राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने रमजान के पाक महीने में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए हैं। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने निर्देश जारी कर कहा है कि रमजान के पूरे महीने में किसी भी मुस्लिम बहुल इलाके में बिजली कटौती नहीं होगी। बता दें कि जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को जोधपुर डिस्कॉम के नाम से भी जाना जाता है।
जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा जारी पत्र ट्विटर पर वायरल हो रहा है। इस पत्र पर 1 अप्रैल की तारीख है। ट्विटर यूजर @8PMnoCM ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा जारी पत्र की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की है।
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) April 5, 2022
जोधपुर बिजली विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि रमजान का महीना 4 अप्रैल से शुरू हो रहा है। रोजा रखने वाले लोगों को गर्मी के मौसम से कोई परेशानी न हो, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि जोधपुर, पाली, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के सभी मुस्लिम बहुल इलाकों में रमजान के पूरे महीने बिना किसी रुकावट के बिजली की आपूर्ति हो।
ऑपइंडिया ने पत्र की प्रामाणिकता के बारे में पता करने के लिए जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से संपर्क किया। जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक के PA केजी अग्रवाल ने पुष्टि की कि जोधपुर, जयपुर और अजमेर डिस्कॉम के MD ने अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाले सभी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने के लिए आदेश जारी किया है।
अग्रवाल ने आगे कहा कि यह आदेश कॉन्ग्रेस विधायक जाहिदा खान द्वारा सदन में पेश किए गए प्रस्ताव के जवाब में जारी किया गया है। राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार ने सभी तीन डिस्कॉम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य के किसी भी मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रमजान के पूरे महीने के दौरान बिजली की कटौती न हो।
Wow! After shamelessly protecting main accused in Karauli & not ensuring arrest of Congress corporator Matloob Ahmed now one more act of appeasement by Gehlot Govt
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) April 5, 2022
No power cuts in Muslim areas during Ramzan! Any such order for Hindus in Navratri??
Why such discrimination ?? pic.twitter.com/cIriqmQkcf
इसको लेकर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। पूनावाला (Shehzad Poonawala) ने सर्कुलर की तस्वीर ट्वीट करते हुए मामले पर कहा, “वाह! करौली में मुख्य आरोपी को बेशर्मी से बचाने और कॉन्ग्रेस पार्षद मतलूब अहमद की गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं करने के बाद अब गहलोत सरकार की ओर से तुष्टिकरण का एक और काम किया जा रहा। रमजान के दौरान मुस्लिम इलाकों में बिजली कटौती नहीं! नवरात्रि में हिंदुओं के लिए ऐसा कोई आदेश?? ऐसा भेदभाव क्यों???”
राजस्थान कॉन्ग्रेस नेता जाहिदा खान
जाहिदा खान राजस्थान विधानसभा की सदस्य और राजस्थान सरकार में राज्यमंत्री हैं। वह राजस्थान के कमान से दो बार विधायक के रूप में चुनी गईं- एक बार 2008 में और फिर 2018 में। वह राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव और राज्य मंत्री के पदों पर भी रह चुकी हैं। अक्टूबर 2011 मेंउन्हें अखिल भारतीय महिला कॉन्ग्रेस की महासचिव भी नामित किया गया था।
पिछले साल फरवरी में जाहिदा खान के खिलाफ जोधपुर में एक स्थानीय व्यक्ति को कथित तौर पर धमकाने और मारपीट करने का मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 31 जनवरी 2021 को जब वह हरियाणा सीमा के पास किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रहा थे तो विधायक के हथियारबंद गुंडों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने दावा किया कि स्थानीय लोगों और राहगीरों ने उन्हें बचाया। हालाँकि, जाहिदा खान ने आरोपों का खंडन करते हुए इसे ‘निराधार और राजनीति से प्रेरित’ बताया था।
जाहिदा खान वही कॉन्ग्रेस नेता हैं, जिनके खिलाफ राजस्थान के भरतपुर जिले के कमान क्षेत्र में विवादास्पद भाषण का एक वीडियो वायरल होने के बाद 2019 में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई थी। हालाँकि खान ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
वहीं जाहिदा खान के पति जलीश खान कुख्यात भरतपुर सामूहिक बलात्कार मामले में मुख्य आरोपित थे। इस मामले में एक दलित लड़की के साथ कुछ लोगों ने लगभग 15 दिनों तक बलात्कार किया था। दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट जाहिदा खान ने राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने पति पर लगे रेप के आरोपों से इनकार किया था। बलात्कार पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया था कि मामला वापस नहीं लेने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही थी। उसे कथित तौर पर मामले को ‘रफा-दफा’ करने के लिए 1 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी।