Friday, April 26, 2024

सामाजिक मुद्दे

बिंदी का सरोकार भारतीय पृष्ठभूमि से है: ‘लोगो’ हटाने से पहले ‘स्कॉच ब्राइट’ ये तो बताएँ ये रिग्रेसिव कैसे हुई?

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कई लोगों ने स्कॉच ब्राइट नामक उत्पाद बनाने वाली कंपनी 3M को आड़े हाथों लिया है। लोगों ने पूछा कि वो अपना 'लोगो' बदलने से पहले बता सकती है कि बिंदी रिग्रेसिव कैसे है?

सावरकर को चिढ़ाने, हिंदुओं को गाली देने वाले कॉमेडियंस… अब शिवसेना से माँग रहे रहम की भीख

खुद को क्रिएटिव बताने वाले इन कॉमेडियनों के पास जोक्स का अभाव है, तभी तो वो हिन्दू प्रतीकों का अपमान कर लोगों को हँसाने की कोशिश करते हैं।

सफूरा जरगर, छात्रा या रतन लाल की हत्या में शामिल दंगाई? | Ajeet Bharti on Safoora Zargar’s role in Ratan Lal murder

चार्जशीट के मुताबिक सफूरा भी पुलिस हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या की उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी कि दंगाइयों की भीड़। रतन लाल की हत्या में सफूरा का नाम मुख्य साजिशकर्ता में शामिल है।

सावन में माँस न खाना ढोंग, बकरीद में बकरियों को काटना ईमान: वामपंथियों का फिर जागा हिन्दूफोबिक ज्ञान

सावन का महीना शुरू। लिबरल्स भी घटिया एजेंडे के साथ जाग चुके हैं। बकरीद पर सैकड़ों बकरियों को लेकर आँख मूँद लेने वाले अब नॉन वेज को...

जातिवाद के लिए मनुस्मृति को दोष देना, हिरोशिमा बमबारी के लिए आइंस्टाइन को जिम्मेदार बताने जैसा

महर्षि मनु हर रचनाकार की तरह अपनी मनुस्मृति के माध्यम से जीवित हैं, किंतु दुर्भाग्य से रामायण-महाभारत-पुराण आदि की तरह मनुस्मृति भी बेशुमार प्रक्षेपों का शिकार हुई है।

गोकुलपुरी वाली चार्ज शीट एक महीने पुरानी है, इसे ‘खुलासा’ कह कर वामपंथी अभी क्यों नाच रहे हैं?

ऐसे में गोकुलपुरी के कुछ नवयुवक क्या करते? आप इस स्थिति में क्या करेंगे जब आप शत-प्रतिशत जानते हों कि यह भीड़ आपके घरवालों को पहली नजर में हाथ काट कर, पैर काट कर दिलबर नेगी की तरह आग में जलने को फेंक देगी?

दो धर्मों का झगड़ा नहीं था दिल्ली का हिन्दू विरोधी दंगा, ये नक्सली-जिहादी गठजोड़ का एक प्रयोग था

पुलिस के आरोप पत्रों और निष्पक्ष संस्थाओं की रिपोर्टों से यह समझ में आता है कि एक-एक घटना और हर किरदार पहले से तय था। डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा उनके लिए अवसर था। जब 'कुछ बड़ा' करके दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा जा सकता था।

दर्द कोरोनिल नहीं, आयुर्वेद है: वामपंथी गैंग को चाहिए गोरों का सर्टिफिकेट, रामदेव से इनका गुर्दा छिल जाता है

बाबा रामदेव ने कोरोनिल क्या लॉन्च की, वामपंथी गैंग बिना सबूत घृणा फैलाने में लग गया। इसकी वजह क्या है?

तब्लीगियों को तो गाली दे रहे थे, खुद रथ यात्रा? वो इसलिए कि थूकने वालों और पूजने वालों में अंतर है, और रहेगा

कोरोना को हल्के में लेने वाले, डॉक्टरों पर हमला करने वालों, थूकने, मल-मूत्र त्यागने वाले अधम श्रेणी के मनुष्यों की तुलना स्वामी जगन्नाथ के सेवायतों से करना धूर्तता है।

रथ यात्रा रोकने की साजिश किसने की: अजीत भारती का सवाल | Ajeet Bharti on who wanted to stop Puri Rath Yatra

यात्रा पर रोक लगाए जाने के बाद कई याचिकाएँ दाखिल कर शीर्ष अदालत से पुनर्विचार का आग्रह किया गया था। इन याचिकाओं में कहा गया कि...

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