वक्फ कानून में संशोधन को मुस्लिमों का एक बड़ा तबका समर्थन दे रहा है। अजमेर दरगाह के प्रमुख ने कहा है कि नए संशोधन से वक्फ में पारदर्शिता आएगी। मुस्लिमों के अलावा इसे ईसाइयों के एक संगठन का भी समर्थन मिला है। ईसाई संगठन ने केरल के सांसदों को इस संबंध में पत्र लिखा है।
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने मोदी सरकार के कदम को सही ठहराया है। सोमवार (31 मार्च, 2025) को ईद के मौके पर उन्होंने वक्फ बिल में संशोधन के कई फायदे गिनाए हैं।
उन्होंने कहा, “विरोध-समर्थन लोकतंत्र का हिस्सा है। जहाँ तक मेरा मानना है कि वक्फ में बदलाव की जरूरत है। वक्फ कानून से मस्जिदें छिन जाएँगी, कब्रिस्तान छिन जाएँगे, यह कहना गलत है… सरकार को कोई जल्दबाजी नहीं है। सरकार तसल्ली से इस बिल को लाई थी। सरकार ने इसे जेपीसी में दिया था।”
#WATCH | Ajmer | On 'Saugat-e-Modi' kits distributed before Eid, Chairman of All India Sufi Sajjadanshin Council and successor of the spiritual head of Ajmer Dargah, Syed Naseruddin Chishty says, "We are fortunate that we are living in a country which has Ganga-Jamuni culture.… pic.twitter.com/OEBj3TZHFL
— ANI (@ANI) March 31, 2025
उन्होंने आगे कहा, “इस जेपीसी ने सबको सुना है। और इसको अब पेश किया जाएगा। मुझे पूरा यकीन है कि ये बिल आने के बाद वक्फ मामले में पारदर्शिता आएगी। इससे वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ेगा, जो कौम के काम आएगा।”
नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि वक्फ को लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ के मामले में सरकार कोई दखल नहीं दे रही बल्कि उसके प्रबंधन को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने पीएम मोदी का सौगात-ए-मोदी को लेकर धन्यवाद किया।
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के साथ ही केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (KCBC) ने केरल के सांसदों से अनुरोध किया है कि जब यह बिल चर्चा के लिए संसद में पेश किया जाए तो वे इसके पक्ष में वोट करें। इसको लेकर KCBC ने 29 मार्च, 2025 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।
प्रेस विज्ञप्ति में KCBC के अध्यक्ष कार्डिनल क्लेमिस कथोलिका बावा, उपाध्यक्ष बिशप पॉली कन्नूक्कटन और महासचिव बिशप एलेक्स वडक्कुमथला ने केरल के सांसदों से वक्फ अधिनियम के “आपत्तिजनक” हिस्सों में संशोधन के समर्थन करने का आग्रह किया है।
इस प्रेस विज्ञप्ति में मुनंबन जमीन पर वक्फ को लेकर चल रहे बवाल का भी जिक्र किया गया है। गौरलतब है कि केरल वक्फ बोर्ड ने एर्नाकुलम जिले के मुनंबम में लगभग 404 एकड़ भूमि पर दावा किया हुआ है। इस जमीन पर रहने वाले अधिकांश लोग ईसाई और हिन्दू हैं। इस पर विवाद लगातार जारी है।
इससे पहले आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिमों से वक्फ का विरोध करने के लिए काली पट्टी पहन नमाज पढ़ने को कहा था।