जम्मू कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल, 2025 को आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर 28 पर्यटकों को मार डाला। उनके पैंट उतरवा-उतरवा कर चेक किया गया कि उनका खतना हुआ है या नहीं। अब सामने आया है कि इन आतंकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, लेकिन उनका कार्यक्रम टलने के कारण ये आतंकी बौखलाए हुए थे। बता दें कि कटरा से श्रीनगर वाली ‘वन्दे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी कश्मीर दौरे पर जाने वाले थे।
PM मोदी थे निशाना, ‘वन्दे भारत’ वाला कार्यक्रम टलने से बौखलाए
इस घटना के लिए चीनी कंपनी हुवावे के फोन का इस्तेमाल किया गया, वहीं हथियार पाकिस्तान से तस्करी करके लाए गए। बता दें कि Huawei-ZTE को 5G नेटवर्क के लिए भारत में उपकरण बेचने की अनुमति नहीं है। यहाँ तक कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक ने सुरक्षा कारणों से इसे बैन कर रखा है। 19 अप्रैल को ही पीएम मोदी का दौरा रद्द होने की सूचना आ गई थी। पहलगाम में 2 आतंकी पहले से ही यात्रियों में घुले-मिले हुए थे और वो उन्हें फ़ूड कोर्ट में वहाँ ले गए जहाँ बाकी के दो आतंकी थे।
कश्मीर में 20 OGW (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) की पहचान ख़ुफ़िया एजेंसियों ने की है। इस हमले में पाकिस्तानी फ़ौज, वहाँ की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा के मिले होने की बात पता चली है। हाशमी मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा – ये दोनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक हैं। आतंकियों ने अरु घाटी और बेताब घाटी के मनोरंजन स्थलों की भी रेकी की थी लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कम होने के कारण उन्होंने बैसरन घाटी को निशाना बनाया।
इस मामले की जाँच की गहनता का आप इसी से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि 2800 लोगों से अबतक NIA की पूछताछ कर चुकी है। 180 से अधिक लोग अब भी हिरासत में हैं। इनमें से अधिकतर जमात-ए-इस्लामी व हुर्रियत के विभिन्न समूहों से जुड़े हुए हैं। पहलगाम आने-जाने वाले मार्गों की CCTV फुटेज की भी जाँच की जा रही है। उधर पाकिस्तान भी भारत द्वारा जवाबी कार्रवाई की संभावना के कारण खौफ में है। सर्जिकल और एयर स्ट्राइक की यादें आज भी वहाँ ताज़ा हैं।
श्रीनगर में आतंकी हमले की आशंका: मिले थे ख़ुफ़िया इनपुट्स
ये भी सामने आया है कि संभावित आतंकी हमले को लेकर 12 अप्रैल को ही ख़ुफ़िया एजेंसियों को गुप्त सूचना मिली थी। इसमें आशंका जताई गई थी कि श्रीनगर और इसके आसपास के इलाक़ों में आतंकी होटलों में ठहरे पर्यटकों को निशाना बना सकते हैं। इन्हीं गुप्त सूचनाओं के बाद पूरे ज़बरवान घाटी के अलावा डल झील और श्रीनगर स्थित मुग़ल गार्डन की सुरक्षा बढ़ाई गई थी। आतंकी हमले से पहले DGP समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इलाक़े में कैम्प करके ख़ुद वहाँ की निगरानी की थी।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की ख़बर के अनुसार, जम्मू कश्मीर पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट्स मिले थे। उन्हें आशंका थी कि हमला होने वाला है। उन्हें लगा था कि श्रीनगर के बाहर किसी होटल को निशाना बनाया जा सकता है। नागरिकों की हत्याओं की अधिकतर वारदातें दक्षिणी कश्मीर में ही हुई हैं। दाचीगाम, निशात व अन्य इलाक़ों में पहलगाम हमले से 10-15 दिन पहले तलाशी अभियान भी चलाया गया था। हालाँकि, पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये इंटेलिजेंस इनपुट्स उतने पुख्ता नहीं थे।
एक स्थानीय दुकानदार भी शक के घेरे में
पहलगाम में हुए आतंकी हमले से 15 दिन पहले एक शख्स ने वहाँ एक दुकान खोली थी। हालाँकि, हैरानी की बात ये रही कि हमले वाले दिन उसने अपनी दुकान बंद रखी थी। NIA भी उससे पूछताछ कर रही है। NIA अबतक इस मामले में 100 संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। अब उक्त दुकानदार के फोन कॉल के डिटेल्स भी खँगाले जा रहे हैं। फोटोग्राफरों से लेकर घोड़े वालों और दुकानदारों जैसे कई स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई है। इससे पहले वीडियो में हमले के समय ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्लाते हुए दिखे एक जिपलाइन ऑपरेटर को क्लीन-चिट दी जा चुकी है।
Pahalgam Terrorist Attack : घाटी में कश्मीरी पंडितों का 'पलायन रिटन्र्स'!#PahalgamTerroristAttack #KashmirTerroristAttack #KashmirFiles pic.twitter.com/7V0ycQ5Aso
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) May 4, 2025
पूछताछ के दौरान पता चला कि वो उस समय काफी डर गया था और घर जाकर उसने एक दोस्त को फोन कॉल किया था। अगस्त 2023 में कुलगाम में 3 जवानों की हत्या कर दी गई थी, जाँच एजेंसियों को शक है कि उसी समूह ने पहलगाम में भी ख़ून बहाया है। मई 2024 में जम्मू के पुँछ जिले में हुए आतंकी हमले में भी इन्हीं के शामिल होने का शक है। उसमें वायुसेना के एक जवान की हत्या कर दी गई थी। पहले हुए आतंकी हमलों की डिटेल्स फिर से जाँची जा रही है।