Tuesday, April 16, 2024
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माथे पर तिलक देख सुशील को काटा, कर्फ्यू लगा तो पुलिस पर हमला: 40 पत्थरबाजों को एक साथ सजा, MP के बांग्लादेश में हुई थी हिंसा  

सुशील की हत्या के बाद शहर में साम्प्रदायिक तनाव फ़ैल गया था। जगह-जगह पत्थरबाजी हो रही थी। हालात काबू करने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी थी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों पर घासपुरा के बांग्लादेश में हमला हुआ।

मध्य प्रदेश के खंडवा में एक साथ 40 पत्थरबाजों को सजा सुनाई गई है। खंडवा कोर्ट ने मंगलवार (20 दिसंबर 2022) को 7-7 साल की कैद के अलावा इन पर 6500-6500 रुपए का जुर्माना भी लगाया। यह घटना खंडवा के घासपुरा स्थित बांग्लादेश में 2018 में हुई थी। पुलिस पर पत्थर, कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियारों से हमला किया गया था। एक हिंदू की हत्या के बाद शहर में लगे कर्फ्यू के दौरान पुलिस पर यह हमला हुआ था।

क्या है मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना की शुरुआत 30 जुलाई 2014 को हुई थी। एक सोशल मीडिया पोस्ट से शहर का माहौल तनावपूर्ण था। इसी दिन बीमा कम्पनी के एजेंट सुशील पुंडगे बाइक से मुस्लिम बहुल हातमपुरा इलाके से गुजर रहे थे। सुशील ने माथे पर तिलक लगा रखा था, जिसे देखकर मुस्लिमों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। हमले में धारदार हथियारों से सुशील को तब तक मारा गया जब तक उनकी जान नहीं चली गई।

सुशील पुंडगे की हत्या में 4 लोगों को सितम्बर 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इनके नाम मोहम्मद आजम, जियाउल हक, मोहम्मद जाकिर और जुबेर हैं।

सुशील की हत्या के बाद शहर में साम्प्रदायिक तनाव फ़ैल गया था। जगह-जगह पत्थरबाजी हो रही थी। हालात काबू करने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी थी। इसी दौरान पुलिसकर्मियों पर 1 अगस्त 2014 को घासपुरा के बांग्लादेश में हमला हुआ। कुछ हमलावरों ने तो पुलिस की ही वर्दी पहन रखी थी। पत्थरों, लाठियों, डंडों और कुल्हाड़ी का इस्तेमाल किया गया था।

पत्थरबाजी में 47 आरोपित

इस हमले में 12 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इनमें महिला स्टाफ भी शामिल थीं। इसी दौरान पुलिस ने मोहल्ले की घेराबंदी करते हुए 40 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें मुख्य आरोपित फारुख था। जाँच के दौरान कुल 47 आरोपित प्रकाश में आए थे। इनमें से 4 नाबालिग थे। सभी पर IPC की धारा 307, 147, 148, 149, 352, 153, 188, 34 में FIR दर्ज हुई थी।

ताबड़तोड़ दबिश डालकर पुलिस ने अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया था। समय बीतने के साथ कई आरोपितों की जमानत भी हो गई। मंगलवार को करीब 8 साल बाद न्यायाधीश प्राची पटेल ने 2 आरोपितों को सबूतों के आभाव में बरी करते हुए 40 आरोपियों को सजा सुनाई। ट्रायल के दौरान 1 आरोपित की मौत हो गई थी। 4 नाबालिगों का मामला किशोर अदालत में भेज दिया गया था।

इन पत्थरबाजों को सजा

एक रिपोर्ट के मुताबिक जिनको सजा सुनाई गई है, उनके नाम- कलीम, जुनेद, हाफीज, मोहम्मद उमर, मोहम्मद रज्जाक, इरफान, जावेद, शब्बीर, जहूर, शब्बीर, सलाउद्दीन, मो. अली, मजीद खान, सलामउद्दीन, शाहरूख, फिरोज, शेख सलीम, आरिफ, शेख युसूफ, ईसाक, सरवर, शेख जाकीर, शाकीर, अब्दुल रहीम, मोहम्मद एजाज, मोहम्मद इरसाद, वसीम, कलीम, शेख जाकीर, इस्माईल, शाबीर, शाकीर, अजीज, मोहम्मद ईशाक, मुबारिक, इस्ताक, रहीश, अशरफ, मोनू उर्फ सलमान और मोहम्मद अजहर हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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