Sunday, March 2, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयस्विट्जरलैंड में बुर्का पहनने पर ₹82000 का जुर्माना! संसद में मंजूरी के लिए भेजा...

स्विट्जरलैंड में बुर्का पहनने पर ₹82000 का जुर्माना! संसद में मंजूरी के लिए भेजा गया प्रस्ताव, चेहरे ढँकने के खिलाफ वोट कर चुका है देश

गौरतलब है कि साल 2011 में पूरे चेहरे को सार्वजनिक रूप से ढँकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। स्विट्जलैंड के अलावा डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, फ्रांस और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक रूप से चेहरा ढँकने पर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध है।

एक तरफ भारत में शिक्षण संस्थाओं में हिजाब-बुर्का को पहनने या न पहनने को लेकर बहस जारी है, वहीं स्विट्जरलैंड में कट्टरवाद को रोकने के लिए बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब स्विस सरकार ने बुर्का बैन का उल्लंघन करने पर 1,000 अमेरिकी डॉलर (82,000 रुपए) जुर्माना लगाने के एक प्रस्ताव का मसौदा संसद में मंजूरी के लिए भेजा है।

पिछले साल सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढँकने को लेकर देश में जनमत संग्रह कराया गया था। इसमें लोगों ने चेहरे ढँकने के खिलाफ वोट किया था। इस प्रस्ताव को उसी समूह द्वारा भेजा गया है, जिसने साल 2009 में देश में नई मीनारों के बनाने पर प्रतिबंध लगाया था। हालाँकि, इस प्रस्ताव में कहीं भी इस्लाम का जिक्र नहीं किया गया है।

हालाँकि, स्विस कैबिनेट द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को ढँकने को लेकर कई तरह की छूट देने को भी शामिल किया गया है। प्रस्ताव में पूजा स्थलों, राजयनिक परिसरों और विमानों में चेहरे को ढँकने से छूट देने की बात कही गई है।

इसके अलावा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, जलवायु परिस्थितियों और स्थानीय रीति-रिवाजों से जुड़े मामलों को भी वैध रखा गया है। इसके साथ ही कलात्मक प्रदर्शन और विज्ञापनों के लिए चेहरे को ढँकने में छूट दी गई है।

इसका उद्देश्य हिंसक प्रदर्शनकारियों को मास्क पहनने से रोकना है। कैबिनेट ने अपने एक बयान में कहा, “चेहरे को ढँकने पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। सजा देना प्राथमिकता नहीं है।”

वहीं, स्थानीय नेताओं, मीडिया और प्रचारकों ने इसे ‘बुर्का पर प्रतिबंध’ कहा है। संसद से मंजूरी के बाद इसे अपराध संहिता में शामिल कर लिया जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों पर 10,000 स्विक फ्रैंक (लगभग 82,000 रुपए) का जुर्माना लगाया जाएगा।

वहीं, बुर्के पर प्रतिबंध के समर्थकों का कहना है कि चेहरे को ढँकना कट्टरपंथ और राजनीतिक इस्लाम का प्रतीक है। बता दें कि स्विट्जरलैंड में मुस्लिमों की आबादी लगभग 5 प्रतिशत है और अधिकांश तुर्की, बोस्निया और कोसोवो मूल के हैं।

गौरतलब है कि साल 2011 में पूरे चेहरे को सार्वजनिक रूप से ढँकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। स्विट्जलैंड के अलावा डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, फ्रांस और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक रूप से चेहरा ढँकने पर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मोदी सरकार ही करवाएगी POJK की भारत में वापसी’ : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का दो टूक बयान, संकल्प दिवस पर लोगों को याद...

साल 1994 में संसद ने संकल्प पास किया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान को कब्जा छोड़ना होगा।

मणिपुर में आवाजाही के लिए खोलो सारे रास्ते, अवरोध पैदा करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश, डेडलाइन...

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक में 8 मार्च से हर ओर मुक्त आवाजाही सुनिश्चित का निर्देश दिया है।
- विज्ञापन -