Thursday, March 28, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाWhatsApp डीपी में आदियोगी शिव, हिंदू नाम, फर्जी आधार कार्ड: 2 महीने पहले गिरफ्तार...

WhatsApp डीपी में आदियोगी शिव, हिंदू नाम, फर्जी आधार कार्ड: 2 महीने पहले गिरफ्तार किया गया था मंगलुरु का आतंकी मोहम्मद शरीक, मिल गई थी जमानत

मंगलुरु धमाके से करीब दो महीने पहले शिवमोगा पुलिस ने जो जानकारी जुटाई थी उससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि शरीक ने विस्फोटक बनाने में कुछ इंजीनियरिंग छात्रों की मदद लेने की भी कोशिश की थी। बताया ये भी जा रहा है कि उसके मोबाइल में ISIS से जुड़े लेख मिले हैं।

कर्नाटक के मंगलुरु में शनिवार (19 नवंबर 2022) को बम धमाका हुआ था। इस मामले में गिरफ्तार मोहम्मद शरीक को लेकर जिस तरह की जानकारी सामने आ रही है, उससे जाहिर है कि अपनी पहचान छिपाने की उसने पूरी तैयारी कर रखी थी। उसने अपने व्हाट्सएप डीपी में आदियोगी शिव की प्रतिमा लगा रखी थी।

इससे पहले यह बात सामने आई थी कि वह मोबाइल रिपेयरिंग की ट्रेनिंग ‘प्रेम राज’ के नाम से ले रहा था। धमाके के बाद भी वह खुद को हिंदू बता रहा था। उसने फर्जी आधार कार्ड में रख रखे थे। पुलिस यह जानने में जुटी है कि व्हाट्सएप डीपी में उसने आदियोगी की फोटो जाँच को गुमराह करने के लिए लगाई थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है। अब तक हुई जाँच से पता चला है कि कोयंबटूर में जिस जगह आदियोगी की प्रतिमा लगी है, उस जगह शरीक कभी नहीं गया है। मंगलुरु में वह जिस डोरमेट्री में रुका था, वहाँ उसने नकली पहचान पत्र के साथ फर्जी मोबाइल नंबर नोट करवाया था। यहाँ CCTV कैमरे भी नहीं लगे हुए थे।

मंगलुरु धमाके से करीब दो महीने पहले शिवमोगा पुलिस ने जो जानकारी जुटाई थी उससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि शरीक ने विस्फोटक बनाने में कुछ इंजीनियरिंग छात्रों की मदद लेने की भी कोशिश की थी। बताया ये भी जा रहा है कि उसके मोबाइल में ISIS से जुड़े लेख मिले हैं। साथ में IED बनाने की विधि का पर्चा भी मिला है। एक अन्य जानकारी के मुताबिक आरोपित जाँच एजेंसियों के रडार पर इसी साल 15 अगस्त को शिवमोगा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद से था। इसके अलावा वह 2 साल पहले ‘लश्कर जिंदाबाद’ लिखने के आरोप में भी गिरफ्तार हुआ था। बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

जमानत के बाद शरीक कोयंबटूर चला गया था। यहाँ 3 दिनों तक रहने के बाद वह एर्नाकुलम चला गया था। एर्नाकुलम से तमिलनाडु के रास्ते शारिक फिर कर्नाटक में मंगलुरु में आया था। यह बात भी सामने आई है कि मोहम्मद शरीक बिटकॉइन ट्रेडिंग करता था और अपने साथियों को क्रिप्टो करेंसी भेजता था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe