म्यांमार में शुक्रवार (28 मार्च 2025) को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भयानक तबाही मचाई है। मृतकों की संख्या 1000 को पार कर चुकी है। रॉयटर्स के मुताबिक, सैन्य सरकार ने बताया कि 1,002 लोग मर चुके हैं, 2400 से ज्यादा घायल हैं।
इस बीच, शनिवार (29 मार्च 2025) दोपहर 3:30 बजे फिर 5.1 तीव्रता का झटका आया, जिससे लोग दहशत में घरों से भागे। दो दिन में तीन बड़े झटके सहम गए हैं। वहीं, भारी तबाही के चलते म्यांमार के 6 राज्यों और पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई है।
म्यांमार में मची तबाही के बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी बात कर मदद की बात कही है। पीएम मोदी ने कहा कि करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।
Spoke with Senior General H.E. Min Aung Hlaing of Myanmar. Conveyed our deep condolences at the loss of lives in the devastating earthquake. As a close friend and neighbour, India stands in solidarity with the people of Myanmar in this difficult hour. Disaster relief material,…
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2025
म्यांमार की मदद के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू कर दिया है। इसके तहत पहली खेप में 15 टन राहत सामग्री शामिल है, जिसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएँ शामिल हैं। भारत अपनी तरफ से मदद बढ़ा रहा है। भारत ने राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए NDRF के 80 बचाव कर्मियों का एक दल भी भेजा है।
Operation Brahma: 🇮🇳 hands over the relief material to Myanmar 🇲🇲
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 29, 2025
The first consignment of relief material was formally handed over to Chief Minister of Yangon U Soe Thein by Ambassador Abhay Thakur in Yangon today. pic.twitter.com/bpm8e7Olgf
अमेरिकी एजेंसी यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे USGS का कहना है कि मृतकों की संख्या 10,000 तक जा सकती है। यूएसजीएस ने कहा कि शोधकर्ताओं ने बताया कि म्यांमार दो भूगर्भीय प्लेटों के बीच में स्थित है, इस कारण वहाँ भूकंप की स्थिति ज्यादा खराब होती है। इस भूकंप के विनाशकारी होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि इसका केंद्र धरती में बहुत गहराई में नहीं था। आम तौर पर भूकंप के केंद्र जमीन में 25 किमी तक नीचे होते हैं, लेकिन इस भूकंप का केंद्र महज 10 किमी ही नीचे था।
थाईलैंड के बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत ढह गई, 10 लोगों की जान चली गई। वहाँ 2,000 से ज्यादा इमारतों को नुकसान हुआ। थाईलैंड में एक मस्जिद गिरने से 20 लोगों की भी मौत की खबर आई है। वहीं, कई बौद्ध पगोडा भी तबाह हो चुके हैं।
जियोलॉजिस्ट जेस फीनिक्स ने CNN से कहा म्यांमार से थाईलैंक तक आए इस भूकंप ने 334 परमाणु विस्फोट जितनी ऊर्जा पैदा की, ऐसे झटके महीनों तक आ सकते हैं। इस भूकंप की वजह से पैदा हुई उर्जा ने सबकुछ तबाह कर दिया है और पलक झपकते ही बड़ी से बड़ी बिल्डिंगें जमींदोज हो गई। बिल्डिंगों के गिरने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसका असर दूसरे दिन 5.1 तीव्रता के भूकंप के झटके से दिख भी चुका है।
थाईलैंड के जियोलॉजिस्ट्स के मुताबिक यह देश में 200 साल में आया सबसे बड़ा भूकंप है। भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि केंद्र से सैंकड़ों किमी दूर बैंकॉक के कई इमारतें नष्ट हो गईं।
बता दें कि 1930 से 1956 तक 6 बड़े भूकंप आए थे। इस बार भी मांडले में इरावदी नदी का पुराना अवा ब्रिज ढह गया। लोग डरे हुए हैं, घरों में जाने की हिम्मत नहीं। म्यांमार की खराब मेडिकल सुविधाएँ मुसीबत बढ़ा रही हैं। हर तरफ अफरा-तफरी है, लोग अपनों को ढूँढ रहे हैं।