Tuesday, November 12, 2024
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सजा पूरी होने पर भी भारतीयों को नहीं छोड़ रहा पाकिस्तान, जेल में ही हो रही हैं मौतें: पिछले 9 महीनों में 6 कैदियों ने दम तोड़ा, MEA चिंतित

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा था कि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी और उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त करने के मामलों को बार-बार पाकिस्तान सरकार के साथ उठाया जाता है। पाकिस्तान को बताया जाता है कि इस मुद्दे पर मानवीय और आजीविका के आधार पर विचार किया जा सकता है।

भारत के प्रति पाकिस्तान की दुर्भावना जगजाहिर है, लेकिन वहाँ की जेलों में बंद भारतीय कैदियों को सजा पूरी करने के बाद भी रिहा नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं, सजा पूरी कर चुके कैदियों की पाकिस्तान की जेलों में मौत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसको लेकर भारत ने चिंता जाहिर की है और पाकिस्तान के संपर्क में है।

सजा पूरी करने के बाद भी पाकिस्तान में जेलों में बंद ऐसे 6 भारतीय कैदियों की पिछले 9 महीनों में मौत हो चुकी है। हालाँकि, ये मौत किस प्रकार हुई, इसका विवरण मंत्रालय ने नहीं दिया है, लेकिन जिस तरह वहाँ की जेलों में भारतीय कैदियों को टॉर्चर किया जाता है, इससे लगता है कि वे सामान्य हालत में नहीं रहे होंगे।

शायद यही कारण है कि सजा पूरी करने के बाद भी इन कैदियों को पाकिस्तान रिहा नहीं करता है कि कहीं उसके द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों का उल्लंघन सामने ना आ जाए। हालाँकि, भारत इन कैदियों को वहाँ की जेलों से छुड़ाने का लगातार कोशिश करता रहता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि हाल के दिनों में पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीय मछुआरों की मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पाकिस्तान की जेलों में मारे गए 6 कैदियों में 5 मछुआरे हैं। बागची ने बताया कि कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली थी, फिर भी पाकिस्तान ने उन्हें रिहा नहीं किया।

अरिंदम बागची ने कहा, “भारतीय कैदियों की मौत की ये बढ़ती घटनाएँ चिंताजनक हैं और पाकिस्तानी जेलों में उनकी सुरक्षा और सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं। यह एक बड़ी और लगातार चलने की समस्या है। पाकिस्तान की कस्टडी में मरे 6 कैदियों में 5 मछुआरे हैं।”

मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम दोहराना चाहेंगे कि पाकिस्तान अपनी हिरासत में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है और हम अनुरोध करते हैं कि पाकिस्तान सरकार एक बार फिर सभी भारतीयों को तुरंत रिहा करे और उन्हें वापस सौंपे।”

बागची ने कहा कि पाकिस्तान ने इन भारतीय कैदियों को अवैध रूप से जेलों में बंद कर रखा। ये पहले ही अपनी सजा पूरी कर चुके थे। भारत ने इन मछुआरों को जेलों से रिहा कर भारत को सौंपने की कई बार माँग की थी, लेकिन पाकिस्तान इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देता।

इससे पहले अगस्त में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री (MoS) वी मुरलीधरन ने कहा था कि सरकार ने भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और पाकिस्तानी हिरासत से उनकी जल्द रिहाई के लिए सभी सहायता प्रदान की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा था कि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी और उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त करने के मामलों को बार-बार पाकिस्तान सरकार के साथ उठाया जाता है और यह बताया जाता है कि इस मुद्दे पर मानवीय और आजीविका के आधार पर विचार किया जा सकता है।

बता दें कि 20 जून 2022 को पाकिस्तान ने अटारी वाघा सीमा के माध्यम से 20 भारतीय मछुआरों को रिहा कर भारत भेजा था। ये मछुआरे अनजाने में पाकिस्तानी जलक्षेत्र में प्रवेश कर गए थे। इसके लिए उन्हें चार साल की सजा हुई और सजा काटने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था।

हालाँकि, पाकिस्तान भारत पर संभवत: दबाव बनाए रखने के लिए मछुआरों सहित सजा पूरी कर लिए सभी भारतीय कैदियों को रिहा नहीं करता है। ऐसे भी कई मामले आए हैं, जिनमें भारतीय सीमा में होने के बावजूद इन मछुआरों का अपहरण करने का आरोप पाकिस्तानी सैनिकों पर लगा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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