Saturday, January 4, 2025
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‘जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा…’ : प्रधानमंत्री ने ‘ग्रामीण भारत महोत्सव’ का किया उद्घाटन, कहा- 2012 में 26% थी गाँव की गरीबी, अब 5% रह गई

उन्होंने कहा, "गाँव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गाँव-गाँव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है। दुनिया में DAP का दाम बढ़ रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर DAP का दाम स्थिर रखा है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (4 जनवरी 2025) को दिल्ली के भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया, जो 9 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 में सरकार बनते ही ग्रामीण भारत को समृद्ध बनाने के लिए कई कदम उठाए गए। इसके नतीजे भी आने शुरू हो गए। पीएम मोदी ने कहा कि जब इरादे नेक होते हैं तो नतीजे भी संतोष देने वाले होते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने गाँव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियाँ बनाई हैं। उन्होंने कहा, “2014 से ही मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूँ। गाँव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गाँव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गाँव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े।”

उन्होंने कहा, “गाँव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गाँव-गाँव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है। दुनिया में DAP का दाम बढ़ रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर DAP का दाम स्थिर रखा है।”

उन्होंने कहा, “कृषि के अलावा भी हमारे गाँव में अलग-अलग तरह के पारंपरिक कला और कौशल से जुड़े हुए कितने ही लोग काम करते हैं। रूरल इकोनॉमी और लोकल इकोनॉमी में इनका बड़ा योगदान रहा है, लेकिन पहले इनकी भी उपेक्षा हुई। अब हम उनके लिए पीएम विश्वकर्मा योजना चला रहा हैं। ये योजना देश के लाखों विश्वकर्मा साथियों को आगे बढ़ने का मौका दे रही है।”

पिछड़े और दलित समाज की समस्याओं को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “पहले की सरकारों ने SC-ST-OBC की आवश्यकताओं की ओर ध्यान नहीं दिया। गाँव से पलायन होता रहा, गरीबी बढ़ती रही, गाँव और शहर के बीच की खाई बढ़ती रही। जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है। जो इलाके दशकों से विकास से वंचित थे, अब उन्हें बराबरी का हक मिल रहा है।”

SBI की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “अभी कल ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट आई है, जिसके अनुसार 2012 में भारत में ग्रामीण गरीबी करीब 26 प्रतिशत थी। जबकि 2024 में भारत में ग्रामीण गरीबी घटकर 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है।” उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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