस्लामीकरण: ‘दुर्गा’ इंदिरा थीं तब PM, CM के लिए हिंदू थे ‘भारत सरकार के मुखबिर’

शेख और इंदिरा गाँधी के बीच 1975 में एक समझौता हुआ। शेख कॉन्ग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने... जबकि उनकी पार्टी का एक भी विधायक नहीं था।

हिंदू-मुस्लिम एंगल देकर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रोकने की साजिश: विधायक, कलाकर, मीडिया… सब इस खेल में शामिल

"मौजूदा संसद भवन और राजपथ दुनिया की इस्लाम प्रभावित सबसे महत्वपूर्ण निशानी... मोदी भारत की सभी इस्लामिक इमारतों और 20 करोड़ मुसलमानों को नेस्तनाबूद करने से कम कुछ भी नहीं चाहते।"

भारत के सदानंद मास्टर हों या चीन का थियानमेन चौक: वामपंथी छल-बल ने मानवता को दिए हैं बेहिसाब घाव

4 जून 1989 वामपंथी पाखंड का एक नमूना है। उसका इतिहास से लेकर वर्तमान तक, हिंसा और रक्त से ही सना है।

‘हिंदुत्व ठगों’ को धमकी, भगवा व स्वस्तिक का अपमान: जो राकेश पंडिता के हत्यारों की भाषा, लेफ्ट और विपक्ष की वही है बोली

हिंदुत्व को गाली, भगवा ध्वज व स्वस्तिक का अपमान और 'फासिस्ट' शब्द का प्रयोग - आतंकियों की भाषा वही है, जिसका इस्तेमाल भारत का लेफ्ट और कुछ विपक्षी नेता पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए करते हैं।

लोगो में ईसाई धर्म… बात विज्ञान की: 600 साल पहले रचा गया था प्रपंच, महामारी में WHO-IMA बढ़ा रहा उसी को आगे

WHO स्वास्थ्य की दुनिया की सबसे बड़ी संस्था- विज्ञान और तर्कों पर आधारित। लेकिन लोगो में ईसाई देवता... यानी धार्मिक उपनिवेशवाद!

वे डफली अच्छी बजाते हैं, Placard अच्छी लिखते हैं, लेकिन मस्जिद के रेपिस्ट मौलवी पर बोलने की मनाही है

कठुआ में एक रेप हुआ था तो पूरे भारत को तुम लोगों ने रेपिस्तान बताया था। तुम्हें तो याद होगा ही? तुम्हारी ही यूनिवर्सिटी के लोग बॉलीवुड वालों के साथ खुद के हिन्दू होने पर शर्मिंदा हुए थे?

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