Saturday, May 17, 2025
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इंदौर में फँसे थे 25 कश्मीरी छात्र, पहुँचाया गया राशन: Twitter पर अपील के बाद आगे आए कई लोग

राशन सामग्रियों में आटा, चावल, दाल, आलू, प्याज और तेल सहित अन्य चीजें थीं। छात्र इमरान ने ऑपइंडिया से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उनके पास सामान पहुँच गया है और यह करीब एक सप्ताह के लिए पर्याप्त है।

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच इंदौर में जम्मू-कश्मीर के 25 छात्र फँसे हुए थे, जिन्हें ट्विटर पर अपील के बाद विभिन्न एनजीओ और भाजपा नेताओं ने मिल कर मदद पहुँचा दी है। उनके पास राशन की कमी हो गई थी, जिसे फिलहाल पूरा कर दिया गया है।

दरअसल, देवनिक साहा ने इस सम्बन्ध में ट्वीट किया था और लोगों से मदद की अपील की थी। उन्होंने बताया था कि कश्मीरी छात्रों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। साथ ही उन्होंने उन छात्रों का नंबर भी सार्वजनिक किया था।

इसके बाद ‘माय होम मीडिया’ के धर्मेंद्र छोनकर ने उनके लिए राशन की व्यवस्था की। उन्होंने इस ट्वीट का रिप्लाई देते हुए आश्वस्त किया था कि वो व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देख रहे हैं और किसी को को भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने आश्वस्त किया कि देश भर में कहीं भी कश्मीरियों को दुख नहीं सहने दिया जाएगा। इसके अगले ही दिन धर्मेंद्र ने अपडेट किया कि राशन सामग्री पहुँचा दी गई है।

कश्मीरी छात्रों ने कहा: हम ख़ुश हैं

राशन सामग्रियों में आटा, चावल, दाल, आलू, प्याज और तेल सहित अन्य चीजें थीं। छात्र इमरान ने ऑपइंडिया से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उनके पास सामान पहुँच गया है और यह करीब एक सप्ताह के लिए पर्याप्त है। सभी 25 छात्र वहाँ रह रहे हैं, जिनमें से अधिकतर 2 साल से वहाँ हैं और होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें इस बात की चिंता है कि फिर से राशन की कमी हुई तो वो क्या करेंगे?

ऑपइंडिया को इमरान ने बताया कि पहले तो उनके पास घर से पैसे आ रहे थे लेकिन बाद में घर से भी पैसे आने बंद हो गए। इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने और प्रशासन तक से भी गुहार लगाई, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर के सारी समस्याएँ बताई गईं और उन्हें आश्वासन भी मिला, लेकिन फिर कोई नहीं आया। अंत में धर्मेंद्र छोनकर के प्रयासों से उन्हें राशन मिला।

हालाँकि, उन्होंने ये भी बताया कि धर्मेंद्र अकेले राशन भेजने वाले नहीं थे, उनके पास कई अन्य लोगों के भी कॉल्स लगातार आ रहे हैं जो उन्हें मदद की पेशकश कर रहे हैं। इमरान ने बताया कि जहाँ पहले कोई पूछता भी नहीं था, ट्विटर पर शिकायत के बाद लगातार लोगों के कॉल्स आ रहे हैं। कई समाजसेवी संस्थाओं ने भी फोन कर के उनकी समस्याओं को सुना। ‘दृश्यम फिल्म्स’ के मनीष मुंद्रा ने भी उन्हें मदद की पेशकश की।

मध्य प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी धर्मेंद्र की सराहना करते हुए लिखा कि इंदौर में यदि कोरोना वायरस ने अपना असर ज्यादा दिखाया तो उसे हराने के लिए भी लोग खड़े हो गए। धर्मेंद्र ने विजयवर्गीय को उनकी सराहना के लिए धन्यवाद दिया। कश्मीरी छात्रों ने ऑपइंडिया से कहा कि अब वो ख़ुश हैं कि चलो जब प्रशासन ने नहीं सुनी तो कोई तो उनकी मदद के लिए सामने आया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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