Monday, November 25, 2024

राजनैतिक मुद्दे

देश की अखंडता को हज़ार खतरे हैं साहब! बंद कीजिए ‘अहीर-चमार’ रेजीमेंट बनाने की लड़ाई

इस समय पूरे विपक्ष की हालत एक जैसी हो चुकी है। सब भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए लुभावने वादे कर रहे हैं। कॉन्ग्रेस का हाल हम उसके घोषणा पत्र में देख ही चुके हैं। अब अखिलेश, मायावती और चंद्रशेखर की राजनीति भी उनपर सवालिया निशान लगा रही है।

‘डर’ पर किसका ज़ोर होता है चिदंबरम साहब, ‘ये तो वो पैमाना है जो छलक ही जाता है’

भले ही पी चिदंबरम अपने इस ट्वीट के ज़रिए यह दिखाना चाहते हों कि उन्हें आयकर विभाग की छापेमारी से डर नहीं लगता, लेकिन सच्चाई तो यह है कि वो सीएम कमलनाथ के क़रीबियों के ठिकानों पर अचानक हुई छापेमारी से सहमे हुए हैं। वजह साफ़ है। उनके बेटे और उनकी पत्नी...

इंदिरा व राजीव शिकार हुए थे, शहीद नहीं: ढोंगी देशभक्ति के नाम पर वोट मत माँगिए, यह नौटंकी है

देश ने अभी तक आपके परिवार का बड़ा सम्मान किया। अब देश आपसे चाहता है कि आप भी लोकतंत्र की भावना और उसकी इच्छा का सम्मान करते हुए कुछ समय तक सत्ता से दूर रहने में योगदान देकर सच्ची देशभक्ति का सबूत दें। आपकी नकली देशभक्ति और बाहरी दिखावों की देश को फिलहाल ज़रूरत नहीं।

देश के दूसरे NSA जे एन दीक्षित की हत्यारी कॉन्ग्रेस आज NSC को कानूनी दर्ज़ा देने की बात कर रही है

प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य अधिकारियों की तरह दीक्षित की पहुँच सोनिया गाँधी तक नहीं थी। वे जब भी मिलने की इच्छा जताते तो सोनिया गाँधी की तरफ से नकारात्मक उत्तर ही मिलता। वास्तव में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनते ही NSA पद के लिए झगड़ा प्रारंभ हो चुका था।

फर्श से सत्ता के अर्श तक: अभाव में कोई AK47 उठाता है, कोई जितना है, वही बाँट लेता है

दो युवतियों के लिए अपनी सीट स्वेच्छा से छोड़कर ट्रेन की फर्श पर सोने वाला नेता आज देश का प्रधानमंत्री है। ट्रेन की गंदगी ही नहीं बल्कि समूचे देश के मानस में व्याप्त गंदगी उसने देखी है और उसका अनुभव किया है इसीलिए वह व्यक्ति साफ़ सफाई का आग्रह कर पाता है।

गले लगाया, आँख मारी, ‘मोदी से प्यार करता हूँ’ चिल्लाया… लेकिन वो मेरा नाम तक नहीं लेता

हैरान करने वाली बात है कि जो राहुल जनता के बीच जाकर मोदी को चुप कराने के लिए 15 मिनट का समय माँगता था वो अब सिर्फ़ इस बात पर अड़ गया है कि उसे मोदी से बहुत प्यार है।

इन 600 टुटपुंजिया कलाकारों का निशाना भी पुलवामा फिदायीन की तरह हिंदुत्व ही है

इन 600 खलिहर लोगों ने जो बात अपने पत्र में लिखी है वो है ‘हिंदुत्व के गुंडों’ का वर्णन! गुमनामी में जी रहे इन 600 लोगों ने भी सस्ती लोकप्रियता के लिए वही विधि अपनाई है, जो पुलवामा आतंकी हमले में समुदाय विशेष के उस भटके हुए फिदायीन ने अपनाई थी, यानि हिंदुत्व पर हमला!

परिवार की अंधी कमाई पर लगी लगाम के बाद राहुल की बिलबिलाहट लाज़मी है

राहुल गाँधी बोफ़ोर्स तोप घोटाले के बारे में क्या कहेंगे जिसके तार सोनिया गाँधी और उनके बहनोई तक से जा जुड़े? अब यह बात अलग है कि बात चाहे राहुल की माँ सोनिया गाँधी के बहनोई की हो या उनके ख़ुद के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की हो, घोटालों के बेताज़ बादशाह तो दोनों ही हैं।

राहुल गाँधी: मिडिल क्लास की जेब में ऐसे हाथ डालूँगा और यूँ ₹72,000 वाला ‘न्याय’ निकाल लूँगा

न्याय योजना को बजट में जगह देने के लिए आमदनी चाहिए, आमदनी बढ़ाने के लिए टैक्स बढ़ाना होगा, चाहे लोगों पर हो, या वस्तुओं पर। दोनों ही स्थिति में भार वापस आम आदमी पर ही पड़ेगा। राहुल गाँधी को लगता है कि इतने बैंक हैं, वहाँ से पैसे ले लेंगे। राहुल गाँधी ऐसा सोच सकते हैं, क्योंकि वो राहुल गाँधी हैं।

राहुल जी, रुमाल एक बार और फेर दीजिए न, लोगों में सही मैसेज जाएगा: घायल पत्रकार और राहुल का PR

वैसे तो 2014 के बाद से वो टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में भी खड़े दिखाई दिए थे लेकिन अब वो मानवता का प्रत्यक्ष चेहरा बनकर उभर रहे हैं।

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