Friday, May 3, 2024

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इतिहास

7,686,369,774,870 × 2,465,099,745,779 का उत्तर क्या होगा? वो महिला, जिन्होंने मात्र 28 सेकेंड्स में बता दिया था…

शकुंतला देवी के पास बड़ी डिग्रियाँ नहीं थीं, परीक्षाओं में वो असाधारण परिणाम नहीं लाती थीं, लेकिन गणित की गणनाओं में उनका कोई सानी न था।

भारत में मुस्लिम लेकर आए थे जलेबी तो फिर श्रीराम के जन्मदिन पर कैसे बनी थी ‘कर्णशष्कुलिका’: जलेबी के मुगलीकरण पर बहस

गुजरात हिस्ट्री के इसी दावे पर कुछ लोगों में काफी नाराजगी है। आदि नाम के एक यूजर ने दावा किया है कि जलेबी प्रभु राम के जन्मदिन पर भी बनाई जाती थी जिसका जिक्र आध्यत्म रामायण में है।

कश्मीरी हिन्दुओं के लिए भारत ही नहीं शेख के यार नेहरू की नाराजगी को भी चुना था महाराजा हरि सिंह ने, आज ही के...

महाराजा हरि सिंह को नेहरू का शेख अब्दुल्ला के साथ मैत्रीपूर्ण बर्ताव बिलकुल नहीं पसंद था। जबकि जिन्ना को लग रहा था कि J&K की बहुसंख्यक आबादी के कारण महाराजा उनके साथ ही शामिल होंगे।

विभाजन के बाद की पहली दिवाली: कबाइलियों के आतंक से J&K को बचाने में RSS की भूमिका

11 नवंबर, 1947 को देश में दिवाली मनाई जा रही थी, उस समय राजौरी कबाइलियों के आतंक में जुल्म में जल रहा था। तीस हजार से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।

समझिए गणित के 100 समीकरणों से कैसे बना माँ दुर्गा का चित्र: प्राचीन भारत, जिसने गणित से ईश्वर को प्राप्त करना सिखाया

100 समीकरणों से माँ दुर्गा की तस्वीर कैसे बनी, यहाँ ये जानने के साथ-साथ हम भारत के समृद्ध प्राचीन इतिहास की ओर चलेंगे, जहाँ ऋषि-मुनियों ने हमें गणित के माध्यम से प्रकृति को पढ़ कर ईश्वर को प्राप्त करना सिखाया।

जब महात्मा गाँधी ने अपने बेटे मणिलाल को कहा: फातिमा से विवाह अधर्म है, तुम्हारे बच्चों का धर्म क्या होगा?

मणिलाल फातिमा से विवाह करना चाहते थे लेकिन एमके गाँधी ने उन्हें पत्र में लिखा कि जिस शादी के बारे में वो सोच रहा है, वो धर्म नहीं बल्कि अधर्म है।

‘मुसलमानों ने मजहब नहीं भारत को चुना’ – यह एक मिथक है, यकीन न हो तो सरदार पटेल का 1948 वाला यह भाषण सुनिए

सरदार पटेल ने जनवरी 1948 में कोलकाता में अपने भाषण में उन भावनाओं को आवाज़ दी जो हमारे ‘धर्मनिरपेक्ष’ नेताओं को गहरा मानसिक आघात दे सकते हैं।

सिंहासन खाली हुई लेकिन जनता नहीं, सत्तालोलुप नेता आए: जेपी के वो चेले, जिन्होंने उड़ा दी गुरु की ही ‘धज्जियाँ’

यूपी-बिहार ही नहीं, पूरे देश में कई ऐसे बड़े नेता हैं, जो आज राजनीति के इस मुकाम पर इसीलिए हैं क्योंकि उन पर कभी जयप्रकाश नारायण का हाथ था। लेकिन, इन नेताओं की प्राथमिकता में जनता कभी रही ही नहीं।

चे ग्वेरा: रक्तपिपासु, होमोफ़ोबिक, नस्लवादी.. मार्क्सवादी क्रांति व लिबरल्स के रूमानी नायक से जुड़े वो खौफनाक तथ्य जिन्हें सभी नकारना चाहते हैं

'ग्वेरावादियों' ने ऐसी किसी भी चीज़ से मुँह मोड़ लिया, जो ग्वेरा की आदर्श छवि के साथ फिट नहीं बैठती। ग्वेरा निश्चित ही एक जल्लाद था। उसकी नजरों में इंसानों की मौत कुछ भी नहीं थी।

1000 वर्ष बाद पूरा होगा राजा भोज का स्वप्न, ‘उत्तर के सोमनाथ’ मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करवाएगी मोदी सरकार

सोमनाथ के अपमान से क्रुद्ध राजा भोज के हमले के बाद महमूद गजनवी तो रेगिस्तान में भाग खड़ा हुआ लेकिन उसके बेटे सालार मसूद को मौत के घाट उतार दिया गया, तब इस मंदिर का निर्माण हुआ था।

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