Thursday, April 25, 2024
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सिखों के दिखाए राह पर बढ़े मुस्लिम, झेलम पर पुल के लिए 40 साल पुरानी मस्जिद हटाने को तैयार

श्रीनगर में विकास के लिए स्थानीय लोगों के आगे आने का यह दूसरा उदाहरण है। इससे पहले इस माह की शुरुआत में श्रीनगर-बारामुला राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते में आने वाले दमदमा साहिब गुरुद्वारा को हटाने पर सिख राजी हो गए थे।

आर्टिकल 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू—कश्मीर का माहौल बदलने लगा है। विकास के लिए लोग खुद आगे आने लगे हैं। कुछ दिनों पहले श्रीनगर-बारामुला राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से में आड़े आ रहे गुरुद्वारे को हटाने के लिए सिखों के तैयार होने के बाद अब मुस्लिमों ने भी ऐसी ही मिसाल पेश की है। वे झेलम नदी पर प्रस्तावित पुल के आड़े आ रही 40 साल पुरानी एक मस्जिद को हटाने पर सहमत हो गए हैं। बता दें कि इस पुल का निर्माण वर्ष 2002 से रुका हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि रामपोरा में झेलम नदी पर प्रस्तावित 166 मीटर लंबे दो लेन वाले पुल को बनाने के लिए वर्ष 2002 में 10 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की गई थी। मगर इसके रास्ते में अबु तुराब मस्जिद, कुछ आवास और व्यावसायिक इमारतों समेत 18 बाधाएँ आड़े आ रहे थे, जिसके कारण काम अटका हुआ था। सबसे मुश्किल मस्जिद हटाने के लिए लोगों को तैयार करना था।

श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट और डेवलपमेंट कमिश्नर शाहिद इकबाल चौधरी ने कमरवारी के रामपोरा क्षेत्र में अबु तुराब मस्जिद की प्रबंध समिति के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू किया और सहमति के बाद शनिवार को मस्जिद को हटाने का काम शुरू हो गया है। समझौते के तहत मस्जिद का पुनर्निर्माण दूसरी जगह पर जिला प्रशासन 12 महीने के अंदर अपने खर्चे पर कराएगा। 2018 में जम्मू और कश्मीर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से 2.5 करोड़ रुपए से अधिक की फंंडिंग मिलने के बावजूद, मस्जिद सहित कुल 18 बाधाओं की वजह से काम ठप रहा।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर

शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने में आ रही अड़चन को सुलझा लिया गया है, काम फिर से शुरू हो जाएगा। अन्य अड़चनों को दूर करने के लिए भी योजना तैयार की गई है। जिसमें एक फायर स्टेशन और 16 आवासीय और व्यावसायिक इमारतें हैं। उक्त पुल के निर्माण के साथ जिला प्रशासन झेलम के साथ बाढ़ सुरक्षा और सौंदर्यीकरण के लिए काम करेगा। आसपास की सड़कों की मरम्मत की जाएगी और पूरे इलाके में स्मार्ट स्ट्रीट लाइटें स्थापित की जाएँगी।

बता दें कि श्रीनगर में विकास के लिए स्थानीय लोगों के आगे आने का यह दूसरा उदाहरण है। इससे पहले जिला मजिस्ट्रेट और डेवलपमेंट कमिश्नर शाहिद चौधरी ने इस माह की शुरुआत में श्रीनगर-बारामुला राष्ट्रीय राजमार्ग पर जैनकोट में ऐतिहासिक दमदमा साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन के साथ सफलतापूर्वक बातचीत कर उनको इस 100 साल पुराने गुरुद्वारे को दूसरे स्थान पर स्थापित करने के लिए सिखों को तैयार कर लिया था। गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण भी सरकारी खर्च पर किया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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