Thursday, April 25, 2024
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‘2024 लोकसभा चुनाव में 80 सीटें जीतेंगे’: 5 सीटों वाली पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का दावा, 11 साल बाद सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

"भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों में हराना होगा। कॉन्ग्रेस और कई अन्य सभी दलों को अपनी भूमिका को समझना होगा। कॉन्ग्रेस को चुनाव के संबंध में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए।"

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों में भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार जाएगी। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने जहाँ 62 सीटें जीतीं थीं, वहीं सपा के खाते में महज 5 सीटें गईं थीं।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने चुनाव से पहले किए वादे पूरे नहीं किए। अखिलेश ने कहा है, “हम उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर भाजपा को हराएँगे। जब उन्हें वोट की जरूरत होती है तो वे वादे करते हैं। महँगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है। भाजपा ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे पूरे नहीं किए।”

इससे पहले उन्होंने कॉन्ग्रेस को सलाह देते हुए कहा था, “भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों में हराना होगा। कॉन्ग्रेस और कई अन्य सभी दलों को अपनी भूमिका को समझना होगा। कॉन्ग्रेस को चुनाव के संबंध में अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। कई राज्यों के मुख्यमंत्री एक ऐसे गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं, जो मिलकर काम करे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कोशिश कर रहे हैं। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन कोशिश कर रहे हैं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हैं। गठबंधन के लिए नाम पर बाद में चर्चा की जाएगी।”

साल 2017 में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा ने कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन किया था। हालाँकि, दोनों पार्टियों ने इतना खराब प्रदर्शन किया कि कुल मिलाकर 47 सीटें ही हासिल कर पाए थे। मोदी और योगी लहर के चलते सूफड़ा साफ होने के बाद अखिलेश यादव ने कॉन्ग्रेस का हाथ छोड़ दिया था।

इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने मायावती का हाथ थामते हुए बसपा से गठबंधन किया था। उस चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 76 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों ने गाँधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी और रायबरेली को गाँधी परिवार के सदस्यों सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के लिए छोड़ दिया था। हालाँकि, राहुल गाँधी को अपने गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी के हाथों हार का मुँह देखना पड़ा था। वहीं, सपा के खाते में 5 सीटें और बसपा के खाते में 10 सीटें आईं थीं।

बता दें कि समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए अखिलेश यादव कोलकाता गए हुए थे। यह बैठक 11 साल के लंबे अंतराल के बाद हुई। इस बैठक में समाजवादी पार्टी ने इस साल के अंत में तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए नीतियों और रणनीतियों पर चर्चा की। बैठक में अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल यादव, राज्यसभा सांसद जया बच्चन, 20 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और कई अन्य नेताओं ने भी हिस्सा लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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