पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसके बारे में हर दिन नई-नई बातें सामने आ रही हैं। ये ऑपरेशन कितना कामयाब रहा और इसे कैसे अंजाम दिया गया, इसकी जानकारी हाल ही में स्ट्रैट न्यूज ग्लोबल पर नेशनल सिक्योरिटी एनालिस्ट नितिन ए गोखले की एक रिपोर्ट से मिली। इस रिपोर्ट में 10 मई को 10 घंटे तक चले भारत के हवाई हमलों का पूरा ब्योरा है।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेनाओं द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 हिंदुओं की जान चली गई थी। पहलगाम आतंकी हमले को पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन लश्कर ए तैय्यबा के मुखौटा संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ ने अंजाम दिया था। उसने इस हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। इस हमले के बाद भारत ने युद्ध जैसी तैयारियाँ की और फिर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी कैंपों पर सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया।
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में हमला किया और कई आतंकी लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से अधिक आतंकी भी मारे गए। ये हमला आतंकी ठिकानों पर थी, न कि आम जनता या पाकिस्तानी फौजी ठिकानों पर। हालाँकि पाकिस्तान ने आतंकी ठिकानों पर हमलों को खुद पर हमले की तरह लिया और भारत पर जवाबी हमले की तैयारी की। पाकिस्तान ने पूरी ताकत से भारत पर मिसाइल और ड्रोन्स से हमला बोला, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन हमलों को बुरी तरह से नाकाम कर दिया।
पाकिस्तानी हमलों के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का दूसरा हिस्सा शुरू किया। 10 मई को रात 2.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक भारत ने जवाबी हमले किए और पाकिस्तानी एयर डिफेंस नेटवर्क की कमर तोड़ दी। इस बार भारत ने पाकिस्तान के अहम फौजी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और सीजफायर की रहम माँगने लगा।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता सिर्फ भारत के हमलों की ताकत और पैमाने की बात नहीं है, बल्कि एक बेहद कड़े संदेश की तरह भी रहा, जो सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि उसके समर्थकों तक भी गया। मैसेज साफ था- भारत अब आतंकी हमलों को चुपचाप सहन नहीं करेगा। इस ऑपरेशन की सफलता से साफ है कि भारत ने अपनी रक्षा, जवाब देने की नीति और दुश्मनों को तबाह करने की रणनीति को बदला है, जो उसके दुश्मनों की साँसे रोक देने वाला है।
अमेरिका की चेतावनी और भारत का जवाब
ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण के बाद 9 मई की रात को एक बड़ा घटनाक्रम शुरू हुआ। रात करीब 10:30 बजे अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान कुछ ही घंटों में बड़ा हमला करने वाला है।
पीएम मोदी का जवाब साफ और सख्त था। भारत न सिर्फ हमला झेलने को तैयार है, बल्कि उसका जवाब और तेजी से देगा। यह बात पहले ही पहलगाम हमले के बाद सार्वजनिक तौर पर कही जा चुकी थी, लेकिन वेंस का फोन अंतिम इशारा था।
इसके बाद भारत के युद्ध परिषद (War Council) की बैठक हुई। बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी शामिल हुए। बैठक में हमले की रणनीति पर बात हुई। पीएम मोदी ने साफ निर्देश दिए कि अब सिर्फ योजना नहीं बनानी, बल्कि पाकिस्तान के हमलों का करारा जवाब देना है और उसकी ताकत को पूरी तरह खत्म करना है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये नतीजे मिले भी।
पाकिस्तान का हमला, भारत का करारा जवाब
10 मई की रात 1:30 बजे पाकिस्तान ने अपनी चाल चली। उसने भारत के उत्तरी और पश्चिमी हवाई अड्डों पर बड़ा हमला किया। लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम, खासकर आदमपुर जैसे ठिकानों पर तैनात S-400 ने ज्यादातर हमलों को नाकाम कर दिया। उन्होंने न सिर्फ पाकिस्तान से आने वाली मिसाइलों-ड्रोन्स को ट्रैक किया, बल्कि उन्हें नष्ट भी कर दिया। भारत इस हमले के लिए पहले से ही तैयार था और उसकी यह तैयारी पूरी तरह से रंग लाई।
…और फिर भारत का जवाबी हमला शुरू
