भारत में अक्सर एक हिन्दू विरोधी गिरोह समाज को बाँटने की साजिश में लगा रहता है और इसके लिए उसका पहला हथियार होता है – दलितों को भड़काना। दलितों को बार-बार ये एहसास दिलाया जाता है कि वो हिन्दू समाज का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में कोई दलित बेटी UN (संयुक्त राष्ट्र) में ‘जय श्री राम’ के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत करे, तो ख़ुद को दलितों का ठेकेदार बताकर पेश करने वालों को अपनी चूलें हिलने का डर लगने लग्न स्वाभाविक है। ऐसा हुआ भी। उस दलित बेटी का नाम है रोहिणी घावरी वाल्मीकि।
वो रोहिणी, जिनके पिता इंदौर में सफाईकर्मी थे लेकिन बेटी ने स्विट्जरलैंड में PhD के लिए 1 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप प्राप्त की। ‘जनपॉवर फाउंडेशन’ चला रहीं डॉ रोहिणी घावरी वाल्मीकि सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। हालाँकि, उनके फ़िलहाल चर्चा में रहने का विषय कुछ और है। रोहिणी एक सांसद के ख़िलाफ़ ख़ासी मुखर हैं। उक्त सांसद नीले गमछे के लिए जाने जाते हैं, भारत के सबसे चर्चित दलित आइकॉन के नाम पर अपना राजनीतिक दल चलाते हैं और उन्हें Y+ सुरक्षा प्राप्त है। आप डॉ रोहिणी घावरी वाल्मीकि के सोशल मीडिया हैंडल पर जाएँगे तो आपको बख़ूबी पता चल जाएगा कि वो नए-नवेले सांसद कौन हैं।
रोहिणी ने सांसद के कई वीडियो भी जारी किए हैं, जिनमें किसी में वो जमीन पर लेटकर माफ़ी माँगते हुए दिख रहे हैं तो किसी में रोते हुए दिखाई दे रहे हैं। कई चैट्स भी वायरल हुए हैं, जिनमें वो रोहिणी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं।
नीले गमछे वाले सांसद जी पर FIR की तैयारी
ख़ैर, तो ताज़ा ख़बर ये है कि अब सांसद जी के विरुद्ध औपचारिक FIR दर्ज होने जा रही है। ये सूचना ख़ुद रोहिणी ने ऑपइंडिया से बात करते हुए साझा की है। फ़िलहाल क़ानूनी सलाहों के कारण वो वीडियो के माध्यम से मीडिया संस्थानों से नहीं जुड़ पा रही हैं, लेकिन FIR दर्ज होने के बाद वो जल्द ही मुखर होकर कुछ नए खुलासे करेंगी। वो अदालत का दरवाजा भी खटखटाने जा रही हैं। डॉ रोहिणी घावरी इससे पहले भी उक्त सांसद के ख़िलाफ़ मुखर रही हैं और उनपर कई लड़कियों का जीवन बर्बाद करने का आरोप लगा चुकी हैं।
रोहिणी ने बताया था कि कैसे सांसद (तब वो सांसद नहीं, एक्टिविस्ट हुआ करते थे) ने अपनी शादी की बात छिपाकर कई लड़कियों की इज्जत के साथ खेला। ऑपइंडिया से बात करते हुए डॉ रोहिणी घावरी ने बताया कि कैसे उन्हें दलित समाज के सामने झूठा साबित करने के लिए उन्हें बदनाम करने की तमाम तरह की कोशिशें हुईं और दबाव डलवाकर उनसे वो पोस्ट्स X से डिलीट करवाए गए। उन्होंने बताया कि उन्हें अब भी धमकियाँ भिजवाई जा रही हैं, सांसद जी अपने लोगों से बातचीत में कह रहे हैं कि उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा, लड़की अपना ही करियर बर्बाद करेगी।
हालाँकि, रोहिणी इतनी अडिग हैं कि उनका कहना है कि उन्हें जेल जाना पड़े तो भी ग़म नहीं, वो इस देश की तमाम महिलाओं के सामने एक उदाहरण बनना चाहती हैं कि आपको घबराए बिना अपने साथ हो रहे अत्याचार के विरुद्ध लड़ाई लड़नी है। रोहिणी का कहना है कि शुरुआत में उन्होंने सोचा कि इस मामले को अधिक तूल न दिया जाए क्योंकि उनके मन में दलित एकता की बात थी, उन्हें भय था कि इससे दलित एकता खंडित होगी। बता दें कि आरोपित सांसद जहाँ जाटव समाज से आते हैं वहीं रोहिणी वाल्मीकि समुदाय से।
अपने आरोपों को लेकर दोबारा आक्रामक हुईं डॉ रोहिणी घावरी
