Tuesday, May 20, 2025
Homeविविध विषयअन्यबिन अनुमति हो रहा क्रिकेटरों के नाम-फोटो का इस्तेमाल, खिलाड़ियों ने HC का दरवाजा...

बिन अनुमति हो रहा क्रिकेटरों के नाम-फोटो का इस्तेमाल, खिलाड़ियों ने HC का दरवाजा खटखटाया: NFT बनाने और बाँटने पर रोक की माँग

इससे पहले गत 26 अप्रैल 2023 को सिंगल बेंच ने कहा था कि ऑनलाइन फैंटेसी प्लेटफॉर्म क्रिकेटरों और मशहूर हस्तियों के नाम और उनकी फोटो का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करना स्वतंत्रता के अधिकार के तहत आता है।

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार प्लेयर मोहम्मद सिराज, हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह समेत 5 क्रिकेटरों और रेरियो (Rario) ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म्स (OPS) को उनकी फोटो और नाम का उपयोग कर एनएफटी (नॉन फंजिबल टोकन) बनाने और उसे बाँटने पर रोक लगाने की माँग की गई।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेटर हर्षल पटेल, अर्शदीप सिंह, मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक, शिवम मावी और डिजिटल कलेक्टेबल प्लेटफॉर्म रेरियो ने दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर की है।

बता दें कि इससे पहले गत 26 अप्रैल 2023 को सिंगल बेंच ने कहा था कि ऑनलाइन फैंटेसी प्लेटफॉर्म क्रिकेटरों और मशहूर हस्तियों के नाम और उनकी फोटो का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करना स्वतंत्रता के अधिकार के तहत आता है।

खिलाड़ियों और रेरियो की याचिका पर गुरुवार (11 मई 2023) को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस मनमोहन और सौरभ बनर्जी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। इस दौरान भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने रेरियो की ओर से प्रस्तुत हुए। वहीं मुकूल रोहतगी ने खिलाड़ियों का पक्ष रखा। इस दौरान रेरियो की ओर से दलील पेश करते हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा है कि रेरियो ने खिलाड़ियों के अधिकारों को मान्यता दी थी। खिलाड़ियों के नाम और फोटो का उपयोग करने के बदले उन्हें पैसे दिए गए थे।

वहीं, हरीश साल्वे ने अपनी दलील में कहा है, “ट्रेडिंग के लिए कुछ कार्ड्स बनाकर फैटेंसी प्लेटफॉर्म्स ने सही नहीं किया है। ट्रेंडिंग कार्ड किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन के अनुसार तैयार नहीं किया जाता। बल्कि यह तो किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के आधार पर तैयार होता है। आप सुनील गावस्कर का उदाहरण ले सकते हैं। अगर आज कोई किसी बैट पर डिजिटल तरीके से सुनील गावस्कर के हस्ताक्षर कर लेता है और फिर कहता है कि यह उनका बैट है। ऐसे में तो वह उनकी प्राइवेसी का हनन कर रहा है।”

साल्वे ने यह भी कहा है कि यदि फैंटेसी प्लेटफॉर्म टीम बनाने के लिए खिलाड़ियों की जानकारी का उपयोग कर रहे हैं तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन NFT के लिए उपयोग करने पर वह एक संपत्ति की तरह हो जाता है। इस तरह से उस पर खिलाड़ियों का ही अधिकार होगा। इसलिए फैंटेसी प्लेटफॉर्म को खिलाड़ियों की अनुमति के बिना एनएफटी नहीं बनाना चाहिए।

वहीं, खिलाड़ियों की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा है, “रिंकू सिंह नाम के एक क्रिकेटर हैं। उन्होंने 5 छक्के मारकर मैच जिताया था अब वह मशहूर हो गए हैं। इसलिए वह पैसा कमाने और अपने व्यक्तित्व का उपयोग करने के हकदार हैं।” हालाँकि कोर्ट ने बिना किसी नतीजे में पहुँचे मामले की सुनवाई 23 मई तक के लिए टाल दी। साथ ही कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी दलीलें लिखित में पेश करने का आदेश दिया।

NFT क्या है?

एनएफटी (NFT) को नॉन-फंजिबल टोकन (Non Fungible Token) कहा जाता है। यह एक तरह की डि‍जिटल संपत्ति होती है। इसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए बनाया और उपयोग किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी की सहायता से फोटो, वीडियो, पेंटिंग समेत अन्य डिजिटल संपत्तियों की खरीदी-बिक्री होती है। सीधे शब्दों में समझें तो यदि किसी फोटो या वीडियो की पूरी दुनिया में कोई दूसरी कॉपी नहीं है तो इसे NFT के जरिए खरीदा और बेचा जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

क्या गाँधी परिवार का ‘गुरूर’ बचाने को शशि थरूर की कुर्बानी देगी कॉन्ग्रेस?

सांसद शशि थरूर को फिर से कांग्रेस नेतृत्व द्वारा नजरअंदाज किया गया क्योंकि उन्होंने आँख मूंदकर आलाकमान के आदेशों का पालन नहीं किया। गाँधी परिवार को खुश करने के लिए कई वरिष्ठ नेताओं ने थरूर की आलोचना की है। मोदी सरकार ने विदेश जाने वाले डेलिगेशन में थरूर को जगह दी है।

225 मदरसा, 30 मस्जिद, 25 मजार, 06 ईदगाह… नेपाल से सटे 7 जिलों में योगी सरकार का चला बुलडोजर, 286 अवैध ढाँचे समतल: डेमोग्राफी-लैंड...

नेपाल बॉर्डर से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में योगी सरकार ने एक बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। इसके तहत अवैध मस्जिदों और मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है।
- विज्ञापन -