Saturday, April 20, 2024
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द वायर ने सुशांत के न्याय के मुहीम को झुठलाने के लिए सैय्यदा अकबर सहित 5 की ‘मनगढ़ंत’ रिपोर्ट को बताया मिशिगन यूनिवर्सिटी का ‘अध्य्यन’

द वायर ने 'मनगढ़ंत' अध्य्यन का हवाला देकर बताया कि अभिनेता की मौत पर जिन लोगों ने भी मुंबई पुलिस से सुशांत सिंह राजपूत के मामले में निष्पक्ष जाँच की माँग की, वह सब ट्रोल हमले थे। इस पूरे आर्टिकल में कहीं भी यह नहीं बताया गया कि यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन का यह आधिकारिक अध्य्यन नहीं है।

प्रोपगेंडा पोर्टल द वायर को हाल ही में एक बार फिर सोशल मीडिया पर फजीहत का सामना करना पड़ा। दरअसल, द वायर ने अपनी एक रिपोर्ट में 5 लोगों के ‘मनगढ़ंत अध्य्यन’ को यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन का अध्य्यन बताकर पेश किया। वायर ने अपना यह कारनामा सिर्फ़ इस आधार पर किया क्योंकि 5 लोगों में एक व्यक्ति मिशिगन विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ है।

वायर के इस आर्टिकल का शीर्षक ही यह है- “सुशांत सिंह राजपूत: कॉन्सपिरेसी थ्योरी को बढ़ावा देने में भाजपा का हाथ”, इस लेख में द वायर दावा करता है कि मिशिगन यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी की है जिसमें बताया गया कि सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हालातों में हुई मौत पर कॉन्सपिरेसी थ्योरी को भाजपा सदस्यों ने बढ़ावा दिया था।

‘अध्ययन’ में बताया गया कि शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया के ट्रेंड्स का पिछले तीन महीने में विश्लेषण किया है ताकि यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि बीजेपी समर्थक सोशल मीडिया पर अफवाहों को कैसे बढ़ाते हैं।

द वायर ने ‘मनगढ़ंत’ ‘अध्य्यन’ का हवाला देकर बताया कि अभिनेता की मौत पर जिन लोगों ने भी मुंबई पुलिस से सुशांत सिंह राजपूत के मामले में निष्पक्ष जाँच की माँग की, वह सब ट्रोल हमले थे। इस पूरे आर्टिकल में कहीं भी यह नहीं बताया गया कि यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन का यह आधिकारिक अध्य्यन नहीं है।

दिलचस्प बात यह है कि जिस ‘मनगढ़ंत’ अध्य्यन का हवाला देकर द वायर ने अपना पूरा आर्टिकल लिखा, उसे करने वाले 5 लोगों के नाम सैय्यदा जैनब अकबर, अंकुर शर्मा, हिमानी नेगी, अनमोल पांडा और जोयोजीता पाल है और इनमें से सैयदा ज़ैनब अकबर, अंकुर शर्मा, हिमांशी नेगी और अमोल पांडा सभी माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च, बेंगलुरु के शोधकर्ता हैं। वहीं जोयोजीता पाल के कई आर्टिकल पहले भी द वायर पर पब्लिश हो चुके हैं।

गौरतलब है ऑपइंडिया ने इस अध्य्यन से जुड़े सवालों की बाबत यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन को संपर्क किया था। मगर, अभी उनकी तरफ से इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है। जैसे ही हमें कोई प्रतिक्रिया मिलती है, हम यह रिपोर्ट अपडेट करेंगे।

बता दें कि सोशल मीडिया पर द वायर की यह रिपोर्ट मीडिया गिरोह लोगों द्वारा शेयर की जा रही है। हालाँकि, खुलासा होने के बाद कई ट्विटर यूजर अब हकीकत थ्रेड में डाल कर सवाल कर रहे हैं कि ‘अपने द वायर’ से ठगे जाने के बाद उन्हें कैसा लग रहा है?

दरअसल, इस रिपोर्ट को सागरिका घोष ने शेयर करते हुए लिखा था, “मिशिगन यूनिवर्सिटी का अध्य्यन खुलासा करता है कि कॉन्सपिरेसी थ्योरी को फैलाने और बढ़ाने में भाजपा का हाथ है।” इस पर शैश नाम का सक्रिय ट्विटर यूजर लिखता है- “मिशिगन यूनिवर्सिटी का अध्य्यन? छोटी गंगा बोलेके नाले में कुदा दिया तुमको।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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