पिछले एक सप्ताह से रोहिणी कुछ अधिक ही आक्रामक हैं। धोखेबाज, गद्दार, कलंकित, नीच, नामर्द, नालायक… ऐसे तमाम शब्दों का इस्तेमाल वो सांसद जी के लिए कर चुकी हैं। आप इससे ये समझिए कि वो किस आक्रामकता के साथ अपनी लड़ाई लड़ रही हैं। ऑपइंडिया से बात करते हुए वो कहती हैं कि वो गुस्से में हैं, वाल्मीकि समाज उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि जनता हर किसी को जज करती है, पहले उन्हें लगा कि समाज स्वयं ही न्याय करेगा इसीलिए उन्होंने कोई क़ानूनी प्रक्रिया नहीं अपना – लेकिन, अब नहीं। इस दौरान वो समाज और जनता से भी नाराज़ दिखाई देती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस संघर्ष में उन्हें अबतक बदनामी मिली है, लांछन मिले हैं और उन्हें लेकर तरह-तरह की बातें की गई हैं।
डॉ रोहिणी घावरी की विचारधारा क्या है? वो स्वयं को आंबेडकरवादी तो बताती हैं, लेकिन साथ ही कहती हैं कि वो भारत की जनता को विभिन्न जातियों में बाँटकर नहीं देखतीं। विदेश से जब वो देखती हैं तो उन्हें हर भारतवासी अपना लगता है। वो ‘मनुवादी’ जैसे शब्दों से चिढ़ती हैं और ब्राह्मणों को सम्मान की नज़र दे देखती हैं। वो एक बार बता भी चुकी हैं कि स्विट्जरलैंड वाली स्कॉलरशिप की जानकारी देने वाले उनके एक ब्राह्मण शिक्षक ही थे, वहाँ वो नई-नई थीं तो एक ब्राह्मण सहेली ने ही उन्हें सहज बनाया, उन्हें UN का रास्ता दिखाने वाले भी एक ब्राह्मण ही थे। वो कहती हैं कि उनके लिए समर्पण और एकता महत्वपूर्ण है, जब वो विदेश में विदेशी दोस्तों के साथ सहजता के साथ रह सकती हैं, खा-पी सकती हैं – तो फिर देशवासियों संग क्यों नहीं?
सांसद जी को किन ‘बड़ी पार्टियों’ का समर्थन?
डॉ रोहिणी घावरी को लगता है कि उक्त सांसद जी को कुछ बड़ी राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन है। लेकिन, उन्हें विश्वास है कि एक बार उनके असली चरित्र के बारे में खुलासे हुए तो ऐसे दागदार व्यक्ति के साथ ख़ुद को जोड़ने में इन राजनीतिक दलों को शर्म आएगी और वो स्वयं को इनसे अलग कर लेंगे। भारत से कई लोगों ने उन्हें फोन करके FIR दर्ज कराने के लिए कहा है, ताकि वो न्याय के लिए आवाज़ उठा सकें। नीले गमछे वाले सांसद पर FIR होते ही विरोध प्रदर्शन शुरू होंगे। ब्राह्मण समाज के कई एक्टिविस्ट्स ने भी उन्हें समर्थन का भरोसा दिया है। कभी UN के ‘विश्व संसद’ में 3 बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं रोहिणी ने राम मंदिर निर्माण का बचाव करते हुए कई तर्क दिए थे।
चंद्रशेखर की राजनीति से ख़ुद चंद्रशेखर के अलावा आज तक किसी को कोई फ़ायदा नहीं हुआ बल्कि हज़ारो युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ है जो रोते रहते है यह फ़ोन तक नहीं उठाता !! इसकी राजनीति से समाज का बहुत नुक़सान हुआ है यह ख़ुद जानता है !!
— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) June 8, 2025
एक अच्छा लीडर लोगो का हित पहले देखता है ख़ुद का… pic.twitter.com/XBOm1lA7Hg
अब डॉ रोहिणी घावरी की FIR व उनके द्वारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाए जाने के बाद क्या होता है, ये तो समय बताएगा। लेकिन, इतना साफ़ है कि नीले गमछे वाले नए-नवेले सांसद जी के दिन ठीक नहीं चल रहे। रोहिणी कुछ अन्य लड़कियों की आपबीती भी सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं, ताकि अपने आरोपों की पुष्टि कर सकें। वो अब पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। थोड़ी सी नाराज़गी उन्हें भारतीय क़ानूनों को लेकर भी है, क्योंकि उनका मानना है कि स्विट्जरलैंड में उन्हें किसी ने ग़लत तरीके से घूरा भी तो उसपर कार्रवाई होगी। लेकिन, अपने देश को लेकर नकारात्मक बातें न करने की बात कहकर रोहिणी इसपर चर्चा नहीं करना चाहतीं।