Saturday, March 15, 2025
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किसानों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, खाद पर बढ़ाई गई सब्सिडी: कैबिनेट ने ₹22300 करोड़ के प्रस्ताव को दी मंजूरी, रबी फसल उपजाने वालों को बड़ी राहत

2023-24 के लिए मोदी सरकार ने फरवरी में जारी किए गए बजट में 1.75 लाख रुपए का प्रावधान खाद पर सब्सिडी के लिए किया है। लेकिन, अगर वैश्विक स्तर पर क्रॉप नुट्रिएंट्स के दाम बढ़ते हैं तो...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। उनकी अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुधवार (25 अक्टूबर, 2023) को हुई। इसमें 22,300 करोड़ की सब्सिडी किसानों के लिए जारी की गई। ठंड के मौसम में रबी फसल के लिए विभिन्न प्रकार के खाद पर किसानों को सब्सिडी मिलेगी, जिससे उन्हें बड़ी बचत होगी। इससे खाद के दाम भी स्थित रहेंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर में इस फैसले की जानकारी दी।

केंद्र सरकार एक न्यूट्रिएंट पर आधारित सब्सिडी व्यवस्था भी चलाती है। इसे NBS स्कीम कहा जाता है। ठण्ड के दिनों में किसान कई तरह के फसल उपजाते हैं। भारत की वार्षिक फ़ूड सप्लाई का आधा ठण्ड के दिनों में ही उपजाया जाता है। इनमें गेहूँ, मसूर की दाल, कई अन्य तरह के दाल, मोटे अनाज, सब्जियाँ, तेल बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियाँ जैसे कि सरसो इत्यादि शामिल हैं। NBS पॉलिसी के तहत वार्षिक आधार पर सरकार सब्सिडी देती है।

इन फसलों को पैदा करने के लिए नुट्रिएंट्स की ज़रूरत होती है। इन नुट्रिएंट्स पर प्रति किलो के हिसाब से सरकार सब्सिडी देती है। इनमें ऐसे फसल शामिल हैं, जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश और सल्फर शामिल हैं। कई गाँवों में प्राइवेट कंपनियों की दुकानें हैं, जो इंटरनेट से भी जुड़े हुए हैं। सरकार की सब्सिडी के हिसाब से ये प्राइवेट कंपनियाँ डिस्काउंट पर खाद उपलब्ध कराते हैं। इन कंपनियों को फिर सरकार रुपए देती है, मार्किट में दाम और डिस्काउंट के दाम के बीच जो घाटा होता है वो सरकार भरती है।

2023-24 के लिए मोदी सरकार ने फरवरी में जारी किए गए बजट में 1.75 लाख रुपए का प्रावधान खाद पर सब्सिडी के लिए किया है। लेकिन, अगर वैश्विक स्तर पर क्रॉप नुट्रिएंट्स के दाम बढ़ते हैं तो ये बजट बढ़ाया भी जा सकता है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दर घटने-बढ़ने की स्थिति में किसानों पर कोई भार नहीं आने दिया जाएगा। नए दर के हिसाब से नाइट्रोजन पर 47.02 रुपए, फॉस्फोरस पर 20.82 रुपए, पोटाश पर 2.38 रुपए और सल्फेट पर 1.89 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है।

जानकारी के लिए बता दें कि 2022-23 में भारत में कुल 3.254 लाख टन खाद खर्च हुए थे। वहीं इसके पहले वाले वर्ष में 2.937 करोड़ टन खाद खर्च हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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