Wednesday, November 6, 2024
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‘तेरा तिलक पोछ देंगे और भगवा भी उतार देंगे, तू मंदिर में घंटी बजाने के काबिल भी नहीं बचेगा’

बेटे आदेश की अनुसार, अनस कुरैशी उनके पिता के पीछे पिछले 2-3 साल से पड़ा था और उन्हें समय दर समय काफी परेशान करता था। उनके भगवा गमछे और तिलक को देखकर ये भी कहता था, “तेरा तिलक पोछ देंगे और भगवा भी उतार देंगे। अच्छे से पंडित बना देंगे। तू मंदिर में घंटी बजाने के काबिल भी नहीं बचेगा।”

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के अब्दुल्लापुर में 13 जुलाई को एक 60 वर्षीय बुजुर्ग को इतना पीटा गया कि उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। बुजुर्ग का नाम कांति प्रसाद था। वह अब्दुल्लापुर स्थित एक शिव मंदिर के उपाध्यक्ष थे और मंदिर की दुकानों में ही दुकान करके अपना घर परिवार चलाते थे। उनकी वेशभूषा अक्सर संतो जैसी रहती थी। मंदिर में पूजा पाठ साफ-सफाई का जिम्मा भी उन्हीं पर था।

सोमवार का दिन कांति प्रसाद के लिए कोई अलग दिन की तरह नहीं था। वह अपनी आम दैनिक क्रियाएँ करके केवल बिजली का बिल जमा करने बिजली घर तक गए थे। मगर, उनकी बदकिस्मती बस ये थी कि वहाँ पर उन्हें अनस कुरैशी मिल गया।

वही अनस जो उन्हें पिछले काफी समय से परेशान कर रहा था और उस दिन बिल जमा कराने की जगह भी उनपर धार्मिक टिप्पणियाँ कस रहा था।

अब, ये टिप्पणियाँ क्या थी? और क्यों इनसे विवाद बढ़ा? अनस ने कांति प्रसाद पर कहाँ हमला किया? उसके साथ कौन-कौन था? इन सभी सवालों की जानकारी जुटाने के लिए हमने कांति प्रसाद के बेटे आदेश से संपर्क किया। 

कांति प्रसाद के बेटे आदेश से ऑपइंडिया की बातचीत

30 वर्षीय आदेश पुत्र कांति प्रसाद ने हमें बताया कि उनके पिता 8-9 साल से मंदिर में रहते थे और पिछले 7-8 साल से बजरंग दल से जुड़े थे। मंदिर में रहते हुए उनके शरीर पर भगवा रंग का गमछा और माथे पर तिलक रहता था। जिसके कारण पिछले कुछ समय से कुछ लोग उन्हें बहुत परेशान करते थे। हालाँकि, अधिकांश लोग कहते थे कि तुम्हारी सरकार है तुम तो भगवा पहनोगे ही। लेकिन अनस उन्हें कुछ ज्यादा ही तंग करता था। 

आदेश की अनुसार, अनस कुरैशी उनके पिता के पीछे पिछले 2-3 साल से पड़ा था और उन्हें समय दर समय काफी परेशान करता था। उनके भगवा गमछे और तिलक को देखकर ये भी कहता था, “तेरा तिलक पोछ देंगे और भगवा भी उतार देंगे। अच्छे से पंडित बना देंगे। तू मंदिर में घंटी बजाने के काबिल भी नहीं बचेगा।”

आदेश के मुताबिक, उसके पिता सोमवार को बिजली का बिल जमा कराने बिजलीघर तक गए थे। तब अनस ने दोबारा उनपर टिप्पणियाँ करके छेड़ना शुरू किया। इससे पहले वो मंदिर में भी ऐसा कर चुका था। जिसके कारण कांति प्रसाद ने उस दिन अनस का रवैया देखकर उससे पूछ ही डाला कि आखिर वो उन्हें क्यों छेड़ता है? इन सबसे उसे क्या मिलेगा?

दोनों में बात बढ़ने लगी तो बिजली घर मे मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें शांत करवा दिया और कहा बिल जमा करवाके अपने घर जाओ। मगर, अनस चूँकि लाइन में आगे था इसलिए वो पहले बिल जमा करवाकर रास्ते में खड़ा हो गया। जब कांति प्रसाद लौटने लगे तो उसने उन्हें रोका और पकड़ के पीट दिया। मार खाने के बाद भी बुजुर्ग ने अनस को कुछ नहीं कहा और लौट आए। लेकिन अनस इतने पर नहीं रुका उसने उन्हें घर के पास दोबारा पीटा।

अब की कांति प्रसाद ने अनस के घरवालों से उसकी शिकायत करने की ठानी। वे मंदिर पर साइकिल खड़ा करके उसकी शिकायत करने गए। मगर, उनकी बात सुनने की बजाय या अनस को डाँटने की बजाय उसके घरवालों ने आदेश के पिता यानी कांति प्रसाद पर हमला बोल दिया। 

अनस के पिता और भाई समेत करीब 5 लोगों ने एक 60 वर्षीय बुजुर्ग को लिटा-लिटा कर मारा। उनको गुप्तांगों पर प्रहार किया। हालत गंभीर हो जाने पर एक दूसरा व्यक्ति उन्हें एक स्थानीय क्लिनिक तक लेकर आया। जहाँ डॉक्टर ने उनका इलाज करने से मना कर दिया और अस्पताल ले जाने की बात कही।

पिता की हत्या से आहत आदेश ने हमसे रुँधे गले में बात करते हुए कहा कि जब ये सब हुआ तब वो अपने काम पर थे। उन्हें जब पता चला तो वो अपने पिता से मिलने सरकारी अस्पताल में गए। वहाँ उनके पिता ने उन्हें ये सब बातें बताई और मेडिकल लेकर वापस आए। 

एफआईआर में कांति प्रसाद का बयान

आदेश के अनुसार, अनस और उसके परिवार ने उनके पिता की हालत ऐसी कर दी थी कि वो कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे। जब उन्होंने अपना बयान दर्ज करवाया तो उन्हें होश नहीं था और पुलिस ने भी इस मामले में केवल अनस का नाम लिख दिया। 

ऐसे में जब उन लोगों को रिपोर्ट का पता चला तो उन्होंने दोबारा रिपोर्ट बदलवाई और कहा कि जैसा उनके पिता ने उन्हें बताया है उस हिसाब से रिपोर्ट दर्ज हो। इसके बाद उन्होंने इस मामले में 5 लोगों का नाम और जुड़वाया।

 कांति प्रसाद की हत्या में हिस्ट्रीशीटर नदीम कनेक्शन

आदेश कहते हैं कि इस पूरे मामले में एक मुख्य आरोपित नदीम है। उसी का ये सब किया हुआ है। वही सबको भड़काता है। उसपर कई मामले दर्ज हैं। जान-पहचान और पैसा होने के कारण उसपर कोई कार्रवाई नहीं होती। इस मामले में भी जब उसे गंभीर हालत का पता चला तो उसने खुद को बचाने के लिए केवल अनस को ले जाकर पुलिस को सरेंडर करवा दिया और खुद इस मामले से पल्ला झाड़ लिया। 

कांति प्रसाद के पुत्र की शिकायत

आदेश कहते हैं, “ये पहली बार नहीं जब नदीम ने ऐसा कुछ किया। कुछ समय पहले भी पड़ोस में रहने वाले वसीम और सलीम ने छोटी सी बात पर हमसे झगड़ा किया था। तब तीन लोगों ने मेरे घर में मुझपर तलवार से हमला किया था। चोट इतनी गहरी थी कि 9 टाँके आए थे। जब हमने इस मामले में शिकायत की और केस शुरू हुआ। तो एक दिन नदीम हमसे मिला और कहा, “जो हो गया वो हो गया अब पैसे लेकर समझौता कर लो। लेकिन हमने इससे मना कर दिया। जिसपर उसने कहा कि अगर पैसे नहीं लोगे तो अन्य तरीकों से बताएँगें।”

