Sunday, June 22, 2025
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‘सोनिया-राहुल गाँधी ने बनाए ₹142 करोड़’: नेशनल हेराल्ड केस में ED ने कोर्ट को बताया, 2 जुलाई से मनी लॉन्ड्रिंग मामले की होगी रोजाना सुनवाई

ईडी ने कोर्ट को बताया कि आरोपितों ने अपराध की आय से 142 करोड़ रुपए का फायदा उठाया। यह राशि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से प्राप्त किराये की आय से जुड़ी है।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई बुधवार (21 मई 2025) को हुई। इस हाई-प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कॉन्ग्रेस नेताओं सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी ने कोर्ट को बताया कि आरोपितों ने अपराध की आय से 142 करोड़ रुपए का फायदा उठाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह राशि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से प्राप्त किराये की आय से जुड़ी है। ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट में दावा किया कि यंग इंडियन के 76% मालिक सोनिया और राहुल गाँधी ने केवल 50 लाख रुपए का भुगतान करके 90.25 करोड़ रुपए की संपत्ति हासिल की।

ईडी ने जबतक संपत्तियाँ जब्त नहीं की, तब तक सोनिया-राहुल ने उठाया फायदा

ईडी ने कोर्ट में यह भी कहा कि गाँधी परिवार ने न सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग की, बल्कि अपराध की आय को अपने पास रखकर इस अपराध को और बढ़ाया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि यंग इंडियन ने एजेएल के शेयरों का दुरुपयोग किया, जिसके जरिए भारी मुनाफा कमाया गया।

नवंबर 2023 में ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़ी 751.9 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त किया था, जिसके बाद यह मामला और सुर्खियों में आ गया। राजू ने कोर्ट में यह भी स्पष्ट किया कि आरोपितों ने तब तक इस आय का लाभ उठाया, जब तक ईडी ने कार्रवाई नहीं की।

साल 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने की थी शिकायत

यह मामला मूल रूप से 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि गाँधी परिवार ने यंग इंडियन के जरिए एजेएल को धोखाधड़ी, आपराधिक दुरुपयोग और विश्वासघात के जरिए हासिल किया। 2010 में एजेएल में 1,057 शेयरधारक थे, लेकिन स्वामी का दावा है कि यंग इंडियन ने गलत तरीके से कंपनी पर नियंत्रण हासिल कर लिया।

ईडी ने इस मामले की जाँच 2014 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुरू की थी, जब एक ट्रायल कोर्ट ने स्वामी की निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर आयकर जाँच में अनियमितताओं का संज्ञान लिया।

राहुल-सोनिया के वकील ने समय माँग कर मामले को आगे बढ़वाया

कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वरिष्ठ वकीलों अभिषेक मनु सिंघवी और आरएस चीमा ने दस्तावेजों की जाँच के लिए और समय माँगा। उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में करीब 5,000 पन्नों के दस्तावेज मिले हैं और मई का महीना कोर्ट और वकीलों के लिए व्यस्त रहता है। इसलिए उन्होंने जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह तक का समय माँगा। कोर्ट ने उनकी माँग को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए मामले को 2 जुलाई से 8 जुलाई तक रोजाना सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट के दायरे में आता है, इसलिए नियमित सुनवाई जरूरी है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने माँगी चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों की कॉपी

इसके अलावा कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को भी मंजूरी दे दी, जिसमें उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस की चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों की कॉपी माँगी थी। ईडी ने सुनवाई के दौरान यह दलील दी कि सरकारी मँजूरी की जरूरत नहीं है, क्योंकि चार्जशीट एक अधिकृत अधिकारी के जरिए दायर की गई है, जो ईडी में सहायक निदेशक के पद पर है। राजू ने एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सरकार किसी अधिकारी को धारा 45 के तहत शिकायत दायर करने के लिए अधिकृत कर सकती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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