Friday, March 14, 2025
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कभी डाला खौलता पानी, कभी मस्जिद से चलाए पत्थर, कभी होली मनाने पर लाश बिछाने की धमकी: 20 घटनाएँ जब रंगों के त्योहार पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने मचाया उत्पात

केवल होली ही नहीं बल्कि अब हर त्योहार पर हिंदुओं को निशाना बनाने का रवायत शुरू हो चुकी है। इन त्योहारों के आते ही ऐसे दर्शाया जाता है जैसे इससे देश में अशांति आ सकती है, हिंसा भड़क सकती है… लेकिन इस दौरान ये नहीं बताया जाता है कि ये सब करने वाला कौन है।

होली का त्योहार हिंदुओं के लिए जितना खास है, मजहबी कट्टरपंथियों के लिए उतना ही आँख में खटकने वाला… इस वर्ष की ही बात करें तो होली आने से पहले ही खबरें आने लगी थीं कि कहीं हिंदुओं को होली की प्लानिंग करने पर जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही हैं, तो कहीं उन्हें होली खेलने की अनुमति ही नहीं मिल रही।

ऐसा नहीं है कि मुस्लिम बहुल इलाकों या संस्थानों से ऐसे मामले पहली बार सुनाई पड़े हों, पिछले कुछ सालों में हिंदुओं को और उनके त्योहारों का निशाना बनाने का काम खूब जमकर हुआ है। सिर्फ होली की बात करें तो आज हम आपको पिछले कुछ साल में ही इस त्योहार पर हुई ऐसी 20 घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जब कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को प्रत्यक्ष तौर पर निशाना बनाया और हिंदू धर्म के प्रति अपनी घृणा दिखाई।शुरुआत ताजा मामलों से करते हैं…।

‘होली मनाई तो लाशें बिछा देंगे’

उत्तर प्रदेश के बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र से 22 फरवरी 2025 को खबर आई थी कि वहाँ कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदू युवकों को धमकी दी कि अगर उन्होंने होली मनाई तो उनकी लाशें बिछा दी जाएँगी। जब मामला उठा तो पुलिस ने मामले की जाँच की और इस केस में अयान, सलमान, अमन, रेहान, समेत कई के खिलाफ एक्शन लिया गया।

AMU में हिंदुओं को होली मनाने से इनकार, बाद में मिली परमिशन

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों ने होली मनाने की परमिशन माँगी थी, लेकिन प्रशासन ने ये कहकर साफ इनकार कर दिया कि वो नियमों में बदलाव नहीं करेंगे और जिसे होली मनानी है वो हॉस्टल में रहकर मनाए। हालाँकि, बाद में खबर आई कि वहाँ मशक्कत के बाद हिंदू छात्रों को होली खेलने की परमिशन दी गई।

हिंदू पिता और बेटी पर फैजान ने फेंका खौलता पानी

इसी तरह, साल 2024 में मध्यप्रदेश के धार के घाटाबिल्लोद गाँव से होली वाले दिन हिंदू बेटी-पिता पर खौलता पानी डालने का मामला प्रकाश में आया था। दरअसल, गाँव में पायल तिवारी नाम की लड़की और उसके पिता राकेश तिवारी ने अपने पड़ोसी फैजान से रंग धुलने के लिए पानी माँगा था, उस समय फैजान ने पानी देने की बजाए उनके ऊपर खौलता पानी डाल दिया था।इस घटना में लड़की का चेहरा बुरा तरह जल गया था।

‘नमाज के वक्त नहीं बज सकते गाने’

एक अन्य घटना 25 मार्च 2024 की है। तेलंगाना के मेडचल-मलकजगिरी जिले के चेंगिचेरला इलाके में होली का त्योहार मनाते समय हिंदुओं पर मुस्लिमों की भीड़ ने धावा बोल दिया था और धमकी देकर हिंदुओं को कहा गया था कि नमाज के वक्त कोई गाने नहीं बजा सकते। इस हमले के वक्त भीड़ ने महिलाओं को भी निशाना बनाया था।

होली के वक्त पथराव

साल 2024 में होली पर हिंदुओं को निशाना बनाने का एक मामला आगरा के रकाबगंज से भी आया था। इस घटना में मुस्लिम समुदाय के लगभद दो दर्जन उपद्रवियों ने जमील नामक व्यक्ति के नेतृत्व में हिंदुओं पर पथराव किया था जिसमें कई लोग घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए जमील, सलीम, रहीस, शौकत समेत 34 नामजद और 50 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

