Friday, May 3, 2024
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‘अधूरी हसरतों का इलजाम, हम पर लगाना ठीक नहीं’: EVM पर सवाल उठाने वालों पर CEC ने कसा तंज, कहा- आजकल मार्केट में बहुत एक्सपर्ट

देश में लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों से व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि यह 100 प्रतिशत सुरक्षित है। उन्होंने आजकल सामने आ रहे एक्सपर्ट को भी लताड़ लगाई, जो ईवीएम हैक होने जैसे आरोप लगाते हैं। इस दौरान वे शेरो-शायरी वाले अंदाज में भी नजर आए।

देश में लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों से व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि यह 100 प्रतिशत सुरक्षित है। उन्होंने आजकल सामने आ रहे एक्सपर्ट को भी लताड़ लगाई, जो ईवीएम हैक होने जैसे आरोप लगाते हैं। इस दौरान वे शेरो-शायरी वाले अंदाज में भी नजर आए।

मीडिया से बात करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग एथिकल पॉलिटिकल डिस्कोर्स के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने सार्वजनिक जीवन की मर्यादा एवं शालीनता को बनाए रखना चाहिए। उन्हें गाली-गलौच एवं बहुत व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो आज दुश्मन हैं, वे कल दोस्त भी हो सकते हैं।

इस दौरान राजीव कुमार ने शायर बशीर बद्र की शेर ‘दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे कि जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा ना हों’ को भी पढ़ा। राजीव कुमार ने कहा, “आजकल जल्दी-जल्दी दोस्त बनने और दुश्मन बनने की प्रक्रिया कुछ ज्यादा चल रही है। राजनीतिक दल ऐसा कुछ गंदा ना बोलें कि वे एक-दूसरे के दुश्मन बन जाएँ और फिर कुछ ना हो सके।”

इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम को राजनीतिक दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर भी उन्हें लताड़ लगाई। ईवीएम पर सवाल उठाने वालों में कॉन्ग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी सहित बहुत से विपक्षी दल हैं, जो अक्सर कहते रहते हैं कि ईवीएम में हेरफेर करके चुनाव परिणाम को बदला जा सकता है। इसे हैक करने या ईवीएम बदलने का भी आरोप लगाते रहे हैं।

राजीव कुमार ने कहा, “ईवीएम के बारे में मैं बहुत बार बता चुका हूँ। देश में एक ऐसा अभियान भी चल रहा है, जिसको बताना जरूरी है। इस देश की संवैधानिक कोर्ट- हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट मिलाकर, लगभग 40 बार ईवीएम की चुनौतियों को देख चुकी हैं। ये चुनौतियाँ थीं कि ईवीएम हैक हो सकती है, चोरी हो जाती है, 19 लाख गायब हैं, इसमें दिखाई नहीं देता है, ये कंप्यूटर से खराब हो जाती है, रिजल्ट बदल सकता है, मैन्युपुलेट हो सकता है। आदि आदि।”

ईवीएम पर उठाए गए सवालों को लेकर राजीव कुमार ने आगे कहा, “इन सवालों पर हर बार कोर्ट ने इसे रिजेक्ट किया है। कोर्ट ने कभी कहा- इसमें वायरस लग ही नहीं सकता। कभी कहा कि वोट बेकार नहीं हो सकते। कभी कहा कि हेराफेरी या छेड़छाड़ नहीं हो सकती है, कभी कहा कि ईवीएम एक फुलप्रूफ मशीन है और इसमें छेड़छाड़ की बात आधारहीन है। कभी कहा कि एक के बदले पाँच वीवीपैट गिनिए।”

ईवीएम को लेकर अक्सर कोर्ट जाने वाले लोगों की बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “वीवीपैट को पाँच बार गिनना हमने शुरू कर दिया है। लेकिन, ईवीएम पर उठाते हुए कोर्ट जाने वालों पर जुर्माना लगना शुरू हो गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। अभी हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय ने एक पिटीशन खत्म की है।”

उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर बार-बार ‘विलाप’ क्यों करना? कोर्ट भी आखिर उनकी बात कब तक सुनेगा? ईवीएम की भ्रांतियों को दूर करते हुए राजीव कुमार ने कहा, “ईवीएम किसी सूरत में हैक नहीं हो सकती। जो परिणाम आते हैं, वही इसके प्रमाण हैं। कोई भी सोशल मीडिया पर ईवीएम लेकर बैठ जाता है। वो एक डिब्बा लेकर बैठ जाता है।”

ईवीएम हैक होने का दावा करने वालों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “आजकल एक नया ट्रेंड शुरू हुआ एक्सपर्ट बनने का। आजकल एक-दो एक्सपर्ट चल रहे हैं सोशल मीडिया पर। उनकी कहाँ की डिग्री है, कहाँ के एक्सपर्ट हैं, उसे भी थोड़ा देखना चाहिए। वो बताते हैं कि ये डिब्बा है। ये टूलबॉक्स जैसा डिब्बा होता है। उसके अंदर क्या है, ये पता नहीं है। उस गत्ते के डिब्बे में से एक स्लीप भी निकलती है। वो धारणा भी हो जाती है कि ये स्लीप बदल गई, क्योंकि मैंने यहाँ बटन दबाया था और यहाँ ये गलत निकल गई।”

राजीव कुमार ने कहा कि जो खुद को एक्सपर्ट बताकर सोशल मीडिया पर इस तरह का दिखावा करते हैं, क्या वे ये बताते हैं कि उन्होंने क्या दबाया था। उन्होंने कहा कि वे ये भी नहीं बताते हैं कि उस तथाकथित बटन को दबाने से क्या निकला। राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम आने की वजह से ही आज छोटी-छोटी राजनीतिक दलों का अस्तित्व है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर के जमाने में उनका उतना अस्तित्व नहीं था।

ईवीएम परीक्षण को लेकर उन्होंने कहा, “सारे ईवीएम का तीन-तीन बार मॉक पोल होता है। ये सब कैंडिडेट्स के सामने में होता है। हमने ईवीएम पर एक किताब बनाई है। इसमें सारे सवालों के जवाब हैं। ये हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। थोड़ा पढ़ने का तो कष्ट कीजिए, खासकर जो एक्सपर्ट महोदय हैं वे देखें। आजकल कोई भी एक्सपर्ट बना जाता है। किसी पर कोई रोक नहीं है।”

माहौल को हल्का-फुल्का करते हुए राजीव कुमार ने कहा, “रात को मुझे लगा कि इस पर प्रश्न आएगा जरूर। फिर रात में मैंने अपने हाथ कुछ लिखा। आपको सुनाता हूँ। ये ईवीएम कह रही है- ‘अधूरी हसरतों का इल्जाम हर बार हम पर लगाना ठीक नहीं। वफा खुद से नहीं होती खता ईवीएम की बताते हो’। बाद में जब परिणाम आता है तो उस पर कायम भी नहीं रहते। आप ही पक्ष में रिजल्ट आ जाता है।”

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया के सामने साफ शब्दों में कहा कि ईवीएम 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। इसमें किसी तरह छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, “हमने पिछले दो सालों में इसमें कई और सुधार किए हैं। किस नंबर की ईवीएम किस बूथ पर जाएगी, वहाँ के कैंडिडेट को इसका नंबर दिया जाएगा। इसलिए इस पर संदेह की गुंजाइश नहीं है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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