पंजाब में सिखों का ईसाई धर्मांतरण बहुत समय से बड़ी चिंता का विषय रहा है। पिछले कुछ समय से ऐसी कई खबरें सामने आईं जिससे पता चला कि राज्य में ईसाई मिशनरियों की शक्तियाँ बढ़ रही हैं। कई बार इसे लेकर कई सिख संगठनों ने चिंता भी जाहिर की, लेकिन फिर भी न कॉन्ग्रेस सरकार ने, न AAP सरकार ने इस मुद्दे पर गौर किया। अब ताजा खबर इस मामले पर दैनिक जागरण ने प्रकाशित की है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। ये बताती है कि पंजाब में केवल 2 वर्षों में ही 3 लाख 50 हजार अधिक लोग अपना धर्म बदलकर ईसाई बन चुके हैं। खबर के अनुसार, पंजाब में केवल साल 2023-24 में ही 1.5 लाख लोग धर्मांतरित हुए जबकि साल के 2024-25 के अंत तक दो लाख लोगों ने अपना धर्म बदल लिया।
हैरानी और भी ज्यादा तब बढ़ती है जब धर्मांतरित लोगों की बढ़ती संख्या राज्यों के हिसाब से देखा जाए। जैसा तरनतारन को लेकर रिपोर्ट बताती है कि पिछले 10 सालों में यहाँ में ईसाई समुदाय की जनसंख्या 6,137 से बढ़कर 12,436 हो गई यानी दस वर्षों में 102 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसी तरह गुरदासपुर जिले की बात करें तो पिछले 5 वर्षों में इस समुदाय की जनसंख्या में 4 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है।
पंजाब में ईसाई पादरी कैसे बनाते हैं सिखों को निशाना
वैसे तो ईसाई मिशनरियाँ देश भर के सुदूर इलाकों में पहुँचकर गरीब और लाचार लोगों को अपने निशाने पर ले रही हैं लेकिन पंजाब और भी चिंता का कारण इसलिए है क्योंकि यहाँ उनके द्वारा धर्मांतरण का खेल खुलेआम चल रहा है। यहाँ खुलेआम चंगाई सभा होती हैं। ऐसे-ऐसे पादरियों के कार्यक्रम कराए जाते हैं जो फूँक मारकर मृत व्यक्ति में जान डालने का दावा करते हैं। इसके बाद भ्रम पैदा करके सिखों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा जाता है।
एक पुरानी रिपोर्ट बताती है कि इन मिशनरियों का प्रभाव पटियाला से लेकर पठानकोट तक फैला है। ईसाईी मिशनरियों ने राज्य के 23 जिलों को अपने जाल में जकड़ा है और अपने सम्राज्य को लगातार फैलाते जा रहे हैं। सिखों के बीच पैठ बनाने के लिए उन सभाओं में पगड़ी पहने लोग दिखते हैं जिससे आम सिखों को लगे कि वो सभा कराने वाले कोई अलग नहीं हैं।
The new phenomenon in Punjab: charismatic Pentecostal Christian preachers. And they are attracting followers and obviously make Sikh groups uncomfortable. Pick latest issue of @IndiaToday for details. Grab some glimpses here: https://t.co/zjB27myUKo pic.twitter.com/VVjlVusJKJ
— Anilesh Mahajan 🇮🇳 (@anileshmahajan) November 4, 2022
ये सभी ईसाई पादरी गैर-ईसाई जनता को धर्मांतरण के जाल में फँसाने के लिए बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित करते हैं। प्रशासन बकायदा इन्हें इसके लिए अनमुति देता है। इन्हें सुरक्षा मिलती है। बैनर, पम्पलेट, सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए इनका प्रचार होता है और आखिर में कार्यक्रम वाली जगह पर हजारों की भीड़ जुटती है। इस भीड़ को रिझाने के लिए कार्यक्रम में बैंड वाले होते हैं जो पादरी की हर बात के बाद उसे प्रभावी दिखाने के लिए बैंड बजाते हैं। लय में ऐसे गाने गाए जाते हैं कि भीड़ ईसाई धर्म के गीतों पर नाचने लग जाए।
इसी तरह के सारे खेल के बाद भीड़ से किसी को निकालकर दावा किया जाता है कि वो पादरी न केवल बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक कर सकता है बल्कि भूतों को भगा सकता है। पादरियों के इन्हीं लुभावने वादों के कारण कुछ लोग कार्यक्रम में तो कुछ कार्यक्रम के बाद ईसाई धर्म में परिवर्तित हो जाते हैं।
जानकारी अचंभा होगा कि पंजाब में धर्मांतरण के व्यापार में शामिल ईसाई पादरियों में अधिकांश धर्मांतरण के बाद ईसाई बने पादरी हैं। हालाँकि, न तो इन लोगों ने नाम बदला है और न पहचान। सिख पादरी आज भी पगड़ी लगाते हैं और हाथ में बाइबल का संदेश देते घूमते हैं। उनकी ऐसी हरकतों का नतीजा ये होता है कि आम सिख भी उनकी सभा में उन्हें अपना समझकर पहुँचता है।
SGPC का अभियान
4 साल पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए चिंता दिखाई थी और सिखों को धर्मांतरण से बचाने के लिए ‘घर-घर अंदर धर्मसाल’ अभियान आरंभ किया था। इनका उद्देश्य था कि ईसाई प्रचारक जिस प्रक्रिया द्वारा सिखों को बरगला रहे हैं, अब उसी का इस्तेमाल सिख धर्म को बचाने के लिए किया जाएगा। SGPC का मानना था कि कुछ पादरी जानबूझकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब में धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग
ये बात मालूम रहे कि पंजाब में चल रहे इतनी बड़ी साजिश के खिलाफ अक्सर विदेशी फंडिंग की बातें सामने आती रही हैं। इस बार भी दैनिक जागरण की रिपोर्ट में सिख स्कॉलर डॉ रणबीर सिंह के हवाले से बताया गया पंजाब में चल रहे धर्मांतरण के खेल के लिए अमेरिका, पाकिस्तान व अन्य मुल्कों से फंडिंग हो रही है।
पंजाब में ईसाई पादरियों का प्रभाव
आज पंजाब में सबसे अधिक चर्चित पादरी बजिंदर सिंह प्रोफेट बजिंदर सिंह है, जो खुद को ईसा मसीह का प्रोफेट बताता है। इसके यूट्यूब पर 30 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं और वीडियो पर लाखों में व्यूज भी आते हैं। हाल में इसी पादरी के आगे गिरते हुए बॉलीवुड अभिनेता राजपाल सिंह को देखा गया था।
पैस्टर बजिंदर सिंह के अलावा पंजाब में जो पादरी सक्रिय होकर धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं उनमें अमृत संधू, कंचन मित्तल, रमन हंस, गुरनाम सिंह खेड़ा, हरजीत सिंह, सुखपाल राणा, फारिस मसीह कुछ बड़े नाम हैं। ये लोग जनता के बीच अपनी पैठ सोशल मीडिया के जरिए बनाते हैं। इनके अनुयायियों में हर वर्ग के लोग हैं। सवाल उठने पर ये दावा करते हैं कि ये लोग सिर्फ प्रार्थना कराते हैं, लेकिन सवाल फिर वही है कि अगर चंगाई सभाओं और मिशनरी के अन्य कार्यक्रमों में सिर्फ प्रार्थना होती है तो लोग धर्मांतरित कैसे होते हैं।