Monday, May 19, 2025
Homeराजनीतिगुजरात का गठन, BJP का अजेय रथ और ब्रांड मोदी... राज्य में 27 वर्षों...

गुजरात का गठन, BJP का अजेय रथ और ब्रांड मोदी… राज्य में 27 वर्षों से भाजपा की सरकार, 5 और सालों के लिए उत्साहित पार्टी

इसके बाद 1990 के चुनाव में जनता दल और भाजपा एक साथ आकर चुनाव लड़े। जनता दल के नेता चिमनभाई पटेल थे और भाजपा ने केशुभाई पटेल। उस दौरान दलित-मुस्लिम और क्षत्रिय (राजपूत) मतदाताओं के बल पर सत्ता में दबदबा बरकरार रखने वाली कॉन्ग्रेस को मात देने के लिए भाजपा ने पटेल कार्ड खेला और यह सफल भी रहा।

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे (Gujarat Assembly Election Results) आने में अब कुछ ही घंटों का इंतजार है। विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की साँसें अभी से थमने लगी हैं। हालाँकि, गुजरात की जमीनी हकीकत को जानने वाले राजनीतिक एवं चुनावी विश्लेषक और एक्जिट पोल साफ कर चुके हैं कि एक बार फिर राज्य में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

गुजरात में पिछले 27 सालों से भाजपा की सरकार है और हिंदुत्व के इस प्रयोगशाला और विकास के गुजरात मॉडल के गढ़ से भाजपा को बाहर करना इतना आसान नहीं है। उधर आम आदमी पार्टी (AAP) चाहे कितने भी दावे करे कि वह गुजरात चुनाव जीतने जा रही है, लेकिन यह सीएम अरविंद केजरीवाल के लिखित दावे जैसा ही फुस्स हो जाएगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक शो के दौरान कागज पर लिखकर दिया था कि दिल्ली के MCD चुनाव में भाजपा 250 में से 20 से भी कम सीटें जीतने जा रही है। MCD में AAP की जीत जरूर हुई है, लेकिन उनके झूठे दावों की कलई भी खुली है।

हालाँकि, गुजरात की कहानी दिल्ली जैसी नहीं है। यह भाजपा का गढ़ है। कुछ हिस्सों को छोड़कर जब पूरे देश में कॉन्ग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला था, जब भाजपा ने कॉन्ग्रेस को हटाकर गुजरात में सत्ता स्थापित की थी और शासन का ऐसा मॉडल विकसित किया कि गुजरातियों का भाजपा पर पिछले 27 सालों से विश्वास जमा बैठा है। अगर गुजरात में इस बार भाजपा जीतती है तो यह उसकी लगातार 7वीं बार सरकार बनेगी।

राज्य के रूप में गुजरात का गठन

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1953 में पहला राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया गया, जिसके तहत 14 राज्य तथा 9 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए। हालाँकि, तब गुजरात नहीं बना था और वह मुंबई का ही हिस्सा था। इसके बाद गुजरातियों का आंदोलन तेज हुआ और 1960 में बंबई राज्य को दो भागों में बाँट दिया गया। एक महाराष्ट्र बना और दूसरा गुजरात।

साल 1960 में विधानसभा चुनाव हुए और इसमें 132 सीटों में से 112 सीटों पर कॉन्ग्रेस जीती। सन 1960 से लेकर सन 1975 तक राज्य की सत्ता पर कॉन्ग्रेस का शासन रहा। इसके बाद कुछ समय के जन मोर्चा की संयुक्त सरकार बनी लेकिन वह ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई।

सन 1977 में पहली बार जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनी, जिसमें जनसंघ, भारतीय लोकदल, समता पार्टी और कॉन्ग्रेस से अलग हुई कॉन्ग्रेस (ओ) की सरकार बनी और बाबू पटेल मुख्यमंत्री बने। यह सरकार सिर्फ 211 दिनों की चली। इसके बाद 1990 तक फिर से कॉन्ग्रेस से बनी। इस दौरान माधव सिंह सोलंकी राज्य के ताकतवर नेता के रूप में उभरे थे।

गुजरात में भाजपा का सत्ता में प्रदार्पण

इसके बाद 1990 के चुनाव में जनता दल और भाजपा एक साथ आकर चुनाव लड़े। जनता दल के नेता चिमनभाई पटेल थे और भाजपा ने केशुभाई पटेल। उस दौरान दलित-मुस्लिम और क्षत्रिय (राजपूत) मतदाताओं के बल पर सत्ता में दबदबा बरकरार रखने वाली कॉन्ग्रेस को मात देने के लिए भाजपा ने पटेल कार्ड खेला और यह सफल भी रहा।

साल 1990 के चुनाव में कॉन्ग्रेस की हार हुई जनता दल और भाजपा की मिली-जुली सरकार बनी। इस सरकार का नेतृत्व जनता दल के चिमनभाई पटेल को मिला। हालाँकि, राममंदिर आंदोलन को लेकर जनता दल भाजपा से अलग हो गई और इस बीच एक साल के लिए कॉन्ग्रेस की फिर सरकार बनी।

साल 1995 में हुए चुनावों में भाजपा को जबरदस्त फायदा मिला और राज्य की कुल 182 सीटों में से 121 सीटें भाजपा ने जीती। इस तरह भाजपा की जीत के बाद केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक साल बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा और उनकी जगह सुरेश मेहता मुख्यमंत्री बने। उनकी जगह फिर शंकर सिंह वाघेला आए।

सन 1998 के चुनावों में भाजपा फिर केशुभाई सीएम बने। 1998 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 44.81 फीसदी था, जबकि कॉन्ग्रेस का वोट शेयर 35.88 फीसदी था। इस चुनाव में बीजेपी ने 182 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 117 उम्मीदवार जीते थे।

राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी

इसी बीच साल 2001 में विनाशकारी भूकंप आया। केशुभाई पटेल की उदासीनता और राज्य में राजनीतिक उठा-पटक को लेकर नरेंद्र मोदी को राज्य की कमान सौंपी गई। नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही महीनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और भाजपा ने बहुमत हासिल किया।

इसके बाद से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में गुजरात में भाजपा की सरकार रही है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली आ गए। इस तरह 1995 से लेकर 2022 तक राज्य में भाजपा की सरकार बरकरार है और इसमें फिलहाल बदलाव की गुंजाइश नहीं दिख रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

सुधीर गहलोत
सुधीर गहलोत
प्रकृति प्रेमी

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पाकिस्तान घूमने नहीं, ISI से ट्रेनिंग लेने गए थे गौरव गोगोई: असम CM का दावा, कॉन्ग्रेस सांसद की पत्नी के भी आतंकी मुल्क से...

हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया कि गोगोई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निमंत्रण पर वहाँ गए थे। गोगोई ने वहाँ ट्रेनिंग ली।

दादा पाकिस्तान का पैरोकार, अब्बा रहे कॉन्ग्रेस MLA, खुद सपा का प्रवक्ता… जानिए कौन है ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जहर उगलने वाला प्रोफेसर अली खान

अशोका यूनिवर्सिटी बार-बार विवादों में घिरा है। ये अब वामपंथी और वोक विचारधारा का अड्डा बन चुका है, जिसके मालिक जेल भी जा चुके हैं।
- विज्ञापन -