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Monday, April 14, 2025
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2021 में 80000 हिन्दू परिवारों को छोड़ना पड़ा था घर, मालदा-मुर्शिदाबाद में इस्लामी भीड़ का आतंक याद दिला रहा पुराने दिन: नावों में सवार होकर कर रहे पलायन

हमलावरों को लेकर इलाके के ही एक हिंदू निवासी ने कहा, “ये लोग बाहरी नहीं थे, बल्कि यहीं के स्थानीय मुस्लिम युवक थे। उन्होंने हमारे वाहनों पर हमला किया। मैंने खुद देखा कि कैसे एक व्यक्ति ने हमारे परिवार की गाड़ी को तोड़ा।”

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर उपखंड अंतर्गत शमशेरगंज ब्लॉक के धुलियान शहर में 11 और 12 अप्रैल को हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। मुस्लिम समुदाय की भीड़ द्वारा किए गए उत्पात के चलते अब हिंदू समुदाय के लोग क्षेत्र से पलायन कर रहे हैं।

भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें सैकड़ों हिंदू परिवारों को नावों के जरिए गंगा नदी पार करते हुए देखा जा सकता है। ये लोग धुलियान से निकलकर मालदा जिले के कालियाचक तृतीय उपखंड स्थित पार लालपुर शहर की ओर जा रहे हैं।

वीडियो में एक व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है, “हमारे हिंदू भाई-बहन अपनी जान बचाने के लिए यहाँ आ रहे हैं।” वहीं, पृष्ठभूमि में एक अन्य व्यक्ति लोगों को आश्वस्त करता नजर आ रहा है, “तनाव न लें। हमने आपके आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है। कृपया इस दिशा में जाएँ। आपकी मदद करने के लिए लोग हैं।”

फिलहाल प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन घटनास्थल पर बढ़ती असुरक्षा की भावना के चलते कई परिवार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

मुर्शिदाबाद ज़िले के धुलियान क्षेत्र में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के चलते बड़ी संख्या में हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। वीडियो रिकॉर्ड करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि अब तक करीब 40-50 नावों के जरिए हजारों हिंदू नागरिकों को धुलियान से नदी पार लालपुर पहुँचाया गया है।

वीडियो में एक बुजुर्ग महिला रोते हुए बताती हैं कि उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए अपना गृहनगर छोड़ दिया। वहीं एक अन्य महिला ने कहा, “उन्होंने (मुस्लिम भीड़ ने) सब कुछ जला दिया है।”

पीड़ितों के अनुसार, हिंसा के दौरान केवल हिंदुओं के घरों को चुन-चुनकर आग के हवाले किया गया, जबकि मुस्लिम घर पूरी तरह सुरक्षित रहे। इस घटना के बाद लालपुर के स्थानीय लोगों ने सभी पीड़ित हिंदुओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी के शासन में राज्य प्रशासन वहाँ हिंदुओं के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहा है।”

बांग्लादेश में दशकों पहले हिंदू समुदाय पर हमले हुए थे और अब वही मानसिकता पश्चिम बंगाल में सक्रिय हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिहादी तत्व ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए राज्य में हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं।

मुर्शिदाबाद में हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर की गई हिंसा

इस बीच, मुर्शिदाबाद से एक हिंदू महिला ने बताया कि उनके इलाके में खुलेआम बमबारी की घटनाएँ हुईं, जिससे उन्हें जान बचाकर अपना घर छोड़ना पड़ा। वहीं एक अन्य महिला ने दावा किया कि “कुछ लोगों ने हमें धमकी दी और कहा कि चूँकि मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित कर दिया है, इसलिए अब हिंदुओं को यहाँ रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार (11 अप्रैल, 2025) को जुम्मा नमाज के बाद हिंसा भड़क उठी। यह हिंसा कथित तौर पर केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध की आड़ में की गई, लेकिन इसका निशाना बना हिंदू समुदाय।

सुती और शमशेरगंज इलाकों में मुस्लिम भीड़ ने सड़कों पर उतरकर भारी उत्पात मचाया। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का बहाना लेकर कुछ चरमपंथियों ने हिंदुओं की दुकानों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।

इस दौरान एक हिंदू दंपति की मिठाई की दुकान, ‘शुभा स्मृति होटल’, को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया और उसका सारा सामान लूट लिया गया। दुकान के मालिक ने रोते हुए कहा, “मेरी यहाँ एक मिठाई की दुकान थी”, और फिर अपने जल चुके होटल की ओर इशारा किया। उनकी पत्नी ने बताया, “उन्होंने हमारा सारा सामान लूट लिया, नकदी भी ले गए… अब हम क्या खाएँगे?”