यहाँ बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स से भी यह बात सामने आई है कि नदीम की भूमिका कई आपराधिक घटनाओं में रही है। जिसके कारण लोग उसके ख़िलाफ़ गिरफ्तारी की माँग कर रहे हैं। उस पर ये आरोप है कि उसके आतंक से लोग इतने परेशान हैं कि कई बार इलाके के अनुसूचित जाति के परिवार गाँव से पलायन करने की चेतावनी तक दे चुके हैं। 

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार सोनकर ने अपनी शिकायत में कहा था कि नदीम मेवाती ने सरकारी तालाबों पर कब्जों सहित कई अवैध धंधे चला रखे हैं। शिकायत करने पर नदीम परिवार वालों को भी मार देने की धमकी दे चुका है।

कांति प्रसाद की हत्या के मामले में भी अब उसका नाम निकल कर सामने आया है। आदेश ने आरोप लगाया है कि उसके पिता की हत्या के बाद अनस के घरवालों ने उसे धमकी दी है कि या तो वह केस वापसी ले, या फिर उनके इलाके के हिस्ट्रीशीटर नदीम और शमीम उनका नामोनिशान मिटा देंगे।

बता दें, फिलहाल, तो बजरंग दल समेत हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के बाद अनस की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन नदीम की गिरफ्तारी के लिए भी आवाजें उठ रही हैं। परिवार ने इस घटना के बाद अपने लिए 25 लाख रुपए के मुआवजे की माँग की है।

ऑपइंडिया ने इस संबंध में VHP के निमेष वशिष्ठ से बात की

विश्व हिंदू परिषद के महानगर मंत्री निमेष वशिष्ठ ने हमें बताया कि उन्हें इस संबंध में अपने कार्यकर्ताओं से पता चला था। तो, उन्होंने परिवार के साथ मिलकर इस मामले में आवाज उठाई। जिसके बाद अनस गिरफ्तार हुआ और भावनपुर के एसओ का तबादला हुआ।

प्रदर्शन पर बैठे लोग

वे कहते हैं कि एसओ के तबादले के पीछे उन लोगों का कोई रोल नहीं है। ये शिकायत ग्रामीणों की ही थी कि पहले भी बहुत से ऐसे मामले सामने आए। अगर, समय रहते उन पर सही कार्रवाइयाँ होतीं। तो कभी भी ये सब नहीं होता।

अब इस घटना के बाद कांति प्रसाद के परिवार ने सरकार से मुआवजे की माँग की है। साथ ही अनस के परिवार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने घटना के बाद केस के बारे में किसी संगठन या पुलिस को न बताने के लिए उनपर दबाव बनाया और पूरे परिवार को मारने की धमकी दी।

पुलिस की कार्रवाई

यहाँ बता दें, एसओ की कार्रवाई से असंतुष्टि की बात कांति प्रसाद के पुत्र आदेश ने भी की थी। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में जब उन्होंने पहले शिकायत की तो उपयुक्त कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया था कि नदीम की एसओ से साँठगाँठ थी। जिसके चलते उसने पहले ही मामले की सूचना उन्हें दे दी थी।

उल्लेखनीय है कि वैसे तो इस संबंध में मेरठ पुलिस की ओर से जानकारी दे दी गई है कि उन्होंने आरोपित अनस को जेल में डाल दिया है और बाकियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। इसके अलावा गाँव में भी सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात है। लेकिन नदीम की गिरफ्तारी और एसओ के तबादले की पुष्टि के लिए फिर भी हमने भावनपुर थाने में संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन वहाँ तकनीकी कारणों से हमारी बात नहीं हो पाई।

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