पाकिस्तान के हमलों के बाद भारत ने जवाबी हमला बोला। सुबह 2:30 बजे भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस, स्कैल्प और क्रिस्टल मेज मिसाइलों के साथ-साथ स्वदेशी हारोप और नगास्त्र जैसे हथियारों से हमला किया। ये हमले इतने सटीक और ताकतवर थे कि पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली शुरू से ही घुटनों पर आ गई। चूँकि पाकिस्तान को इस ताकतवर हमले का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था, ऐसे में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों में अफरा-तफरी मच गई।
पहले ही हमले में रावलपिंडी के पास नूर खान हवाई अड्डा भारतीय हमलों का निशाना बना, जो पाकिस्तान की फौज के हेडक्वॉर्टर के करीब है। भारत ने पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में हमला किया, जिसे रोकने के लिए पाकिस्तान के पास कोई सिस्टम नहीं था, क्योंकि उसका एयर डिफेंस सिस्टम शुरू में ही बर्बाद हो चुका था। भारत के हमले में पाकिस्तान के दो मोबाइल कमांड सेंटर तबाह कर दिए गए, एक C-130 विमान जमीन पर ही नष्ट हो गया। दक्षिण में रहीमयार खान हवाई अड्डे का रनवे और बाकी हिस्से पूरी तरह बर्बाद कर दिए गए।
इसके साथ ही नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात भारतीय सेना ने M-777 हॉवित्जर तोपों और एक्सकैलिबर गोला-बारूद से पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया, जिससे इस्लामाबाद पर और दबाव बढ़ गया।
भारत के हमले हुए और तेज, तो बढ़ गई पाकिस्तान में घबराहट
भारत यहीं नहीं रुका। दूसरी लहर के हमलों ने पाकिस्तान को और डराया। सरगोधा और मुरीदके जैसे F-16 स्क्वाड्रन तैनात की तैनाती वाले महत्वपूर्ण हवाई अड्डों को सटीक निशाना बनाया गया। पाकिस्तान में इतने गंभीर और अंदर तक जाकर किए गए हमलों की वजह से इस्लामाबाद से लेकर वाशिंगटन तक हड़कंप मच गया।
सुबह 9:30 बजे तक पाकिस्तान में घबराहट फैल चुकी थी। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि बात सिर्फ सैन्य हॉटलाइन पर होगी। इस बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर अमेरिकी अधिकारियों से बात कर रहा था और ये कह रहा था कि वो सीजफायर के लिए तैयार है।
हमलों के आखिरी चरण में भारत ने तोड़ी पाकिस्तानी डिफेंस की कमर
एक तरफ पाकिस्तान हमले रोकने के लिए भीख माँग रहा था और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ा रहा था, तो भारत रुका नहीं था, बल्कि वो अपने ऑपरेशन के तीसरे और चौथे चरण को अंजाम दे रहा था। इस चरण में भारतीय बलों ने रफीकी, सुक्कुर, जैकोबाबाद, भोलारी, चुनिया, पसरूर, अरिफवाला और मुरिद जैसे हवाई अड्डों और रडार ठिकानों को निशाना बनाया। नूर खान पर बार-बार हमले से पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम बुरी तरह से चरमरा गया और वो अपनी रक्षा करने की जगह ऑपरेशनल तौर पर पंगु हो गया।
तड़के जनरल मुनीर ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन किया। अब तक पाकिस्तान को नुकसान की भयानकता समझ आ चुकी थी।
भारत का ‘अपर हैंड’ और पाकिस्तान ने पीछे खींचे कदम
भारत ने करीब दोपहर 12 बजे अपने हमले रोके। 12:30 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन 3:30 बजे तक बात नहीं हो पाई। भारत ने अपनी नीति के मुताबिक शाम 5 बजे से हमले रोक दिए, लेकिन यह तभी हुआ जब पाकिस्तान ने सैन्य हॉटलाइन के जरिए औपचारिक अनुरोध किया।
ऑपरेशन सिंदूर को शुरू और खत्म हुए दो हफ्ते बीत चुके हैं। बंदूकें खामोश हैं। जंग की आवाजें थम गई हैं, लेकिन इस ऑपरेशन ने वो कर दिखाया, जो कागजी कार्रवाई या बयानबाजी नहीं कर पाई। इसने साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद का जवाब सिर्फ बयानों या आत्मरक्षा से नहीं देगा। अब वो आतंकी हमलों का करारा जवाब देगा और वो सिर्फ आतंकियों ही नहीं, आतंकियों के साथियों को भी बर्बाद कर देगा।
बता दें कि भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद से परेशान रहा है। ऑपरेशन सिंदूर एक साहसिक कदम है, जिसने साफ संदेश दिया कि भारत न सिर्फ अपनी रक्षा करेगा, बल्कि उकसावे का जवाब जोरदार तरीके से देगा। भले ही अभी सीजफायर (युद्धविराम) हो, भारत ने साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। अब कोई भी आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा।