कॉन्ग्रेस नेता और अयोग्य करार दिए गए सांसद राहुल गाँधी इन दिनों अमेरिका (USA) की यात्रा पर हैं। उनका दौरा एक हफ्ते का है। इस दौरान अमेरिका के अलग-अलग इलाकों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम और राहुल गाँधी के साथ मुलाकात जैसे सत्र के आयोजन की जिम्मेदारी द इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस (The Indian Overseas Congress) संभाल रही है।
4 जून को राहुल गाँधी न्यूयॉर्क के जेविट्स सेंटर (Javits Centre) में आयोजित कार्यक्रम को खिताब करने वाले हैं। अमेरिका स्थित IOC कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियाँ कर रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक पंजीकरण फॉर्म (Registration form) वायरल हो रहा है। इस फॉर्म में न्यूयॉर्क और आस पास के इलाकों में रहने वाले मुस्लिमों से कार्यक्रम का हिस्सा बनने की अपील की जा रही है।
बता दें राहुल गाँधी के अमेरिका यात्रा के दौरान कार्यक्रमों का हिस्सा बनने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस के आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल फॉर्म इससे अलग है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे फॉर्म जो अब रजिस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध नहीं है, उनपर संपर्क किए जाने वाले व्यक्तियों के नामों की सूची देखने के बाद लोग चिंता जता रहे हैं। दरअसल, इसमें कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जिनपर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर ‘संपर्क करें’ की सूची में मस्जिद अल-वली/MCNJ नॉर्थ एडिसन वुडब्रिज TWP न्यू जर्सी (NJ) के तज़ीम अंसारी और नियाज़ खान, मस्जिद MCMC साउथ एडिसन/पिस्कटवे/ईस्ट ब्रंसविक NJ के जावेद सैयद, हबीब सिद्दीकी और मीर कादरी हैं। ISCJ/MCGP साउथ ब्रंसविक/केंडल पार्क/प्रिंसटन NJ के मोहम्मद असलम और मिन्हाज खान, मस्जिद सदर सायरेविले/ओल्ड ब्रिज NJ के नज़ीर सैयद और अकिल मोहम्मद और दारुल इस्लाह टीनेक, NJ के शाहीन खतीब और हाशिर काज़ी के नाम शामिल हैं।
Prominent Indian politician Shri Rahul Gandhi, during his proposed #RahulInUSA tour,would attend several public events. He may not know, but some ‘coordinators’ who are claiming to be associated with events are Pak Jamaat-e-Islami & Muslim Brotherhood-linked fronts
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) May 30, 2023
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मिली जानकारी के अनुसार इस विवादास्पद फॉर्म से अब रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया है।
ट्विटर यूजर और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) अकाउंट Disinfo Lab ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर थ्रेड के जरिए इस संबंध में जानकारी दी है। इसके अनुसार, MCNJ का नेतृत्व इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (ICNA) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर इमाम जवाद अहमद कर रहे हैं जो पाकिस्तानी मूल के हैं।
गौरतलब है कि आईसीएनए एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है जिसके संबंध पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी से हैं। जवाद अहमद कश्मीर को भारत से अलग करने का ख्वाब देखने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकियों का गुणगान किया है। सलाहुद्दीन की नजदीकी मेहराजुद्दीन से भी थी जो कंधार प्लेन हाईजैक (1999) मामले के आरोपितों में से एक है।
Another coordinator of the eventis Mohammed Aslam a member of Muslim Center of Greater Princeton (MCGP), another close partner of ICNA. Banned radical group #SIMI founder is also ICNA member. Fronts like #JusticeForAll; #HhRD operate under ICNA/ Jamaat umbrella.
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) May 30, 2023
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Disinfo Lab द्वारा उजागर दूसरा नाम है मोहम्मद असलम। असलम ICNA के करीबी सहयोगी मुस्लिम सेंटर ऑफ ग्रेटर प्रिंसटन (MCGP) का सदस्य है। Disinfo Lab के अनुसार जस्टिस फॉर ऑल जैसे मोर्चे आईसीएनए के तहत काम करते हैं। हाल ही में ऑपइंडिया ने भी ICNA द्वारा अमेरिका की जेलों में इस्लाम के प्रचार और कैदियों के धर्मांतरण पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। आईसीएनए भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रहता है। सोशल मीडिया पर भी यह संगठन हिंदू और भारत विरोधी पोस्ट शेयर करता रहता है।
Another coordinator of the eventis Mohammed Aslam a member of Muslim Center of Greater Princeton (MCGP), another close partner of ICNA. Banned radical group #SIMI founder is also ICNA member. Fronts like #JusticeForAll; #HhRD operate under ICNA/ Jamaat umbrella.
