Monday, May 6, 2024
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‘मुगलों के अत्याचार से पीड़ित था समाज, संत रविदास ने लाई जागृति’: PM मोदी ने MP में भव्य मंदिर का किया शिलान्यास, 11 एकड़ में ₹100 करोड़ की लागत से बनेगा

पीएम मोदी ने ये भी बताया कि आज देश के 7 करोड़ भाई-बहनों को सिक्कल सेल एनिमिया से मुक्ति के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सागर में संत रविदास के मंदिर का भूमिपूजन किया। 11.21 एकड़ में बनने वाले इस मंदिर को 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने शनिवार (12 अगस्त, 2023) को सीएम शिवराज सिंह चौहान और कई अन्य साधु-संतों की मौजूदगी में भूमिपूजन किया। संत रविदास रचित 41 पद सिखों के गुरु ग्रन्थ साहिब में भी हैं। साथ ही हिन्दुओं, खासकर दलित समाज उनमें विशेष आस्था रखता है।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों से कहा कि सागर की धरती, संतों का सानिध्य, संत रविदास जी का आशीर्वाद और समाज के हर वर्ग से, हर कोने से, इतनी बड़ी संख्या में आशीर्वाद देने आए हुए आप सब महानुभाव और सागर में समरसता का महासागर उमड़ा हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की इसी साझी संस्कृति को और समृद्ध करने के लिए आज यहाँ संत रविदास स्मारक और कला संग्रहालय की नींव पड़ी है।

उन्होंने कहा कि संतों की कृपा से उन्हें इस पवित्र स्मारक के भूमिपूजन का पवित्र अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि वो काशी के सांसद हैं, इसलिए यह उनके लिए दोहरी खुशी का अवसर है। उन्होंने जानकारी दी कि इस शिलान्यास के एक-डेढ़ साल के बाद मंदिर बन जाएगा तो लोकार्पण के लिए भी वो ज़रूर आएँगे। उन्होंने सागर की धरती संत शिरोमणि पूज्य रविदास जी के चरणों में नमन और प्रणाम करने की बात कही। पीएम मोदी ने बताया कि संत रविदास स्मारक और संग्रहालय में भव्यता भी होगी और दिव्यता भी होगी।

उन्होंने कहा, “समरसता की भावना से ओत-प्रोत 20 हजार से ज्यादा गाँवों की 300 से ज्यादा नदियों की मिट्टी आज इस स्मारक का हिस्सा बनी है। रविदास जी ने उस कालखंड में जन्म लिया था जब देश पर मुगलों का शासन था। समाज, अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था। उस समय भी रविदास जी समाज को जगा रहे थे, उसे उसकी बुराइयों से लड़ना सीखा रहे थे। आज यहाँ कोटा-बिना सेक्शन पर रेल मार्ग के दोहरीकरण का भी लोकार्पण हुआ है। नेशनल हाईवे पर दो महत्वपूर्ण मार्गों का शिलान्यास भी किया गया है।”

उन्होंने बताया कि विकास के ये काम सागर और आसपास के लोगों को बेहतर सुविधाएँ देंगी। उन्होंने वहाँ की जनता को इसके लिए बधाई भी दी। पीएम मोदी ने कहा कि देश पर जब मुगलों का शासन था तो समाज अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था, उस समय भी रविदास जी समाज को जागृत कर रहे थे और वो उसकी बुराइयों से लड़ना सीखा रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हम देश को गरीबी और भूख से मुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की। 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया। जब कोरोना की महामारी आई तो पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई। गरीबों के लिए हर कोई आशंका जता रहा था कि समाज का यह तबका कैसे रह पाएगा। तब मैं यह तय कि चाहे जो हो जाए, मैं अपने गरीब भाई-बहनों को खाली पेट सोने नहीं दूँगा। पहले की सरकारों के समय जो योजनाएँ आती थी, वो चुनाव मौसम के हिसाब से आती थी, लेकिन हमारी सोच है कि जीवन के हर पड़ाव पर देश दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, महिलाएँ इन सबके साथ खड़ा हो।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश का दलित हो, वंचित हो, पिछड़ा और आदिवासी हो, हमारी सरकार इन्हें उचित सम्मान दे रही है, नए अवसर दे रही है। उन्होंने कहा कि न इस समाज के लोग कमजोर हैं, न इनका इतिहास कमजोर रहा है। बकौल पीएम मोदी, एक से एक महान विभूतियाँ समाज के इन वर्गों से निकलकर आई हैं। उन्होंने राष्ट्र के निर्माण में असाधारण भूमिका निभाई है, इसलिए आज देश इनकी विरासत को भी गर्व के साथ सहेज रहा है।

पीएम मोदी ने ये भी बताया कि आज देश के 7 करोड़ भाई-बहनों को सिक्कल सेल एनिमिया से मुक्ति के लिए अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही कहा कि देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए काम हो रहा है। कालाजार और दिमागी बुखार का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है। आज आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दशकों तक सरकारें चलाई वो गरीबों को पीने तक पानी की भी व्यवस्था नहीं की, यह काम भी उनकी सरकार जल जीवन मिशन के जरिए जोरों पर कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के कई राज्यों में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को अमर करने के लिए म्यूजियम बन रहे हैं। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को देश ने जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाने की परंपरा भी शुरू की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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