Friday, December 6, 2024
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जामिया में दफनाया जाएगा दानिश सिद्दीकी का शव: एक नहीं, कई गोलियों से हुई मौत, दूतावास ने जारी किया डेथ सर्टिफिकेट

दानिश सिद्दीकी के अब्बा मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी 'जामिया फैकल्टी ऑफ एजुकेशन' में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थे। वो जामिया नगर में ही रहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत एक नहीं, बल्कि कई गोलियों के लगने से हुई थी। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि की है। दानिश सिद्दीकी के शव को नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दफनाया जाएगा। ‘पुलित्जर प्राइज’ विजेता फोटोजर्नलिस्ट की तालिबान ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद ‘गिरोह विशेष’ के पत्रकारों ने दक्षिणपंथियों को भला-बुरा कहा था।

काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार (18 जुलाई, 2021) दानिश सिद्दीकी का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करते समय जानकारी दी कि उन्हें कई गोलियाँ लगी थीं। दानिश सिद्दीकी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से ही मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की थी। काबुल की एयर इंडिया फ्लाइट से रविवार की शाम को उनका शव भारत पहुँचेगा। जामिया ने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए दफ़नाने की अनुमति दी है।

बता दें कि जामिया के कब्रिस्तान में अब तक इसके कर्मचारियों, उनके पार्टनर या फिर नाबालिग बच्चों के शवों को ही दफनाया जाता रहा है। इस कब्रिस्तान में जगह इन लोगों के शवों के लिए ही रिजर्व रहता है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने मृतक के परिवार के आग्रह के बाद अपवाद के रूप में ये घोषणा की। यूनिवर्सिटी के PRO अहमद अज़ीम ने कहा कि कुलपति ने परिवार के आग्रह को स्वीकार कर लिया है।

दानिश सिद्दीकी के अब्बा मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी ‘जामिया फैकल्टी ऑफ एजुकेशन’ में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थे। वो जामिया नगर में ही रहते हैं। दानिश सिद्दीकी ने जामिया से अर्थशास्त्र में स्नातक और मासकॉम से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली थी। कुलपति नजमा अख्तर ने मृतक के घर जाकर परिवार को सांत्वना भी दी। मंगलवार को जामिया में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी और दानिश सिद्दीकी की तस्वीरों का एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

काबुल में भारतीय दूतावास ने जारी किया दानिश सिद्दीकी का मृत्यु प्रमाण-पत्र

उनकी मौत के बाद एक सोशल मीडिया यूजर ने बताया था कि दानिश का वो प्रसिद्ध ट्वीट, जिसमें उन्होंने हिंदू मृतकों के अंतिम संस्कार की तस्वीरों को साझा किया था, अब वो ‘उपलब्ध नहीं’ है। जब भी कोई दानिश सिद्दीकी के उस ट्वीट में दी गई रिप्लाई को पढ़ने के लिए उस पर क्लिक करता है तो ट्विटर कहता है कि यह ट्वीट उपलब्ध नहीं है। भारत में कोविड -19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान सिद्दीकी विवाद के केंद्र में थे, जब मीडिया में अंतिम संस्कार की चिता की संवेदनहीन तस्वीरें छपी थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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