AMU में होली पर हमला

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इस बार हिंदुओं को जहाँ पहले होली मिलन समारोह आयोजित करने से ही मना कर दिया गया था। वहीं, 2024 में 21 मार्च को जब एएमयू में हिंदुओं ने परिसर में होली खेलने का प्रयास किया था तो उस दिन उनपर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा बड़ा हमला कर दिया गया था। इस घटना में अलीगढ़ पुलिस ने मिसवा, जाकीउर्ररमान, जैद, शेरबानी, शाहरुख सबरी और अन्य मुस्लिम छात्रों पर एफआईआर भी की थी।

चंदा वसूली के दौरान टूटे इस्लामी कट्टरपंथी

2023 की बात करें तो होलिका दहन के दिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में चंदा वसूली के दौरान हालात बिगड़े थे। उस समय चंदा इकट्ठा करने गए हिंदुओं पर मुस्लिम समूह ने न केवल होलिका पर लात मारी थी बल्कि हिंदुओं पर हमला किया था और फिर जमकर पत्थरबाजी हुई थी। पुलिस ने इस विवाद के बाद तीन लोगों को हिरासत में लेकर अपनी कार्रवाई की थी।

रंग लगने पर भड़का शब्बीर, दोस्त को पेट्रोल डाल जलाया

तेलंगाना के मेदक के मारापल्ली गाँव से विवाद 2023 में भी होली पर उठा था। उस समय होली के दिन एक मोहम्मद शब्बीर नामक मुस्लिम व्यक्ति ने रंग लगने से नाराज होकर दोस्त अंजैया को पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया था।

होली के दिन मारी गोली

राजस्थान के बीकानेर में 7 मार्च 2023 को कुचीलपुरा इलाके में होली के दिन ही दो मुस्लिम युवकों ने सवाई सिंह नाम के शख्स पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चलाई थीं। इस घटना में ताहिर, नियाज और अख्तर की गिरफ्तारी हुई थी।

गुलाल खेलने के बहाने उतारा मौत के घाट

उत्तर प्रदेश के दनकौर में होली के दिन मनीष शर्मा की हत्या का मामला सामने आया था। हत्या करने वाले कोई और नहीं मनीष के दोस्त राशिद और सलमान थे। इन्होंने पहले मनीष को गुलाल खेलने के नाम पर बाहर बुलाया और फिर उसकी जान लेली थी।

‘मस्जिद के सामने से गुजरा जुलूस तो होगा फसाद’

साल 2023 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में होली के वक्त ही इमाम मौलाना सदाकत हुसैन ने पीस कमेटी की बैठक के दौरान भड़काऊ बयान दिया था और यहाँ तक कहा था कि अगर होली का जुलूस बाजार वाली मस्जिद के सामने से गुजरा तो दंगा और फसाद होंगे। उनके इस बयान के बाद अधिकारियों ने फौरन भाषण रुकवा दिया था और साथ ही मौलाना के विरुद्ध गंभीर धाराओं में केस हुआ था।

जामिया में हिंदुओं पर हमला, DU में त्योहार पर ही रोक

साल 2023 में होली के वक्त एक विवाद जामिया मिलिया इस्लामिया से भी उठा था। उस समय इस्लामी कट्टरपंथियों ने अपना असली रूप दिखाते हुए कॉलेज परिसर में होली खेलने वाले हिंदुओं पर हमला किया था और नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-हू-अकबर जैसे नारे लगाए थे। वहीं डीयू की बात करें तो 2023 में डीयू प्रशासन ने यह आदेश दिया था कि यदि छात्र कैंपस में रंग खेलेंगे तो उनपर एंटी रैगिंग, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी

हिंदू डॉक्टर की हत्या

साल 2023 में होली से ठीक एक दिन पहले यानी छोटी होली के दिन पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू डॉक्टर की निर्मम तरीके से हत्या का मामला सामने आया था। मृत डॉक्टर की पहचान 60 वर्षीय धर्म देव राठी के तौर पर हुई थी और उनकी हत्या करने का आरोप किसी और पर नहीं बल्कि उनके अपने ड्राइवर हनीफ लघारी पर लगा था।

