सामाजिक मुद्दे
घिसी-पिटी और पॉलिटिकली करेक्ट लाइन से अलग और बेबाक बातें
मी लॉर्ड! शाहीन बाग पर आपके फैसले की बत्ती बना कर बीरबल जैसे देखते रहने के अलावा क्या विकल्प है?
यहाँ कट्टरपंथी और वामी-कामी गिरोह सत्तू-नमक बाँध कर बैठा है कि जब तक दो भी जिंदा रहेगा आपसे में ही लड़ मरेंगे, एक ही बचा तो हाथ में तलवार और पैर के अँगूठे और दूसरी उँगली के बीच में कटार फँसा कर लड़ता रहेगा। उसका जन्म ही अराजकता फैलाने के लिए हुआ है, हिंसा उसकी नियति है, हिन्दूघृणा उसका न बदल सकने वाला पाठ्यक्रम है, आग लगाना उसकी मनोवृत्ति है, दंगा उसके लिए मजहबी आयोजन है…
मिर्जापुर: हिन्दू-घृणा से भरा पैकेज लेकर आया है 53 लाशों का जश्न मनाने वाला विषैला गैंग
जिहाद-परस्त व जिहाद-समर्थ इसी तर्ज पर नए दौर में तलवार, पेट्रोल बम के साथ साथ मनोरंजन के नाम पर सांस्कृतिक जिहाद पर बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं।
बिग बॉस और राधे माँ: स्वयंभू हिन्दुवादी चेहरों को पेश कर धर्म का उपहास करने की एक और स्क्रिप्ट क्यों?
बिग बॉस में हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाने वाले स्वयंभू चेहरे ही क्यों पेश किए जाते है? मजहब विशेष के ऐसे चेहरे क्यों नजर नहीं आते?
जब बलात्कार से ज्यादा जरूरी हिन्दू प्रतीकों पर कार्टून बना कर नीचा दिखाना हो जाता है: अपना इतिहास स्वयं लिखो
अपने पक्ष की कहानियाँ खुद लिखना सीखिए, लेकिन उससे भी जरुरी है कि वो जिस मुद्दे पर उकसाएँ, उस पर चुप रहना सीखिए।
लड़कियों को भी चाहिए सेक्स, फिर ‘काटजू’ की जगह हर बार ‘कमला’ का ही क्यों होता है रेप?
बलात्कार आरोपित कटघरे में खड़ा और लोग तरस खा रहे... सबके मन में बस यही चल रहा है कि काश इसके पास नौकरी होती तो यह आराम से सेक्स कर पाता!
जब एक फैसला, फैसला न होकर तुष्टिकरण बन गया: जानिए काशी, मथुरा की लड़ाई क्यों बाकी है…
आज जब अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद काशी-मथुरा की लड़ाई तेज़ हो गई है, हमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को भी याद करने की ज़रूरत है।
क्यों लग रहा है COVID-19 वैक्सीन में समय? जानिए क्या है ‘ड्रग डेवलपमेन्ट प्रोसेस’ और नई दवा के सृजन से लेकर बाजार में आने...
यह स्पॉन्सर और क्लीनिकल रिसर्चर की जिम्मेदारी है कि वे पारदर्शिता के साथ ट्रायल के प्रतिभागियों के स्वास्थ्य, अधिकारों और रेगुलेटरी एजेंसी के नियमों के तहत वित्तीय सहयोग को भी सुनिश्चित करें।
बॉलीवुड ‘सुपरस्टार’ के सामने ‘अपराधी’ शब्द बौना, ड्रग्स से लेकर हत्या/आत्महत्या और दंगों तक… कहाँ खड़ा होता है बॉलीवुड?
ड्रग्स मामला हो या सुपरस्टार्स के गलत कामों पर पर्दा डालने की कोशिश... बॉलीवुड ‘बॉलीवुड’ का बचाव करने से पीछे नहीं हटता है। ऐसा करने...
छद्म नारीवाद और हिंदू घृणा का जोड़: भारतीय संस्कृति पर हमला बोल कर कहा जाएगा- ‘ब्रेक द स्टिरियोटाइप्स’
यह स्टिरियोटाइप हर पोशाक की कतरनों के साथ क्यों नहीं ब्रेक किए जाते? हिंदुओं के पहनावे पर ही ऐसा प्रहार क्यों? क्यों नन की ड्रेस में मॉडल आदर्श होती है? क्यों बुर्के को स्टिरियोटाइप का हिस्सा नहीं माना जाता? क्यों केवल रूढ़िवाद की परिभाषा साड़ी और घूँघट तक सीमित हो जाती है?
ड्रग्स और बॉलीवुड: बड़े सितारों की चुप्पी बहुत कुछ कहती है – अजीत भारती का वीडियो | Ajeet Bharti speaks on Silent Bollywood and...
बॉलीवुड के नशेड़ियों को सही साबित करने के लिए भगवान शिव पर एक टिप्पणी आई है और इसके जरिए ड्रग सेवन को सही साबित करने का प्रयास हुआ है।