Tuesday, January 21, 2025
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घुसपैठियों के लिए बॉर्डर सील, WHO से अलग, थर्ड जेंडर खत्म: राष्ट्रपति बनते ही एक्टिव हुए डोनाल्ड ट्रंप, भारत के लिए ‘प्रीमियम’ सीट, कई देशों के प्रमुख बैठे पीछे

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष दूत के रूप में इस समारोह में शामिल हुए।

अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिल गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल रोटुंडा के भव्य कक्ष में आयोजित हुआ। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष दूत के रूप में इस समारोह में शामिल हुए। अपने शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप एक्शन मोड में आ गए और ताबड़तोड़ फैसले लिए, जिसमें मैक्सिको की सीमा पर इमरजेंसी लागू करना और डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को हटाना शामिल है।

शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री जयशंकर

भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से यह शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में महत्वपूर्ण है। शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर सबसे आगे की पंक्ति में बैठे नजर आए। ट्रंप जब मंच से संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने जयशंकर की ओर मुखातिब होकर संवाद किया। अमेरिका के लिए भारत की बढ़ती अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शपथ ग्रहण जैसे महत्वपूर्ण मौके पर भारत को बेहद तवज्जो दी गई। उनके साथ इक्वाडोर के राष्ट्रपति भी बैठे। कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों को पीछे बैठाया गया।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में अमेरिका को ‘स्वर्ण युग’ की शुरुआत का वादा किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब किसी भी देश के सामने झुकेगा नहीं। ट्रंप ने कई कठोर फैसलों की घोषणा की, जैसे WHO से अलग होना, थर्ड जेंडर को मान्यता न देना और पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होना। ये सभी फैसले उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को स्पष्ट करते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे फैसले लिए, जिससे अमेरिका और दुनिया पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है। उनके 10 बड़े फैसलों को सरल तरीके से समझते हैं:

WHO को अलविदा: ट्रंप ने अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर कर लिया। उन्होंने इसे अमेरिका के हितों के खिलाफ बताते हुए फंडिंग रोक दी।

पेरिस समझौते से बाहर: जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से हटने का ऐलान किया, जिसे उन्होंने ‘अमेरिका विरोधी’ बताया।

BRICS को चेतावनी: ब्रिक्स देशों (भारत, चीन, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका) को धमकी दी कि अगर वे अमेरिका विरोधी कदम उठाते हैं, तो परिणाम भुगतने होंगे।

टिकटॉक को मोहलत: चीन से जुड़े ऐप टिकटॉक को अमेरिकी कानूनों के पालन के लिए 75 दिन का समय दिया, हालाँकि ट्रंप की नजर टिकटॉक को अमेरिकी नियंत्रण में लाने की तरफ है।

थर्ड जेंडर को खत्म किया: ट्रंप ने अमेरिका में सिर्फ ‘पुरुष और महिला’ को मान्यता दी और थर्ड जेंडर को खारिज कर दिया।

मेक्सिको बॉर्डर सील: दक्षिणी सीमा पर इमरजेंसी लगाकर सेना तैनात की, ताकि अवैध प्रवासियों को रोका जा सके।

ग्रीनलैंड पर नजर: ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका के लिए जरूरी बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम बताया।

फ्री स्पीच की पैरवी: उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर नया आदेश जारी किया, ताकि सरकारी सेंसरशिप रोकी जा सके।

कैपिटल हिल हिंसा से जुड़े लोगों को माफी: डोनाल्ड ट्रंप कैपिटल हिल हिंसा में शामिल 1500 रिपब्लिकन समर्थकों को माफी दे दी है और उनकी जेल से रिहाई बी शुरू हो गई है।

कनाडा-मेक्सिको पर टैक्स: इन देशों से आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ा।

अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में अमेरिकी नागरिकों को बेहतर भविष्य का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका अपने हितों को सबसे ऊपर रखेगा और दूसरे देशों के दबाव में नहीं आएगा। यह भाषण न केवल अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह संदेश भी था कि ट्रंप प्रशासन नई विश्व व्यवस्था बनाने की ओर अग्रसर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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