‘श्री हरि हिंदू होटल एंड लॉज’ नामक एक अन्य हिंदू प्रतिष्ठान में भी तोड़फोड़ की गई। इन हमलों के दृश्य समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए, जिनमें साफ तौर पर हिंसा और बर्बरता को देखा जा सकता है।

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, कुछ हिंदू मंदिरों पर भी हमले हुए हैं और मूर्तियों के अपवित्र किए जाने की खबरें सामने आई हैं। इस पर ‘रिपब्लिक बांग्ला’ द्वारा साझा एक वीडियो में तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद खलीलुर रहमान ने यह स्वीकार किया कि जंगीपुर क्षेत्र में एक मंदिर में तोड़फोड़ हुई है। इन घटनाओं ने पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक भीड़ ने न सिर्फ हिंदू व्यापारियों की दुकानों को निशाना बनाया बल्कि कई परिवारों के घरों में घुसकर लूटपाट और तोड़फोड़ भी की। हालात इतने बेकाबू हो गए कि प्रदर्शनकारियों ने हिंसा में फँसी एक एंबुलेंस को भी नहीं छोड़ा।

रिपोर्ट में बताया गया कि हमलावरों ने पहले एंबुलेंस के ड्राइवर की बेरहमी से पिटाई की और फिर वाहन को आग के हवाले कर दिया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम बहुत डरे हुए थे और अपने घरों के अंदर बंद हो गए थे। मैंने अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कमरे में बंद कर दिया था।”

हमलावरों को लेकर इलाके के ही एक हिंदू निवासी ने कहा, “ये लोग बाहरी नहीं थे, बल्कि यहीं के स्थानीय मुस्लिम युवक थे। उन्होंने हमारे वाहनों पर हमला किया। मैंने खुद देखा कि कैसे एक व्यक्ति ने हमारे परिवार की गाड़ी को तोड़ा।”

एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें एक हमलावर को मुर्शिदाबाद में एक हिंदू परिवार के वाहन को नुकसान पहुँचाते हुए देखा जा सकता है। ANI से बात करते हुए एक अन्य हिंदू पीड़ित ने बताया, “उन्होंने हमारी बाइकें जला दीं, दुकानें लूट लीं और आग लगा दी। रात भर हम सो नहीं पाए। पुलिस भी वहाँ से भाग रही थी, कोई सुरक्षा नहीं थी। अब देखते हैं सरकार मुआवजा देती है या नहीं।”

हिंसा की शिकार हुईं अमर भगत की पत्नी मंजू भगत ने ‘आज तक‘ को बताया, “भीड़ ने पहले सामने के गेट से घुसने की कोशिश की, नाकाम होने पर पीछे से घुसने लगे। हमारे घर में तोड़फोड़ की गई, बाइकें तोड़ी गईं, टीवी, गद्दे, कुर्सियाँ और बाकी कीमती सामान लूट लिया गया।”

उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “हम सब छत पर छिपे हुए थे। हम भगवान का नाम ले रहे थे। अगर उस समय मेरी बेटी को कुछ हो जाता, तो मैं क्या करती?”

मुर्शिदाबाद में हिंसक वारदात, हिंदू समुदाय प्रभावित

पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ वर्षों में हुई चुनावी हिंसा ने राज्य की सामाजिक संरचना पर गहरा असर डाला है। खासकर 2021 के विधानसभा चुनाव और 2023 के पंचायत चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसके कारण हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा।

भाजपा अध्यक्ष JP नड्डा ने 2021 के चुनाव के बाद कहा था कि उस दौरान हुई राजनीतिक हिंसा से लगभग 80,000 से 1,00,000 हिंदू परिवार विस्थापित हुए। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों ने पड़ोसी राज्य असम के धुबरी जिले में शरण ली, क्योंकि पश्चिम बंगाल में उन्हें कोई सुरक्षा या संरक्षण नहीं मिला।

2023 के पंचायत चुनाव भी हिंसा से अछूते नहीं रहे। चुनावी प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर बमबारी, आगजनी और राजनीतिक हत्याएँ देखी गईं। इसके बाद जुलाई 2023 में कूच बिहार जिले से भी हिंदुओं के पलायन की रिपोर्ट सामने आई, जिसे ऑपइंडिया ने जिसकी रिपोर्टिंग करके इसका दस्तावेजीकरण किया था।

स्थानीय लोगों और रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका या तो नाकारा रही या पक्षपातपूर्ण। राज्य प्रशासन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह सत्तारूढ़ दल ‘तृणमूल कॉन्ग्रेस’ (TMC) के कार्यकर्ताओं की हिंसा को नजरअंदाज करता है, या उसकी अनदेखी करता है।

ममता बनर्जी सरकार पर एक बार फिर कानून-व्यवस्था सँभालने में विफल रहने के आरोप लगे हैं। आलोचकों का कहना है कि सत्ता में आने के बाद से ही टीएमसी सरकार राजनीतिक विरोधियों और अल्पसंख्यक वोट बैंक की रक्षा के नाम पर बहुसंख्यक हिंदू समुदाय की अनदेखी कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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