Friday, May 23, 2025
Homeदेश-समाजअजय गोस्वामी को गोली मारने के केस में ताहिर हुसैन को बेल, दिल्ली के...

अजय गोस्वामी को गोली मारने के केस में ताहिर हुसैन को बेल, दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों से जुड़े 5 अन्य मामलों में भी जमानत पा चुका है AAP का पूर्व पार्षद

कोर्ट से मिली जमानत के बाद भी ताहिर हुसैन अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि उसपर दंगों से जुड़े कई केस दर्ज हैं। इसमें यूएपीए के तहत दर्ज मामला भी है, जिसमें ताहिर को जमानत मिलनी बाकी है।

दिल्ली में साल 2020 में हुए भीषण दंगों के मामले में उस समय आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन को एक मामले में जमानत मिल गई है। ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट ने पाँच अन्य मामलों में दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत का जिक्र किया और कहा कि ताहिर हुसैन को जमानत न देने की कोई वजह नहीं मिलती। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट से जिन मामलों में जमानत मिली, और जिस मामले में अब कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत दी है, उनमें काफी समानताएँ हैं, इसलिए हाई कोर्ट के आदेश के बाहर जाकर बेल न देना गलत होगा।

अभी जेल में ही रहेगा ताहिर हुसैन

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचला ने उनकी बेल पर सुनवाई की और दिल्ली पुलिस की आपत्तियों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने ताहिर हुसैन को 25 फरवरी 2020 को दयालपुर थाना क्षेत्र के खजुरी खास में अजय गोस्वामी नामक युवक को गोली मारकर घायल करने के मामले में जमानत दी है।

हालाँकि, जमानत मिलने के बाद भी ताहिर हुसैन अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि उसपर दंगों से जुड़े कई केस दर्ज हैं। इसमें यूएपीए के तहत दर्ज मामला भी है, जिसमें ताहिर को जमानत मिलनी बाकी है।

गवाहों को प्रभावित न करने के निर्देश

कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को जमानत देते हुए 1,00,000 रुपए की राशि का निजी बांड और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि जमा कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि ताहिर हुसैन न ही किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश करेगा और न ही वो बिना अनुमति के देश से बाहर जा सकता है। इस मामले में ताहिर के केस की पैरवी तारा नरूला नाम की वकील कर रही हैं।

हाई कोर्ट ने 5 मामलों में दी थी जुलाई महीने में जमानत

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 11 जुलाई, 2023 को उसे 5 मामलों में जमानत दी थी। उस मामले में कॉन्ग्रेस नेता और अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने उसकी तरफ से पैरवी करते हुए कहा था कि गवाहों के शुरुआती बयानों में ताहिर हुसैन का नाम कहीं नहीं आया था और उसके खिलाफ कोई खास एक्ट्स नहीं लगाए गए थे।

इस मामले में निचली अदालत ने कहा था कि ताहिर हुसैन ने साफ तौर पर हिंदुओं पर हमले की साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुँचाया। हालाँकि ताहिर हुसैन अब भी जेल में ही रहेगा, क्योंकि दंगों की फंडिंग के लिए उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी चल रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लम्बी प्रक्रिया के अब लद गए दिन, घुसपैठियों को सीधे वापस भेज रही मोदी सरकार: जानिए क्या है ‘ऑपरेशन पुश-बैक’, क्यों घबराया बांग्लादेश

भारत ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाल बाहर करने के लिए एक नई तरकीब निकाली है। अनाधिकारिक रूप से इसे 'ऑपरेशन पुश-बैक' का नाम दिया गया है।

पीड़ित पर ही ‘गंगा जमुनी तहजीब’ ढोने का भार, ‘द वायर’ के पत्रकार उमर राशिद और उसके ‘लव जिहाद’ का एक सबक यह भी:...

ये फर्जी नैतिकतावादी संतुलन दोनों ही मामलों में दिखा, रुचिका शर्मा के भी और उमर राशिद ने जिस लड़की के साथ बर्बरता की, उसके मामले में भी।
- विज्ञापन -