Saturday, April 27, 2024

सामाजिक मुद्दे

जिन्ना समर्थक हिन्दू अर्थशास्त्री बृज नारायण: जिन्हें मजहबी भीड़ ने उनके मजहब के लिए मार डाला

जिन्ना समर्थक प्रो बृज नारायण को जिस भीड़ ने अपना शिकार बनाया, उसे सिर्फ हिंदुओं को मारना था। 2 दिन पहले लाहौर में आधा हिन्दू, आधा सिख थे, 2 दिन बाद सिर्फ..

शादी की उम्र तय करना जरूरी, ताकि महज सेक्स की वस्तु और बच्चा पैदा करने वाली मशीन बनकर न रह जाएँ बेटियाँ

लड़की को शिक्षा के स्तर पर सशक्त बनाना हो या शारीरिक रूप से परिपक्व बनाना हो, जरूरी है कि अब यह उम्र का दायरा थोड़ा और आगे बढ़े व मुमकिन हो तो 21 साल तक इसे किया ही जाना चाहिए।

वामपंथी दौर में हिंदुओं की आवाज बुलंद करने वाले सीता राम गोयल, जिनकी किताबें आज भी हैं प्रामाणिक

सेकुलरिज्म और नरसंहारों को नकारने की तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग की आदत को वो अपने दौर में आड़े हाथों लेते रहे। उनका जन्म 16 अक्टूबर 1921 को हुआ था और आज उनकी जन्मतिथि भी है।

मुताह निकाह: ‘कुछ दिन के मजे’ वाली मजहबी संस्कृति के नाम पर ‘अमीना-शबानाओं’ का उत्पीड़न

कभी वो बच्ची अमीना थी, कभी शबाना, आलिया, रुखसाना या कोई और हो जाएगी। सवाल ये है कि निकाह के नाम पर लड़कियों के भविष्य से ये खिलवाड़ बंद क्यों नहीं होता?

तनिष्क मामला: NDTV की फर्जी खबर और हलाला वाले घरों में ‘प्यार’ बँटवाती जहरवाली वामपंथन

अपनी गलती मानते हुए भी आरोप आप ही पर कि आगे ये लोग दंगा कर देंगे, हिंसा कर देंगे, इसलिए हमने हटाया वरना विज्ञापन में तो ऐसा कुछ है नहीं, जो नहीं समझे उन्हीं की गलती है।

पहले घटिया ‘सेक्युलर’ एड बना कर लव जिहाद को किया मेनस्ट्रीम, अब फर्जी हिंसा की धमकी की बात कर रहा Tanishq

एक तो 'Tanishq ने विज्ञापन वीडियो बना कर 'लव जिहाद' का महिमामंडन किया, ऊपर से अब वो स्पष्टीकरण जारी कर के हिन्दुओं को ही हिंसक दिखा रहा है।

Tanishq नहीं… इस धनतेरस #VocalForLocal, स्थानीय सुनार को मिले दीपावली मनाने का मौका

स्थानीय सुनार को भी मौका दीजिए! इस धनतेरस में उसे भी तो दीपावली मनाने का मौका मिलना चाहिए ना? हॉलमार्क जैसे मानकों से लैस कई सुनार...

चरसी वामपंथनों के नाम: ‘बड़ा प्यारा एड था’ से शुरू ‘संघी साले मूर्ख होते हैं’ पर खत्म (चरसी वामपंथी भी पढ़ें)

चरसी वामपंथनों को 4-5 शब्द गिन कर आते हैं, धनिया की तरह छींटती रहती हैं। तनिष्क पर 'उम्मीद' देखने वाले आदर्श नगर के राहुल को भूल जाते हैं।

Tanishq Vs गदर: सिनेमा हॉल पर 500 की भीड़ का पेट्रोल बम से हमला, पलट गई थीं शबाना आज़मी

कोई तथाकथिक लेखक कहते हैं कि “जिनकी स्वर्ण खरीदने की औकात ही नहीं, वो तनिष्क का बहिष्कार ना करें” तो भारत की उनकी समझ पर हँसी आती है।

हिन्दुओं को कोने में ढकेलना बंद करो, 101वीं गलती पर सुदर्शन चले तो तहजीब की गजलें मत गाना

हिन्दू बच्चियों से 'लव' और 'रेप जिहाद', 70+ हिन्दुओं की मजहबी भीड़ द्वारा लिंचिंग... ये 'bleed Hindus with thousand cuts' की नीति है।

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