Thursday, April 17, 2025
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गिरिडीह में पत्थरबाजी मुस्लिमों ने की, पर पीठ विकास साह की दागी गई: BJP ने शेयर की झारखंड पुलिस की बर्बरता को बयाँ करती तस्वीर, पूछा- क्या हिंदू होना गुनाह है?

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि कभी ताजिया, मोहर्रम या किसी मुस्लिम जश्न पर तो हिंदू समस्या नहीं खड़ी करते, लेकिन हिंदुओं के त्योहारों पर ही हिंसा क्यों होती है?

झारखंड के गिरिडीह जिले के घोड़थंबा में होली (14 मार्च 2025) जुलूस के दौरान हिंदुओं पर हमले के मामले में जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें 39 हिंदुओं के नाम है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि पुलिस हिंदुओं को ही प्रताड़ित भी कर रही है। राज्यसभा सांसद और झारखंड बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने विकास साह नाम के हिंदू युवक की तस्वीर पोस्ट की है, जिसकी पीठ पर पुलिसिया बर्बरता साफ दिख रही है।

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने एक पीड़ित युवक विकास साह की तस्वीर शेयर की, जिसमें उसे पीटे जाने के निशान दिख रहे हैं। उन्होंने लिखा, “हिंदू होने की वजह से विकास साह को पीटा गया। पत्थरबाजों की जगह हिंदुओं के साथ बेरहमी कर रही हेमंत सोरेन सरकार।” दीपक प्रकाश ने गिरिडीह एसपी को निलंबित करने की माँग की।

इस बीच, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने प्रभावित इलाके का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। पीड़ितों से मुलाकात के बाद रघुबर दास ने प्रशासन पर हिंदुओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि वो किसी निर्दोष को नुकसान न पहुँचाए और जल्द से जल्द पीड़ितों को रिहा करे।

झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास ने पीड़ितों से मुलाकात की और कहा कि उनकी बातें सुनकर रूह काँप गई। दुकानें जल गईं, लोग घायल हुए और त्योहार का माहौल खराब हो गया। रघुबर दास ने साफ कहा कि अगर निर्दोष हिंदुओं को रिहा नहीं किया गया, तो बीजेपी सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने डीजीपी और एसपी से फोन पर बात की और न्यायिक जाँच की माँग की। साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी कि वह इस मामले को हल्के में न ले। बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं और सरकार असली उपद्रवियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

रघुबर दास ने X पर लिखा, “सामाजिक सौहार्द का ठेका केवल हिंदू समाज ने नहीं लिया है। क्या अब हिंदू समाज को अपने त्योहारों पर जुलूस निकालने के लिए दूसरे समुदाय से अनुमति लेनी होगी? सड़क किसी की जागीर नहीं है। दूसरे समुदाय के पर्व में कोई हिंसा नहीं होती है, हिंदुओं के पर्व में हर बार हिंसा हो रही है।” उन्होंने कहा कि कभी ताजिया, मोहर्रम या किसी मुस्लिम जश्न पर तो हिंदू समस्या नहीं खड़ी करते, लेकिन हिंदुओं के त्योहारों पर ही हिंसा क्यों होती है?

रघुबर दास ने आगे लिखा, “वोट बैंक के लिए शासन-प्रशासन बैलेंसिंग एक्ट बंद करे। जिन निर्दोष हिंदू लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तत्काल रिहा करें। नहीं तो भारतीय जनता पार्टी चुपचाप नहीं बैठेगी। पूरे हिंदू समुदाय के साथ सड़क पर उतरकर भाजपा कार्यकर्ता हेमंत सरकार की ईंट से ईंट बजा देगी। गिरिडीह के घोड़थंबा में होली जुलूस पर पथराव और आगजनी की घटना पर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और गिरिडीह एसपी बिमल कुमार से टेलीफोन पर बात कर निर्दोषों को रिहा करने और घटना की न्यायिक जांच कराने को कहा। एसडीएम को भी चेतावनी दी।”

क्या हुआ घोड़थंबा में?

14 मार्च 2025 की शाम को होली का जुलूस निकाल रही 15-20 लोगों की टोली मस्जिद वाली गली से गुजरना चाहती थी। लेकिन पुलिस और मुस्लिमों ने उन्हें रोक दिया। हिंदुओं ने उन्हें समझाया कि वे हर साल इसी रास्ते से जाते हैं। इसके बाद जब हिंदुओं की टोली आगे बढ़ी, तो मुस्लिमों ने पेट्रोल बम, बोतल, ईंट और पत्थरों से हमला कर दिया। बाजार चौक के पास दुकानों, बाइकों और गाड़ियों में आग लगा दी गई।

एफआईआर में साफ लिखा है कि हमलावरों ने पीछे की गली में मंदिर पर भी पथराव किया। पुलिस पहुँची तो उसकी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा में चार पुलिसकर्मी घायल हुए। प्राथमिकी धनवार के बीपीओ सह दंडाधिकारी सुरेंद्र कुमार वर्णवाल ने दर्ज की।

एफआईआर में शुरुआती 11 आरोपितों के नाम हिंदुओं के हैं, जबकि हमले का जिक्र मुस्लिम समुदाय की ओर से किया गया है। कुल 39 हिंदुओं और 41 मुस्लिमों के नाम शामिल किए गए हैं। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि यह तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा है। झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्रशासन हिंदुओं को निशाना बना रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने भी सवाल उठाया कि जब हमला मुस्लिमों ने किया, तो हिंदुओं को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? उनका कहना है कि यह ‘बैलेंसिंग एक्ट’ वोट बैंक की राजनीति के लिए हो रहा है।

घोड़थंबा की घटना से साफ है कि झारखंड सरकार न सिर्फ पीड़ित हिंदुओं को ही निशाना बना रही है, बल्कि एफआईआर में दोनों समुदायों के नाम शामिल कर मामले को संतुलित करने की कोशिश भी कर रही है। ऐसे में सवाल यही है कि क्या वाकई पीड़ित हिंदुओं को इंसाफ मिल पाएगा?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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