Friday, March 29, 2024
Homeदेश-समाजइलाहाबाद HC के परिसर में मस्जिद, सुप्रीम कोर्ट ने कहा - 3 महीने में...

इलाहाबाद HC के परिसर में मस्जिद, सुप्रीम कोर्ट ने कहा – 3 महीने में हटाओ, वरना तोड़ा जाएगा: काम नहीं आई कपिल सिब्बल की दलीलें

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि मस्जिद को 3 महीने के अंदर नहीं हटाया गया तो इलाहाबाद हाई कोर्ट समेत अन्य अधिकारी मस्जिद को तोड़ कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में बनी मस्जिद को 3 महीने के अंदर हटाने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि मस्जिद बनाने के लिए वक्फ बोर्ड राज्य सरकार राज्य सरकार से दूसरी जगह जमीन माँग सकता है। इससे पहले साल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट परिसर में बनी मस्जिद हटाने का आदेश दिया था।

सोमवार (13 मार्च 2023) को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी कुमार की बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मस्जिद हटाने वाले फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने मस्जिद हटाने के लिए 3 महीने का समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि मस्जिद को 3 महीने के अंदर नहीं हटाया गया तो इलाहाबाद हाई कोर्ट समेत अन्य अधिकारी मस्जिद को तोड़ कर सकते हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता चाहें तो मस्जिद बनाने के लिए राज्य सरकार से दूसरी जगह जमीन माँग सकते हैं।

मस्जिद हटाने का फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि मस्जिद एक सरकारी पट्टे (लीज) वाली जमीन में बनी है। इस लीज को साल 2002 में ही रद्द किया जा चुका है। इसके बाद साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह जमीन सरकारी है। इसलिए कोई भी इस जमीन को लेकर किसी भी प्रकार का दावा नहीं कर सकता।

मस्जिद की ओर से पेश हुए पूर्व कॉन्ग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मस्जिद 1950 के दशक से बनी हुई है। इसलिए ऐसे ही हटाने के लिए नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा, “साल 2017 में सरकार बदल गई और सब कुछ बदल गया। नई सरकार के गठन के 10 दिन बाद एक जनहित याचिका दायर की जाती है। दूसरी जमीन मिलने तक हमें मस्जिद कहीं शिफ्ट करने में समस्या होगा।”

वहीं इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह पूरी तरह धोखाधड़ी का मामला है। उन्होंने कहा, “नवीनीकरण के लिए दो बार आवेदन किए गए। लेकिन, इस बारे में नहीं बताया गया कि मस्जिद का निर्माण किया गया है और इसका इस्तेमाल जनता के लिए किया जा रहा है। बल्कि यह कहते हुए नवीनीकरण की माँग की गई थी कि आवासीय उद्देश्यों के लिए इसकी आवश्यकता है। सिर्फ यहाँ नमाज पढ़ने से यह जगह मस्जिद नहीं हो जाती। अगर सुप्रीम कोर्ट के बरामदे या हाई कोर्ट के बरामदे में, सुविधा के लिए नमाज की अनुमति दी जाती है, तो यह मस्जिद नहीं बन जाएगा।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुख़्तार अंसारी की मौत: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया था माफिया, पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

माफिया मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल में आया हार्ट अटैक। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था।

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe