पहलगाम में हुए इस्लामी आतंकियों के हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में अधिकांश हिन्दू हैं। यह लोग कश्मीर घूमने गए थे। इस हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। हालाँकि, हिन्दुओं पर हुए इस हमले के बाद भी इस्लामी कट्टरपंथी खुशियाँ मना रहे है। हमले पर दुःख जताने वाली पोस्ट पर इस्लामी नाम वाली आईडी वाले लोग हंस रहे हैं।
पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को हुए इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दुख व्यक्त किया है। इसी पोस्ट के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट सन्देश दिया कि हमला करने वाले और उनके आकाओं को कठघरे में जरूर खड़ा किया जाएगा।
इस पोस्ट पर भी इस्लामी नामों वाले लोगों ने हँसने वाला रिएक्ट किया। जाहिद, मूसा, अरमान और अदनान नाम वाली आदि की इस पर हँसी छूटी। अहसान, मारूफ और हबीबुर जैसे लोग भी इस पोस्ट पर हँसते रहे।

इन हँसने वालों में कुछ नाम उर्दू और अरबी भाषा में लिखे हुए थे।

सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की ही पोस्ट पर नहीं बल्कि पहल में हुए आतंकी हमले की खबरों पर भी कई मुस्लिमों का यही रवैया रहा। बीबीसी ने जब पहलगाम वाली खबर प्रकाशित की, तो उस पर भी कई इस्लामी नाम वाले हँसते दिखे।

हिन्दुओं की मौत पर हंसने का सिलसिला सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट तक नहीं रुका। कई ऐसे स्क्रीनशॉट भी वायरल हुए हैं, जिनमे लोग इस्लामी कट्टरपंथियों के हाथों मरे गए लोगों पर मीम बना रहे हैं और उनका मजाक उड़ा रहे हैं।
कथित तौर पर झारखंड से बताए जाने वाले एक मौलाना की भी इस हमले के बाद एक पोस्ट वायरल हुई है। इसमें वह पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा को हमले के लिए धन्यवाद दिया। इसी पोस्ट में लिखा गया कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और बजरंग दल पर हमला हो, तो वह ज्यादा खुश होंगे।

इस मौलाना पर एक्शन लिए जाने की माँग झारखंड पुलिस से की गई थी। लोगों का कहना है कि यह मौलाना भारत में बैठकर इस्लामी आतंकी संगठनों को धन्यवाद दे रहा है। मौलाना ने खुद को ट्विटर पर झारखंड का निवासी और निडर वक्ता बता रखा है। सूचना है कि उसे झारखंड के बोकारो से गिरफ्तार किया गया है।
खबर आ रही है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और लश्कर के समर्थन में पोस्ट करने वाले जेहादी को बोकारो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
— Akhilesh Singh (@akhileshsi1) April 23, 2025
वो कई अकाउंट्स से सोशल मीडिया ऑपरेट करता था। https://t.co/uk6gXVZBlr
यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब इस्लामी कट्टरपंथियों ने किसी हमले या दुख की घड़ी के बाद ऐसा रवैया दिखाया हो। इससे पहले पुलवामा हमले, जनरल बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद भी यही मानसिकता सामने आई थी।
गौरतलब है कि कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को इस्लामी आतंकियों ने हमला किया। उन्होंने यहाँ मौजूद हिन्दू पर्यटकों को अलग किया। इसके लिए उन्होंने उनके आईडी कार्ड देखे और कुरान की आयतें पढ़ने को कहा। कई पुरुषों के पैंट खोल कर देखे गए।
इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 2 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। एक दर्जन से अधिक पर्यटक घायल भी हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इस हमले को लेकर देश में काफी गुस्सा है और इसके बदले की माँग की जा रही है।