पंजाब यूनिवर्सिटी में परमिशन लेने के बाद भी हिंदू छात्रों पर हमला

2023 में ही होली के वक्त पाकिस्तान के पंजाब यूनिवर्सिटी में हिंदुओं पर हमला हुआ था। घटना 6 और 7 मार्च 2023 की थी। हमले के वक्त 30 हिंदू छात्र विश्वविद्यालय परिसर में इकट्ठा होकर होली मना रहे थे। इनके पास त्योहार मनाने की अनुमति भी थी लेकिन इस्लामी कट्टरपंथी छात्र संगठन, इस्लामी जमीयत तुलबा (IJT) वहाँ आ पहुँचा और उन्होंने सबको होली खेलने से रोका। इस हमले में करीबन 15 छात्र घायल हो गए थे।

बच्चों का झगड़ा… होली पर मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं पर लाठी-डंडे से किया हमला

साल 2022 में बिहार के बेगूसराय के मुफ्फसिल थाना अंतर्गत रजौरा गाँव में होली के पर्व पर ही मुस्लिमों की भीड़ ने हिंदुओं पर हमला बोला था। इस दौरान दूसरे समुदाय ने धारधार हथियार समेत लाठी डंडा लेकर हिंदू समुदाय के लोगों पर हमला किया था, जिसमें 20 से अधिक हिंदू घायल हो गए थे। छानबीन में सामने आया था कि पूरा विवाद दो बच्चों के झगड़े के कारण हुआ था और उसके बाद मुस्लिम भीड़ हिंदू पक्ष पर टूट पड़ी।

UP, उत्तराखंड, झारखंड… हर जगह बवाल

इसी प्रकार 2022 में जब होली और जुमा एक दिन पड़ा था। उस वक्त कई जगह से पथराव और मारपीट की घटनाएँ सामने आई थीं। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छंगा दरवाजा क्षेत्र में होली में डीजे बजने पर मुस्लिम भड़क उठी थी और जुमे की नमाज के बाद पथराव शुरू कर दिया था। घटना में 2 हिंदू गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

संभल के खग्गू सराय में मुस्लिम भीड़ ने मस्जिद पर रंग लगाने का आरोप लगाकर होली का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया था। इस दौरान हिंदुओं पर जमकर पत्थरबाजी हुई थी। अंत में प्रशासन ने 150 अज्ञात पत्थरबाजों पर कार्रवाई की थी।

वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार के लालढांदग में नमाज के बाद मुस्लिम लड़कों ने होली मना रहे युवकों पर हमला किया था। इस दौरान सुनील सैनी नाम का लड़का गंभीर रूप से घायल हुआ था।

झारखंड के तोपचांची में भी मुस्लिम भीड़ ने अपनी आबादी की धौंस दिखाते हुए हिंदुओं पर होली खेलने से मना किया था और जब हिंदू इसके बावजूद होली खेलते मिले तो उनपर खूब पत्थर फेंके गए थे।

बांग्लादेश में होली के दिन इस्कॉन पर हमला

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस्कॉन के राधाकांत जीव मंदिर पर छोटी होली के एक दिन पहले, 17 मार्च 2022 को, इस्लामी कट्टरपंथियों ने बड़ा हमला किया था। इस हमले में लगभग 200 लोगों की भीड़ ने मंदिर परिसर में घुसकर तोड़फोड़ की और वहाँ मौजूद श्रद्धालुओं पर हमला किया था।

मालूम हो कि ऊपर दिए गए ये सारे मामले केवल चंद उदाहरण हैं। केवल होली ही नहीं बल्कि अब हर त्योहार पर हिंदुओं को निशाना बनाने का रवायत शुरू हो चुकी है। इन त्योहारों के आते ही ऐसे दर्शाया जाता है जैसे इससे देश में अशांति आ सकती है, हिंसा भड़क सकती है… लेकिन इस दौरान ये नहीं बताया जाता है कि ये सब करने वाला कौन है। ऊपर दिए सारे मामले बीते कुछ सालों के हैं मगर मालूम हो कि होली को बदनाम करने की साजिश सालों पुरानी है। साल 2016 में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पोस्टर लगाकर दिखाया गया था कि होली एक महिला विरोधी त्योहार है क्योंकि इसमें दलित महिलाओं का शोषण होता है। इस पोस्ट में ‘होलिका’ को असुर बहुजन समाज की महिला बताकर ये तर्क फैलाया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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