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(4/10) pic.twitter.com/QAFrav9gz6
इस फॉर्म में तीसरा आपत्तिजनक नाम है मिन्हाज खान का जो भारत विरोधी लॉबी के इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) से जुड़ा हुआ है। ऑपइंडिया ने अपने रिपोर्टों में IAMC और उसकी भारत विरोधी गतिविधियों को विस्तार से कवर किया है।
Another self-appointed coordinator for event, Minhaj Khan is linked to anti-India lobbying group Indian American Muslim Council(IAMC). IAMC relentlessly targets India on pretext of human rights, religious freedom, & via sharing fake news to stir communal unrest in India.
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(5/10) pic.twitter.com/nbuA43jqSG
Disinfo Lab ने बताया कि IAMC के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद जमात से जुड़े एक अन्य संगठन इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (IMANA) के कार्यकारी निदेशक भी हैं। कोरोना महामारी के समय IMANA ने भारत की मदद करने के नाम पर धन उगाहने का अभियान चलाया था और कथित तौर पर पैसों की हेराफेरी की थी। ऑपइंडिया ने वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के दौरान संस्था की संदिग्ध गतिविधियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
Fun Fact: IMANA at one end is associated with retired Pakistani Army/ Naval officials; & at another end associated with Terrorists groups – LeT & Hizbul Mujahideen. Full spectrum of Pakistani establishment. One can only imagine where the Covid relief fund has gone.
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(8/10) pic.twitter.com/EillOfCCqS
IMANA के पाकिस्तानी सेना और नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों से संबंध हैं। इसके अलावा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा सहित कई आतंकवादी संगठनों से भी इसके संबंध होने की बात कही जाती है।
Disinfo Lab के अनुसार 2017 में IMANA के सदस्य मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े संगठन ‘इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ (ISNA) के सदस्य रहे हैं। 2017 में ही कनाडा रेवेन्यू एजेंसी ने ISNA कनाडा द्वारा आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के वित्त पोषण का खुलासा किया था।
Orgs. like IAMC and ICNA sit at confluence of Jamaat & Muslim Brotherhood (MB). IMANA’s members have been part of MB front Islamic Society of North America (ISNA). In 2017 ISNA Canada was implicated by Canada Revenue Agency for funding ‘charity’ wing of Hizbul Mujahideen
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(9/10) pic.twitter.com/EvQwd1864e
IAMC और राहुल गाँधी
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब IAMC का नाम राहुल गाँधी से जोड़ा जा रहा है। मार्च 2023 में मोदी सरनेम मामले में जब राहुल गाँधी को सजा मिली थी। उसके बाद उन्हें लोकसभा द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था। तब भी IAMC उनके समर्थन में आ गया था। राहुल गाँधी पर लोकसभा के फैसले को भारत के ‘फासीवादी’ राष्ट्र होने का प्रमाण बताया गया था।
IAMC की तरफ से बयान जारी कर राहुल गाँधी को अयोग्य ठहराए जाने की निंदा की गई थी। IAMC द्वारा कहा गया कि राहुल गाँधी को परेशान करने और डराने के खिलाफ मानहानि का मामला बनाया गया था। संगठन ने उनकी अयोग्यता को अन्याय और सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सत्ताधारी पार्टी की हताशा का प्रकटीकरण करार दिया था। इसे विपक्ष और असहमति की आवाज को दबाने का प्रयास बताया गया था।
IAMC और इसका संदिग्ध इतिहास
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) का कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद है। यह एक कट्टरपंथी इस्लामी ग्रुप है। जिसका संबंध स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से है। यह संगठन लंबे समय से भारत के खिलाफ लॉबिंग करता आया है।
IAMC एक जमात-ए-इस्लामी समर्थित संगठन है जो अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने का दावा करता है। दावा यह भी किया जाता है कि काउंसिल अमेरिका के अलग-अलग ग्रुपों के साथ मिलकर USCIRF (यूनाइटेड स्टेट्स कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम) से भारत को ब्लैकलिस्ट करने की वकालत कर चुका है। यहाँ तक की संगठन द्वारा पैसे भी जुटाए गए थे ताकि भारत को ब्लैकलिस्ट किया जा सके।
Disinfo Lab की एक विस्तृत रिपोर्ट में आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी के साथ इसके संबंधों का खुलासा किया गया है। जमात-ए-इस्लामी (पाकिस्तान) के अमेरिकी फ्रंट ‘इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ (ICNA) का नेतृत्व IAMC के संस्थापक शेख उबैद और सदस्य अब्दुल मलिक मुजाहिद ने किया। DisInfo Lab के अनुसार ICNA के संबंध लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों से हैं। IAMC प्रमुख रशीद अहमद पहले इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (IMANA) के पूर्व कार्यकारी निदेशक रह चुके हैं। वहीं IMANA के संचालन निदेशक (Director of Operations) जाहिद महमूद हैं जो पाकिस्तानी नौसेना के एक पूर्व अधिकारी रहे हैं।