Thursday, October 3, 2024
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ममता के बंगाल में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भी नहीं सुरक्षित: काफिले पर भीड़ का बम और हथियारों से हमला, TMC के गुंडों पर आरोप, पहले भी मंत्रियों पर हो चुके हैं हमले

अप्रैल 2021 में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले पर हमला किया गया था। उस दौरान भीड़ ने काफिले में शामिल गाड़ियों में जमकर तोड़-फोड़ की और सामान लूटकर ले गए थे। दिसंबर 2020 में अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था। बंगाल में ही बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर पत्थरबाजी की गई थी।

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कानून-व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहाँ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के काफिले पर हमला हो जाता है। राज्य में दंगे और राजनीतिक हत्याओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) और उनके अधिकारियों को अदालत द्वारा अक्सर फटकार लगती रहती है, लेकिन हालात में सुधार नजर नहीं आ रहा है।

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक के काफिले पर गुरुवार (3 नवंबर, 2022) को हमला किया गया। केंद्र की सत्ताधारी और राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसके लिए बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेंस (TMC) को दोषी ठहराया है।

घटना के बाद राज्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी रहने के बावजूद भीड़ के पास लाठी-डंडे, पत्थर और अन्य हथियार भी थे। वे निश्चित रूप से फूलों की बौछार करने के लिए लाठी के साथ नहीं दिखाई दिए। यह कैसे हुआ यह एक सवाल है जो पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री पर हमला हुआ है तो भाजपा कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे।

निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि अगर बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार सख्त है तो इतने सारे लोग कैसे जमा हो गए? उन्होंने बंगाल के शासन व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा, “मेरे लिए इतना बड़ा खतरा कैसे हो सकता है, जब राज्य पुलिस ने मेरे एस्कॉर्ट के लिए रास्ता तय किया था?” पिछले हफ्ते बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया था। उनसे मिलने के लिए प्रमाणिक जा रहे थे। 

दरअसल, प्रमाणिक गुरुवार की सुबह दिनहाटा के पास एक मंदिर में पूजा करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए सीताई जा रहे थे। सिंगिमारी के पास जब उनका काफिला पहुँचा तो उनके काफिले पर बम फेंके गए और पथराव किया गया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता काफिले में वाहनों से उतरे और जमीन पर पड़े पत्थर उठाकर हमलावरों पर फेंकने लगे।

कूच बिहार के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया, “सीताई थाना क्षेत्र से गुजरने के दौरान मंत्री के काफिले के लोगों और काले झंडे थामे लोगों के बीच मामूली धक्का-मुक्की हुई। धक्का-मुक्की के दौरान कुछ मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गईं। ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रित किया गया। हमने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।’’

यह पहली बार नहीं है कि बंगाल में भाजपा नेताओं पर हमला हुआ है। इसके पहले अप्रैल 2021 में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले पर हमला किया गया था। उस दौरान भीड़ ने काफिले में शामिल गाड़ियों में जमकर तोड़-फोड़ की और सामान लूटकर ले गए थे। बीजेपी ने हमले का आरोप टीएमसी पर लगाया था।

दिसंबर 2020 में बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था। नड्डा ने कहा था कि इस हमले में वे इसलिए बच गए, क्योंकि उनकी गाड़ी बुलेटप्रूफ थी। उससे पहले बंगाल में ही बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर पत्थरबाजी की गई थी। इस हमले में उनकी गाड़ी के शीशे टूट गए थे।

इसके अलावा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप घोष और TMC से भाजपा में आए ममता के खास सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला हो चुका है। दोनों नेताओं ने हमले के लिए TMC के गुंडों पर आरोप लगाया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल खड़ा किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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