समय-समय पर भारत विरोधी प्रोपगेंडा फैलाने वाली इंडो-अमेरिकी अर्थशास्त्री क्षमा सावंत भारत आने को परेशान हैं। उनका कहना है कि वह तीन हफ्तों से इमरजेंसी वीजा के लिए अप्लाई करके उसका इंतजार कर रही हैं लेकिन अभी तक वह मंजूर नहीं हुआ। क्षमा ने अपने वीजा मंजूर न होने का गुस्सा भारत सरकार पर इल्जाम लगाकर निकाला। उन्होंने दक्षिणपंथियों के खिलाफ कुंठा दिखाते हुए पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि ये सब उनसे द्वेष भावना के कारण किया जा रहा है।
क्षमा सावंत ने अपने एक्स अकॉउंट पर ट्वीट करते हुए साफ यही लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार उन्हें उनकी बीमार माँ को देखने जाने के लिए वीजा नहीं दे रही है। उन्होंने कहा है कि वो अकेली नहीं है, कई अन्य एक्टिविस्ट और पत्रकार भी हैं जिन्हें भारत में घुसने से रोका जा रहा है।
India's PM Modi & the BJP government are denying me a visa to see my ill mother.
— Kshama Sawant (@cmkshama) February 1, 2025
I’m not alone. Modi has retaliated against other activists & journalists, denying or revoking entry into India.
Sign the petition. Urge Modi to stop this retaliation. https://t.co/pnLOLW5IHb
My…
कौन है क्षमा सावंत
बता दें कि क्षमा सावंत ने समय-समय पर मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम करती रही है। मौजूदा जानकारी के अनुसार, साल 2020 में भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसके खिलाफ एक प्रस्ताव पास कराया था। इसके बाद सावंत ने पीएम नरेंद्र मोदी की कठोर आलोचना की थी। उन्होंने भारत में चले किसान आंदोलन के समर्थन में भी एक प्रस्ताव पारित कराया था।
अब अपनी ही हरकतों को याद करके उन्हें लग रहा है कि शायद उनके वीजा पर सुनवाई इसी कारण से नहीं हो रही है और इसीलिए वो इस मामले को आधार बनाकर फिर नए ढंग से नफरत फैला रही हैं।
क्षमा सावंत, एक इंडो-अमेरिकी अर्थशास्त्री और सिएटल सिटी काउंसिल की सदस्य हैं। उनका बचपन भारत में ही गुजरा था। बाद में पीएचडी करने वो सिएटल गई और वहाँ सेंट्रल कम्युनिटी कॉलेज, सिएटल विश्वविद्यालय और वॉशिंगटन टैकोमा यूनिवर्सिटी में पढ़ाना शुरू किया। वह 2006 में सोशलिस्ट अल्टरनेटिव में शामिल हुई। इसके बाद उन्होंने फेडरेशन ऑफ टीचर्स लोकल में कार्यकर्ता के तौर पर भी काम खिया। साल 2012 में क्षमा ने राज्य विधानमंडल के लिए समाजवादी वैकल्पिक उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
मोदी विरोधी क्षमा सावंत
आज भारत की राजनीति में उनका दखल सिर्फ इसलिए है क्योंकि वो मोदी विरोधी है। वरना अगर देखा जाए तो उन्होंने जो भी प्रस्ताव पारित किए वो 2020-21 की बात है और साल 2022 में उन्हें भारत में अपनी बीमार से मिलने के लिए वीजा दिया गया था। उस समय वह इंडिया भी आई थीं। अगर ऐसा होता कि मोदी सरकार को प्रतिशोध लेना था तो उस समय ही ऐसा किया गया होता।
खबरें बताती हैं कि इस बार क्षमा सावंत की एप्लिकेशन खारिज हुई है। पहले 29 मई को उनका वीजा खारिज किया गया था, जबकि उनके पति को एंट्री की मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद 9 जनवरी को तीसरी बार क्षमा सावंत और उनके पति केल्विन प्रीस्ट ने सिएटल में भारत के महावाणिज्य दूतावास में इमरजेंसी एंट्री वीजा के लिए आवेदन किया। इस बार उनका वीजा खारिज नहीं हुआ है, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली है इसलिए वो नाराज हैं।