Saturday, April 19, 2025
Homeदेश-समाज1000 की भीड़, हाथों में हथियार, चेहरे ढके हुए… केवल हिंदुओं के दुकान-घरों को...

1000 की भीड़, हाथों में हथियार, चेहरे ढके हुए… केवल हिंदुओं के दुकान-घरों को बनाया निशाना: MLA ने बताया- पहले सारे कैमरे तोड़े, फिर हिंसा की

मुस्लिमों की भीड़ ने न सिर्फ पत्थरबाजी की, बल्कि तलवारों से दरवाजों को काटने की कोशिश की। गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और ये सब करने के बाद पूरी भीड़ गायब हो गई।

नागपुर में 17 मार्च 2025 की शाम को हुई हिंसा सुनियोजित थी। यह बात बीजेपी विधायक प्रवीण दटके और हिंसा के पीड़ितों ने बताई है। इनके मुताबिक करीब 1000 कट्टरपंथियों की भीड़ इसमें शामिल थे। चेहरे ढक रखे थे। इनके हाथों में हथियार थे।

पत्थरबाजी करने वाली भीड़ ने चुन-चुनकर हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाया। तलवारों से दरवाजों को काटने की कोशिश की। गाड़ियों को फूँक दिया। आगजनी-पत्थरबाजी के बाद भीड़ पूरी तरह गायब हो गई। दावा किया जा रहा है कि भीड़ में शामिल लोग बाहर से लाए गए थे।

नागपुर (मध्य) के बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने कहा, “मैं आज सुबह यहाँ पहुँचा। ये सब पहले से तय था। कल सुबह एक आंदोलन के बाद गणेश पेठ पुलिस स्टेशन में कुछ हुआ, फिर सब ठीक था। लेकिन बाद में भीड़ सिर्फ हिंदुओं के घरों और दुकानों में घुसी। हमलावरों ने मुस्लिमों के घरों, दुकानों, गाड़ियों को छुआ तक नहीं। उन्होंने पहले सारे कैमरे तोड़े गए, फिर हथियारों के साथ प्लानिंग से हिंसा की गई। हमलावरों की तस्वीरें डीवीआर में हैं, हम पुलिस को देंगे।”

प्रवीण दटके ने साफ कहा कि हमलावर आसपास के इलाकों से थे और वो स्थानीय नहीं थे। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर हिंदुओं की रक्षा न कर पाने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि घटना के समय स्थानीय पुलिस थाने के इंस्पेक्टर का फोन तक बंद था। उन्होंने बताया कि किस तरह से पहले सीसीटीवी कैमरों को तोड़ा गया और फिर हिंसा की गई। उन्होंने टूटे और जले हुए सीसीटीवी भी मीडिया को दिखाए। उन्होंने कहा कि हंसापुरी में हिंदू-मुस्लिमों की गाड़ियाँ साथ में खड़ी होती हैं, लेकिन हिंसा वाले दिन एक भी मुस्लिम की गाड़ी वहाँ खड़ी नहीं थी, न ही उन्हें कोई नुकसान पहुँचा। ये सब प्लानिंग नहीं तो और क्या है?

एक पीड़ित महिला ने अपने घर के दरवाजे को दिखाते हुए कहा कि हमलावरों ने तलवारों से हमले किए। उसने दरवाजों के काटे जाने की भी जानकारी दी।

एक पीड़ित व्यक्ति ने बतााया, “करीब 1000 लोगों की भीड़ रात 8.30 के आसपास आई। उसने पत्थरबाजी शुरू कर दी। तीसरी मंजिल पर बच्चे थे, वहाँ तक पत्थर फेंके गए। करीब 25-30 गाड़ियों को तोड़फोड़ करके आग के हवाले कर दिया गया।”

एक स्थानीय महिला ने कहा, “भीड़ अचानक आई। चेहरे ढके थे, हाथों में हथियार थे। वो चिल्ला रहे थे, पत्थर फेंक रहे थे। दुकानें तोड़ीं, गाड़ियाँ जलाईं। हमारे घर की खिड़कियाँ टूट गईं। सब बाहरी लोग थे, प्लानिंग साफ थी।”

हिंसा प्रभावित हंसापुर के स्थानीय दुकानदार ने भयावह आपबीती साझा की। दुकानदार ने कहा, “मैं 10.30 बजे रात में घर पहुँचा। तभी बहुत सारे लोग आए। उन्होंने घर में आग लगाने की कोशिश की। पत्थर मारे, मैं घायल हो गया। गाड़ियों को उन्होंने तोड़ा और फिर आग के हवाले कर दिया।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार की सुबह महाल इलाके में शिव जयंती का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके बाद दोपहर 12 बजे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की माँग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने औरंगजेब का पुतला जलाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फिर अफवाह फैली कि कुरान जला दी गई। पुलिस ने इसे झूठ बताया, पर मुस्लिम भीड़ ने इसे बहाना बनाकर शाम 5 बजे से हिंसा शुरू कर दी। महाल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितनवीस पार्क में नकाबपोश लोग सड़कों पर उतरे। उनके पास लाठियाँ, पत्थर, बोतलें और पेट्रोल बम थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाम 7:30 बजे के बाद हिंसा ने जोर पकड़ा, जो आधी रात के बाद तक जारी रहा। चितनवीस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड तक 40 से ज्यादा गाड़ियाँ जला दी गईं। कारें, बाइक, यहाँ तक कि एक क्रेन भी जल गई। दुकानों में तोड़फोड़ हुई, घरों पर पत्थर फेंके गए। पुलिस पर भी हमला हुआ। डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से वार किया गया, उनके हाथ में गहरी चोट लगी।

पुलिस ने लाठीचार्ज और आँसू गैस का इस्तेमाल किया, पर भीड़ नहीं रुकी। अब तक 50 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं। सीसीटीवी और वीडियो से पहचान चल रही है। साइबर पुलिस 100 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स की जाँच कर रही है, जहाँ से अफवाह फैली। शहर में कर्फ्यू लगा है, इंटरनेट कुछ घंटों के लिए बंद रहा, अब बहाल हो गया है।

महाराष्ट्र सरकार के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, “हिंसा के पीछे की वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना में 12-14 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 2-3 नागरिक भी घायल हुए हैं। हम घटना के पीछे की वजह का पता लगाएँगे। कानून हाथ में लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हिन्दू मृतकों को ठीक से अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं, आतंकी के जनाजे में 2 लाख की भीड़: मुर्शिदाबाद के ब्राह्मण-नाई हों या सीलमपुर...

मृत शरीर के भी कुछ अधिकार होते हैं, सम्मानजनक अंतिम संस्कार के। दुर्भाग्य से, भारत देश में ये आतंकियों को तो सहज उपलब्ध है लेकिन बेचारे हिन्दुओं को नहीं।

प्रेमी मोहम्मद साहिल के लिए लड़कियों को फँसाकर लाती थी गुलशन खातून, ब्लैकमेल करके करता था रेप: नाबालिग पीड़िता ने बताया – पॉर्न वीडियो...

बिहार के वैशाली में मोहम्मद साहिल सिद्दीकी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर दूसरी लड़कियों को ब्लैकमेल करता था और उनका पॉर्न बनाता था।
- विज्ञापन -